एसटीएफ ने यूपीएसएसएससी परीक्षा में सेंध लगाने वाले दो सॉल्वर गैंग के 14 लोगों को बरेली, लखनऊ, गोरखपुर, कानपुर, गोंडा से गिरफ्तार किया। वहीं 99 मुन्ना भाई को पकड़ कर पूछताछ की जा रही है। लखनऊ में गिरफ्तार सॉल्वर गैंग के सदस्य ने ब्लूटूथ डिवाइस का प्रयोग किया था। वहीं बरेली में बिहार के गिरोह ने अपने सॉल्वर बैठाए थे। यह परीक्षा प्रदेश के 20 जनपदों में कुल 737 परीक्षा केन्द्रों पर चार पालियों में हो रही है। एलएलबी की परीक्षा में भी एक सॉल्वर को पकड़ा गया।
एसटीएफ के एसएसपी विशाल विक्रम सिंह ने बताया कि सॉल्वर गैंग के चार लोग लखनऊ, गोरखपुर से दो, कानपुर से एक को पकड़ा गया। जिनकी निशान देही से सात अन्य को पकड़ा गया। लखनऊ में पकड़े सॉल्वर में से एक लेखपाल था। आजमगढ़ निवासी लेखपाल कमलेश यादव ब्लूटूथ डिवाइस से परीक्षा दे रहा था। सबसे अधिक साल्वर बरेली में दबोचे गए। अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक पद के लिए बरेली में कुल 31 केंद्रों पर परीक्षा हुई। यहां हाफिजगंज और रिठौरा से सात युवकों को पकड़ा गया। यह सभी युवक दूसरों की जगह परीक्षा देने आए थे। इनसे पूछताछ हो रही है।
सॉल्वर गिरोह का सरगना मुरादाबाद निवासी नाजिम ने पूछताछ में बताया कि इस परीक्षा में परीक्षार्थियों को पास कराने के लिए बिहार से सॉल्वर लेकर आया था।
परीक्षार्थी के स्थान पर सॉल्वर बैठाने के लिए एडमिट कार्ड पर फोटो मिक्सिंग कर एडमिट कार्ड एवं इसी तरह से आधार कार्ड भी बनाया था। प्रति अभ्यर्थी 10-15 लाख रूपये नौकरी के बाद देने की बात हुई थी।
नाजिम के साथ यूपी एसटीएफ ने बिहार, नालंदा निवासी नीरज कुमार (सॉल्वर) व गया निवासी संदीप कुमार (सॉल्वर), परीक्षार्थी मुरादाबाद निवासी जाबिर अली (परीक्षार्थी), मोहनिस (सरगना का मददगार) , मुकेश कुमार (परीक्षार्थी/मीडियेटर) और उत्तराखंड निवासी कुलदीप को पकड़ा है।
वीडीओ भर्ती पुनर्परीक्षा के लिए 20 जिलों में 737 केंद्र थे। नकलचियों को पकड़ने के लिए ‘फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर’ की मदद ली गई।
पहली पाली में 12, दूसरी पाली में 87 को नकल करते हुए पकड़ा गया। आजमगढ़ दो, आगरा चार, अलीगढ़ 11, अयोध्या एक, बांदा पांच, बरेली चार, बस्ती एक, गौतमबुद्धनगर तीन, गाजियाबाद 14, गोंडा एक, गोरखपुर पांच, झांसी एक, कानपुर नगर 14, लखनऊ 13, मेरठ तीन, मिर्जापुर चार, मुरादाबाद दो, प्रयागराज दो और वाराणसी में नौ को पकड़ा गया है।
मेरठ में बिहार का एक युवक दूसरे की जगह परीक्षा देते पकड़ा गया। गोरखपुर के चार केंद्रों पर पांच सॉल्वर पकड़े गए।
मिर्जापुर के अलग-अलग केंद्रों से चार फर्जी परीक्षार्थियों और ब्लूटूथ लगाकर परीक्षा दे रहे एक नकलची को पकड़ा गया। जिसने पूछताछ कर विधिक कार्रवाई की जा रही है।
एसटीएफ के मुताबिक लखनऊ के मदेयगंज के एक केंद्र पर सॉल्वर आजमगढ़ निवासी राहुल यादव गिरफ्तार किया गया। वहीं एसटीएफ की साइबर टीम ने आजमगढ़ निवासी लेखपाल कमलेश कुमार यादव को थाना गोमतीनगर विस्तार के एक परीक्षा केंद्र से पकड़ा। वह ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से परीक्षा दे रहा था।
वहीं गाजीपुर के परीक्षा केंद्र सरस्वती बालिया इंटर कालेज से आजमगढ़ निवासी मनोज यादव और कमलेश यादव को गिरफ्तार किया।
एसटीएफ की फील्ड इकाई गोरखपुर ने परीक्षा केन्द्र नीना थापा इंटर कालेज के पास से अंबेडकरनगर निवासी रितेश त्रिपाठी व दीपांशु वर्मा को गिरफ्तार कर लिया।
जबकि कानपुर के नौबस्ता स्थित परीक्षा केन्द्र एलवीएम इंटर कालेज से एसटीएफ ने सॉल्वर जौनपुर निवासी सत्यम तिवारी को गिरफ्तार किया गया।
लेखपाल के गिरोह ने माइक्रो ब्लूटूथ डिवाइस का प्रयोग किया था। जो कान के भीतर सेट कर दी गई थी। यही वजह है कि अभ्यर्थी आसानी से परीक्षा केंद्र के प्रवेश कर सके।
एसटीएफ के मुताबिक लेखपाल ने जिन जिन अभ्यर्थियों से डील की थी उनसे एडवांस रकम लेकर ये डिवाइस उपलब्ध कराई थी। सभी में एयरटेल का सिम पड़ा था।
किस तरह से डिवाइस एक्टिव होगी और कैसे उसका इस्तेमाल करना है, इसके लिए बाकायदा उसने परीक्षा से कई दिन पहले ट्रेनिंग दी थी।
एसटीएफ उनके बारे में भी जानकारी निकाल रही है, जिन्होंने लेखपाल को ये डिवाइस बेची।
एसटीएफ ने आजमगढ़ के मानपुर गांव के राहुल यादव को लखनऊ से गिरफ्तार किया। पूछताछ में राहुल ने बताया कि आजमगढ़ के कमलेश से आठ लाख में सौदा हुआ था। शनिवार को उसने डिवाइस दी। गाजीपुर थाना क्षेत्र स्थित सरस्वती कॉलेज से मनोज यादव और कमलेश यादव नाम के सॉल्वर को गिरफ्तार किया। मनोज ने बताया कि उसे 12 लाख में परीक्षा पास कराने की डील हुई थी।