अमरावती बिल्डर के बाद अब उनके करीबी लोगों पर आयकर का छापा पड़ने लगा है। रविवार रात आयकर विभाग की टीम ने गोमतीनगर बेतवा अपार्टमेंट स्थित बिल्डर के करीब कारोबारी हरीश मिश्रा के यहां छापा मारा। बताया जा रहा है कि अमरावती बिल्डर के यहां हुई प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री में कारोबारी रजनीकांत मिश्रा का बड़ा योगदान था।
इसमें एक 65 करोड़ की जमीन का मामला सामने आया है। इसका कोई भी कागज बिल्डर नहीं दिखा पाए हैं। अब उसकी खरीदारी रजनीकांत मिश्रा के यहां से हुई है। ऐसे में टीम उनके यहां छापा मारने पहुंची है। हरीश मिश्रा अमरावती और पिंटेल ग्रुप द्वारा खरीदी गई कई जमीनों की सेल डीड में आथोराइज सिगनेटरी भी थे।दो सप्ताह पहले लखनऊ में अमरावती, पिनटेल इफ्राकॉम और एक्सेला ग्रुप के ठिकानों पर छापा पड़ा था। करीब 70 घंटे तक जांच चली थी। अब कुछ ऐसे कागजात हाथ लगे, जिससे यह पता चल रहा है इनके यहां बड़े राजनीतिक घरानों के भी पैसे लगे है। इसमें यूपी से लेकर महाराष्ट्र तक के राजनेता शामिल है।
हवाला के जरिए यह पैसा लगाया जाता था। टीम ने लखनऊ के अलावा दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, वाराणसी, जौनपुर समेत कई शहरों में पिनटेल, अमरावती, एक्सेला के 50 से ज्यादा ठिकानों पर छापा मारा था। छापों के दौरान अमरावती ग्रुप के निदेशकों के ठिकानों से 6.50 करोड़ बरामद हुए हैं। इसके अलावा बड़ी तादाद में संपत्तियों की जानकारी मिली है। रियल एस्टेट से जुड़े रोहित सहाय, रवि पांडेय, रजनीकांत मिश्रा, किशोरी लाल गोयल, आनंद अग्रवाल, आकाश अग्रवाल के ठिकानों पर पर भी आईटी की रेड पड़ी थी।जनीतिक घरानों का नंबर दो का पैसा रिएल स्टेट में लगाया गया है। महाराष्ट्र के एक बड़े राजनीतिक परिवार इसमें जुड़ा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि कई शेल कंपनियों और बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज अभी तक इनकम टैक्स के अधिकारियों को मिले है। उम्मीद है कि अभी बड़े स्तर पर खेल हुआ है, इसकी वजह से छापा जारी है। दरअसल, कुछ कंपनियों में नंद किशोर चतुर्वेदी डायरेक्टर है।
नंद किशोर चतुर्वेदी चतुर्वेदी पिछले साल चर्चा में आए थे। उस समय महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के रिश्तेदार श्रीधर पाटणकर के यहां छापेमारी की थी। नंद किशोर चतुर्वेदी पर बड़ा हवाला ऑपरेटर होने के आरोप हैं। पिनटेल इफ्राकॉम में नंद किशोर चतुर्वेदी, रोहित सहाय और रवि पांडेय डायरेक्टर हैं। पाटणकर की साईं बाबा गृह निर्माण प्राइवेट लिमिटेड को हमसफर कंपनी से 30 करोड़ रुपए का कर्ज मिला था।