150 कलमकारों को दिया रूबरू फाउंडेशन ने साहित्य श्री सम्मान, कविता संग्रह का भी हुआ विमोचन

लखनऊ में हिंदी संस्थान स्थित निराला सभागार में गुरुवार को रूबरू फाउंडेशन ने साहित्य उत्सव आयोजित किया। उत्सव में देश भर से आए 150 कलमकारों को साहित्य श्री सम्मान से नवाजा गया। साथ ही रूबरू फाउंडेशन द्वारा प्रकाशित ‘तन्हा तन्हा साझा कविता संग्रह’ का विमोचन भी हुआ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व पुलिस महानिदेशक एमसी द्विवेदी ने रूबरू फाउंडेशन के संस्थापक इरशाद राही के बारे में कुछ शब्द कहे। उन्होंने कहा कि “इस तरह के कार्यक्रम इरशाद राही अपने दमखम पर खुद करते रहते हैं। उनकी वाणी में इतना दम है कि लोग दूर दराज के इलाकों से भी कार्यक्रम में पहुंचते हैं। रूबरू हिंदी, उर्दू को करीब लाने का एक मजबूत माध्यम है”।
फाउंडेशन सचिव मो. अजहर हुसैन ने देश के विभिन्न इलाकों से आए कलमकारों का फूल माला पहनाकर स्वागत किया। साथ ही फाउंडेशन की वार्षिक रिपोर्ट भी पेश की। फिर सभी मेहमानों ने मिलकर कविता संग्रह का विमोचन किया। इस कविता संग्रह में इरशाद राही, नरेन्द्र भूषण, यदुनाथ सुमन, भावना मौर्य आदि समेत 33 साहित्यकारों की रचनाएं शामिल हैं। इस दौरान अजहर ने कहा कि रूबरू फाउंडेशन एक और साझा कविता संग्रह का प्रकाशन जल्द ही करेगा।
उसके बाद स्पेशल गेस्ट के तौर पर पहुंचे मुरलीधर आहूजा, इरशाद राही, मोहम्मद अजहर हुसैन और अन्य गड़मानों ने सभी साहित्यकारों को सम्मानित किया। पहले साझा कविता संग्रह के 33 रचनाकारों को साहित्य श्री सम्मान से नवाजा गया। फिर रश्मि सिन्हा, शिव ओम मिश्रा, शक्ति वाजपेई, सुषमा श्रीवास्तव, लक्ष्मी सोनी और रुबीना मुर्तजा समेत 120 साहित्यकारों को भी सम्मानित किया।
फाउंडेशन के संस्थापक, मशहूर कवि, लेखक और गीतकार इरशाद राही ने अपने संबोधन में कहा कि “साझा कविता संग्रह तन्हा तन्हा एक सोच है। जिसमें हमारे शब्दों को राह मिली। उसी राह पर हम सबके एहसास, जज्बात अपनी जगह लेने लगे। जिसका नतीजा है ये किताब तन्हा-तन्हा आपके हाथों में है”। कार्यक्रम को सफल बनाने में महेश अस्थाना, सरवर लखनवी, मोहम्मद उमर, मरियम हुसैन, नीतू श्रीवास्तव, रोशन जहां और अनम हुसैन आदि ने पूरा योगदान दिया।