WTC फाइनल के बाद अब भारत वेस्टइंडीज के दौरे पर जा रहा है। टूर का आगाज दो टेस्ट की सीरीज से होगा। 12 जुलाई को दोनों टीमों के बीच पहला टेस्ट खेला जाएगा। इसके साथ ही भारत के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप के अगले राउंड का आगाज भी होगा। इन दोनों टेस्ट मैच के पॉइंट्स WTC पॉइंट्स टेबल में जुड़ेंगे।
आकड़ों के हिसाब से भारत का वेस्टइंडीज में प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा है। अब तक खेले 51 टेस्ट में भारत को सिर्फ 9 जीत ही मिली है। इसका मतलब टीम ने सिर्फ 17 फीसदी टेस्ट ही वेस्टइंडीज में जीते। हालांकि, यह भी सच है इस सदी में भारत ने टेस्ट फॉर्मेट में वेस्टइंडीज में अच्छा प्रदर्शन किया है।
ओवरऑल टेस्ट में हेड टु हेड रिकॉर्ड की बात करें तो वेस्टइंडीज ने ज्यादा मैच जीते हैं। दोनों टीमों के बीच 98 टेस्ट हुए हैं। इनमें भारत ने 22 मैच जीते। वहीं, वेस्टइंडीज ने 30 मैच में जीत हासिल की। 46 मैच ड्रॉ रहे। 51 टेस्ट वेस्टइंडीज और 47 भारत में खेले गए।
भारतीय टेस्ट टीम का वेस्टइंडीज में प्रदर्शन खराब है। कुल 51 मैच में अब तक कैरेबियाई धरती पर भारत ने 9 टेस्ट ही जीते है। जबकि, 16 वेस्टइंडीज ने जीते और 26 मैच ड्रॉ रहे। हालांकि, टीम इंडिया वेस्टइंडीज में 2002 के बाद से टेस्ट सीरीज नहीं हारी है। तब भारत को 5 मैचों की सीरीज में 1-2 से हार का सामना करना पड़ा था।
2002 के बाद टीम इंडिया ने 2006, 2011, 2016 और 2019 में 4 सीरीज खेलीं। भारत को चारों में जीत मिली।2019 में 2 टेस्ट की सीरीज भारत ने विराट कोहली की कप्तानी में 2-0 से जीती थी।
वेस्टइंडीज में भारतीय गेंदबाजों में अनिल कुंबले का बोलबाला रहा है। कुंबले ने वेस्टइंडीज में 11 मैचों में 45 विकेट लिए हैं। इसमें वह वाकया भी शामिल है जब 2002 में कुंबले ने टूटे जबड़े के साथ पट्टी लगा कर बॉलिंग की थी। इस मैच में कुंबले ने 14 ओवर किए थे और उन्हें 1 विकेट मिला था।
एक्टिव खिलाड़ियों में ईशांत शर्मा ने वेस्टइंडीज में सबसे ज्यादा विकेट लिए हैं। ईशांत के नाम वेस्टइंडीज में खेले 9 मैचों में 41 विकेट हैं। हालांकि पिछले एक साल से भारत की टेस्ट टीम में जगह नहीं बना सके हैं। ऐसे में विंडीज टूर पर भी उन्हें मौका मिलता नजर नहीं ही आ रहा है। अभी के खिलाड़ियों में ईशांत के बाद वेस्टइंडीज में मोहम्मद शमी का नाम आता है, जिन्होंने 6 मैचों में 20 विकेट लिए हैं।
टीम इंडिया के हेड कोच राहुल द्रविड़ वेस्टइंडीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले भारतीय हैं। द्रविड़ ने वेस्टइंडीज में खेले 17 मैचों में कुल 1511 बनाए हैं। एक्टिव बैटर्स में अजिंक्य रहाणे ने सबसे ज्यादा रन बनाए हैं। उनके नाम 6 मैचों की 8 पारियों में 514 रन हैं। उनके बाद विराट कोहली का नाम आता है जिन्होंने 9 मैचों की 13 पारियों में 463 रन बनाए हैं।
नए चेहरों को मौका – वेस्टइंडीज सीरीज में नए चेहरों को मौका मिल सकता है। WTC के आने वाले दो साल में टीम में एक्सपेरिमेंट होंगे। दौरे के लिए भारत का फुल स्क्वॉड जाएगा। ऐसे में नए चहरे जैसे यशस्वी जायसवाल, सौरभ कुमार, मुकेश कुमार और ईशान किशन को टीम आजमा सकती है। टीम के लिए यह रिस्की होगा, क्योंकि WTC हारने के बाद वेस्टइंडीज के खिलाफ जीतने का प्रेशर रहेगा। अगर टीम हारती है तो मैनेजमेंट पर सवाल भी उठेंगे, लेकिन फ्यूचर को देखते हुए एक्सपेरिमेंट करने ही होंगे।
स्पिनर्स की परीक्षा – वेस्टइंडीज की पिच वैसे तो फास्ट बॉलर को सपोर्ट करती है। लेकिन, कई बार टर्निंग ट्रैक भी देखने को मिल जाता है। ऐसे में भारतीय स्पिन अटैक पर यहां खुद को साबित करने की जिम्मेदारी होगी।
प्लेयर मैनेजमेंट – टेस्ट सीरीज प्लेयर्स को थका देती है। आगे वनडे भी खेलने है। प्लेयर्स वर्ल्ड कप साल के कारण वनडे पर फोकस करेंगे। टीम मैनेजमेंट के ऊपर जिम्मेदारी होगी कि भारतीय टीम अपनी फिटनेस बनाए रखे और सीनियर प्लेयर्स चोटिल न हो।
वेस्टइंडीज का पेस अटैक – वेस्टइंडीज के पास शानदार तेज गेंदबाज है। जिनमें केमार रोच, जेसन होल्डर, ओडियन स्मिथ, कीमो पॉल और अल्जारी जोसफ जैसे पेसर्स शामिल हैं। इनके सामने भारतीय बैटर्स की कड़ी परीक्षा होगी।