दिवंगत एक्ट्रेस रीमा लागू की आज 65वीं बर्थ एनिवर्सरी है। फिल्मों में मां के रोल में वो इतनी पसंद की गईं कि उन्हें इंडस्ट्री की मां का टैग मिल गया। लगभग 74 फिल्मों का हिस्सा रहीं रीमा लागू ने हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया था। टीवी शोज में भी उन्होंने अपनी एक्टिंग की छाप छोड़ी।
एक्टिंग के सफर में उन्हें एक शख्स से प्यार हुआ, फिर शादी की लेकिन कुछ समय बाद दोनों का अलगाव हो गया और अकेले ही उन्होंने बेटे की परवरिश की। उन्होंने बचपन में ही कई फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम किया था। इसके अलावा उन्होंने 10 साल तक बैंक में नौकरी की थी, फिर फिल्मों में आईं। मौत के एक दिन पहले तक वो काम कर रही थीं।
रीमा लागू का जन्म 21 जून 1958 को मुंबई में हुआ था। मां मराठी फिल्मों में काम करती थीं, जिस वजह से उनका रुझान भी एक्टिंग की तरफ हमेशा से था। यही कारण था कि उन्होंने बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट ही कई फिल्मों में काम किया। चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर काम करने के बाद उन्होंने मराठी स्टेज पर काम पर करना शुरू किया। इससे उन्हें बहुत पॉपुलैरिटी मिली फिर उन्होंने टीवी इंडस्ट्री का रुख किया।
1985 में रीमा लागू ने खानदान शो से टीवी इंडस्ट्री में डेब्यू किया था। शो में लोगों को उनका काम बहुत पसंद आया जिसके बाद वो श्रीमान-श्रीमती और तू-तू मैं-मैं जैसे शोज का भी हिस्सा रहीं। इन शोज में बेहतरीन काम के लिए उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस इन कॉमिक रोल के लिए इंडियन टेली अवाॅर्ड मिला था।
टीवी इंडस्ट्री में काम करने के साथ 10 साल तक बैंक में भी काम किया
टीवी इंडस्ट्री में काम करने से पहले उन्होंने पढ़ाई पूरी करने के बाद 1979 से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने ये नौकरी तकरीबन 10 साल तक की। इस दौरान वो इंटर बैंक कल्चरल इवेंट में पार्टिसिपेट किया करती थीं।
रीमा लागू ने बैंक की नौकरी के दौरान ही टीवी शोज में भी काम करती रहीं। जब उन्हें एक्टिंग करियर में कामयाबी ज्यादा मिलने लगी, तो उन्होंने 10 साल बाद बैंक की नौकरी छोड़ दी और पूरी तरह से एक्टिंग फील्ड में काम करने लगीं।
इस दौरान उनकी मुलाकात विवेक लागू से हुई। कुछ समय तक साथ रहने के बाद दोनों ने 1978 में शादी कर ली। हालांकि कुछ समय बाद दोनों की बीच दूरियां आने लगी। नतीजा, कुछ साल बाद उनका तलाक हो गया। शादी टूट जाने के बाद उन्होंने जैसे-तैसे खुद को संभाला। हालांकि इसके बाद भी उन्होंने दूसरी शादी कभी नहीं की। इस शादी से रीमा ने एक बेटी मृण्मयी का जन्म दिया था। तलाक के बाद उन्होंने अकेले ही बेटी की परवरिश की। बेटी मृण्मयी एक्ट्रेस और थिएटर डायरेक्टर हैं।
1979 में रीमा लागू ने फिल्म सिंहासन से मराठी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया। हिंदी फिल्म में उन्हें बड़ी पहचान 1988 में आई फिल्म कयामत से कयामत से मिली, जिसमें उन्होंने जूही चावला की मां का रोल निभाया था। अगले साल रीमा लागू को 1989 की फिल्म मैंने प्यार किया में सलमान खान की मां के रोल में देखा गया। इन सभी फिल्मों में उनके मां के रोल को दर्शकों ने बहुत पसंद किया।
1993 में फिल्म गुमराह आई थी। फिल्म में श्रीदेवी का मां को रोल रीमा लागू ने निभाया था। फिल्म को मुकेश भट्ट ने डायरेक्ट और यश जौहर ने प्रोड्यूस किया था। शूटिंग पूरी होने जाने के बाद फिल्म की एडिटिंग के दौरान श्रीदेवी की नजर रीमा लागू के परफॉर्मेंस पर पड़ी। ये देखकर वो डर गईं कि कहीं फिल्म में उनकी एक्टिंग रीमा लागू की एक्टिंग से ओवरशैडो ना हो जाए।
इस वजह से उन्होंने यश जौहर से गुजारिश की थी कि वो फिल्म में रीमा लागू के कई सीन्स हटा दें। यश जौहर ऐसा करना नहीं चाहते थे। हालांकि श्रीदेवी की जिद की वजह से उन्हें झुकना पड़ा और रीमा लागू के कई सीन्स उन्होंने फिल्म से हटा दिए।
इस बात का यश जौहर का बहुत मलाल हुआ। सीन्स हटाने का उन्हें बहुत पछतावा हुआ। फिर उन्होंने ये फैसला कि उनकी प्रोडक्शन में बनी लगभग सभी फिल्मों रीमा लागू ही मां का रोल निभाएंगी। इस फैसले के बाद उनके प्रोडक्शन में बनी फिल्मों कल हो ना हो, डुप्लीकेट और कुछ-कुछ होता है, में रीमा लागू ने मां का रोल प्ले किया।
उनके इसी कदम से रीमा लागू कई फिल्मों में मां का रोल निभाया और इंडस्ट्री की मां का टैग अपने नाम किया।
1999 की फिल्म वास्तव में रीमा लागू की काम को बहुत सराहना मिली। फिल्म में संजय दत्त ने गैंगस्टर का रोल निभाया था और रीमा लागू उनकी मां के किरदार में दिखी थीं। इस दौरान रीमा उनसे महज 2 साल ही छोटी थीं।
फिल्म में एक सीन था, जिसमें रीमा लागू को संजय दत्त को गोली मारना होता था। इस सीन की शूटिंग के दौरान जब उन्होंने ऑन-स्क्रीन बेटे को गोली मारने के लिए बंदूक उठाई तो उनके हाथ कांपने लगे, वो पूरी तरह से पसीने में लथपथ हो गई थीं। हालांकि बाद में उन्होंने कड़ी मेहनत से इस सीन को पूरा किया था।
फेमस फोटोग्राफर आशीष सोमपुरा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि रीमा लागू ही थी जिसके बदौलत उन्हें अपनी पहचान बनाने में मदद मिली थी। करियर के शुरुआत में उन्होंने रीमा लागू का पोर्टफोलियो शूट किया था। उसी दौरान रीमा जाना-पहचाना चेहरा थीं और आशीष इस फील्ड में नए थे। इसके बावजूद रीमा ने उन पर भरोसा किया था। इस काम के बदले उन्हें 600 रुपए मिले थे। उनके इसी शूट के बाद फिल्म इंडस्ट्री में आशीष को जानने लगे थे और धीरे-धीरे उन्हें काम भी मिलने लगा।
कई साल बाद रीमा लागू ने आशीष से ही अपनी बेटी का पोर्टफोलियो शूट कराने आई थीं। जब उन्होंने आशीष को फीस देनी चाहिए तो उन्होंने मना कर दिया। आशीष ने कहा कि उन्हीं बदौलत उन्होंने ये मुकाम हासिल किया है।
रीमा लागू को फिल्म मैंने प्यार किया, आशिकी, हम आपके हैं कौन और वास्तव के लिए 4 बार बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के फिल्मफेयर अवाॅर्ड के लिए नॉमिनेशन मिला था।
18 मई 2017 को 58 साल की उम्र में रीमा लागू ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। मौत के एक दिन पहले तक वो शूटिंग में बिजी थी। शूटिंग के बाद जब वो घर लौटी तो रात में उनके सीने में दर्द शुरू हुआ, जिसके बाद उन्हें रात 1 बजे कोकिलाबेन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। 3 बजकर 15 मिनट पर कार्डियक अरेस्ट से उनकी मौत हो गई।
सलमान खान की 11 फिल्मों में रीमा लागू ने ऑन-स्क्रीन मां को रोल निभाया था। 2017 में रीमा लागू समेत ओम पुरी और विनोद खन्ना का भी निधन हो गया था। इस पर सलमान ने ट्यूबलाइट के प्रमोशनल इवेंट में कहा था कि उन्होंने इस साल अपने 3 करीबी लोगों को खो दिया है।