भारत-पाकिस्तान युद्ध पर बनी इस फिल्म को देखने के लिए देशभर में थिएटर्स के बाहर लोगों की कतारें लगी थीं। सिनेमाघरों में एक्स्ट्रा सीट्स लगाकर लोगों को बैठाया जा रहा था। ऐसा ही एक थिएटर था साउथ दिल्ली का उपहार सिनेमा। 160 लोगों की क्षमता वाले इस हॉल में कई लोग एक्स्ट्रा चेयर लगाकर बैठे थे।
3 बजे वाला शो था। कोई 4 बजे सिनेमाघर की पार्किंग में आग लगी, जिसका धुआं हॉल में भर गया। लोगों के निकलने के लिए एक ही दरवाजा था, जो गेटकीपर बंद करके कहीं निकल गया था क्योंकि शो छूटने में पूरे 2 घंटे बाकी थे। हॉल में धुआं भरता गया, लोगों का दम घुटता गया। लोग निकलने की पुरजोर कोशिश करते रहे लेकिन बाहर नहीं जा पाए। एक के बाद एक 59 लोगों ने दम तोड़ दिया। कई गंभीर हालात तक पहुंच गए।
इस हादसे को नाम दिया गया उपहार सिनेमा ट्रैजडी। कई सालों तक केस चला। जांचें हुईं। कुछ 17 साल लगे पीड़ितों को न्याय मिलने में। आज इस हादसे के 26 साल हो गए हैं। इसी साल नेटफ्लिक्स पर इस घटना पर वेबसीरीज ट्रायल बाय फायर भी आई है। दिलचस्प बात है कि जिस फिल्म की रिलीज के दिन ये हादसा हुआ वो सन्नी देओल की थी, इस पर बनी वेबसीरीज में उनके कजिन अभय देओल पीड़ितों के न्याय के लिए लड़ते दिखाई दिए।
13 जून 1997 को हुए इस अग्निकांड से 14 साल पहले 1983 में दिल्ली के राजेंद्र पैलेस स्थित गोपाल टावर में आग लगी थी। इसके बाद कई सिनेमाघरों का भी इंस्पेक्शन हुआ और 12 सिनेमाघरों का सेफ्टी इंस्ट्रक्शन्स फॉलो न करने पर लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया था। इनमें साउथ दिल्ली स्थित उपहार सिनेमाघर भी शामिल था। लाइसेंस कैंसिल होने के बावजूद थिएटर मालिक धड़ल्ले से बिना गलती सुधारे थिएटर चलाते रहे।
6 साल बाद 6 जुलाई 1989 को सबस्टेशन में हुई गड़बड़ी से इस थिएटर में आग लगी थी, लेकिन इस बार भी लापरवाही को नजरअंदाज कर दिया गया था।