9 मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार खदीजा शाह के लिए अमेरिका ने कॉन्स्यूलर एक्सेस मांगा है। खदीजा के पास पाकिस्तान के अलावा अमेरिकी सिटीजनशिप भी है। तमाम मशक्कत के बाद खदीजा को 23 मई को गिरफ्तार किया जा सका था। उन्हें बचाने के लिए सरकार और विपक्ष ने पूरी ताकत लगाई थी, लेकिन फौजी ठिकानों पर हमलों की वजह से आर्मी चीफ ने कोई रियायत नहीं दी थी। इसी दबाव के चलते खदीजा को गिरफ्तार किया गया था।
9 मई को इमरान को अल कादिर ट्रस्ट स्कैम केस में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उनके समर्थकों ने आर्मी हेडक्वॉर्टर समेत फौज के कई अहम ठिकानों पर हमले किए थे। इस हिंसा में 11 लोग मारे गए थे। सैकड़ों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। तमाम बड़े नेता इमरान की पार्टी छोड़ चुके हैं।
बुधवार को अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने खदीजा के बारे में पूछे गए सवाल पर कहा- हम पाकिस्तान में हो रही तमाम घटनाओं पर नजर रख रहे हैं। जहां तक खदीजा की बात है तो वो अमेरिकी नागरिक भी हैं। लिहाजा, हमने उनके लिए कॉन्स्यूलर एक्सेस मांगा है। पाकिस्तान सरकार की तरफ से अपडेट का इंतजार है। हम उनकी पूरी मदद करेंगे।
पंजाब पुलिस ने 23 मई को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की महिला नेता खदीजा शाह को लाहौर से गिरफ्तार किया था। खदीजा पर आरोप है कि उन्होंने लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस पर हमले की साजिश रची।
खदीजा ने गिरफ्तारी के पहले 16 मिनट का ऑडियो मैसेज जारी किया था। इसमें माना था कि वो PTI समर्थक थीं और लाहौर कॉर्प्स कमांडर हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन का हिस्सा थीं। शाह ने लोगों को हिंसा के लिए उकसाने सहित किसी भी गलत काम से इनकार किया था।
इसके जवाब में फौज की तरफ से कुछ वीडियो जारी किए गए थे। इनमें खदीजा को खुद हिंसा करते और दूसरे लोगों को भड़काते देखा जा सकता है। वीडियो सामने आने के बाद खदीजा को नाटकीय तरीके से गिरफ्तार किया गया था।
खदीजा से पहले एक और नेता मलिका बुखारी को भी इसी आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वो सांसद और इमरान कैबिनेट में मंत्री भी रह चुकी हैं।
9 मई की हिंसा के बाद इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के 100 से ज्यादा नेता पार्टी छोड़ चुके हैं। हाल के दिनों में PTI की कई महिला नेताओं ने पार्टी छोड़ी है या फिर राजनीति से संन्यास लिया है। इनमें शिरीन मजारी और फिरदौस आशिक अवान भी शामिल हैं।
PTI का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से उनके नेताओं को शाहबाज शरीफ सरकार और पाकिस्तानी फौज बार-बार गिरफ्तार कर टॉर्चर कर रही है, ताकि ये खान से राजनीतिक संबंध खत्म कर लें। PTI की महिला नेताओं का खासा जनाधार है। माना जा रहा है कि ऐसे में बड़े जनाधार वाले नेताओं को इमरान की पार्टी से अलग करने के लिए शाहबाज सरकार भी सेना का साथ देने में पीछे नहीं हट रही है।
करीब 4 साल पहले अल कादिर ट्रस्ट का मामला ब्रिटेन से शुरू हुआ। वहां नेशनल क्राइम एजेंसी (NCA) एक पाकिस्तानी को गिरफ्तार करती है। जांच के दौरान पता लगता है कि उसके पास करीब 60 अरब रुपए (पाकिस्तानी करेंसी में) हैं। गिरफ्तार किया गया शख्स पाकिस्तान के सबसे बड़े लैंड माफिया मलिक रियाज का दायां हाथ बताया गया। NCA यह पैसा जब्त करके अपनी होम मिनिस्ट्री को बताती है।
ब्रिटेन की होम मिनिस्ट्री मामले की पूरी जानकारी एक सीलबंद लिफाफे में पाकिस्तान सरकार को भेजती है। उस वक्त इमरान खान प्रधानमंत्री थे। मामले का खुलासा करने वाले फैजल वाबडा कैबिनेट मिनिस्टर थे। फैज हमीद खुफिया एजेंसी ISI के चीफ थे।
इमरान एक रूटीन कैबिनेट मीटिंग करते हैं। जैसे ही यह मीटिंग खत्म होने लगती है तो इमरान एक लिफाफा निकालकर दिखाते हुए वहां मौजूद लोगों से कहते हैं- यह सीक्रेट लेटर ब्रिटेन से आया है। हाल ही में पार्टी छोड़ने वाली पूर्व मंत्री शिरीन मजारी समेत कुछ और मंत्री पूछते हैं- इसमें क्या है? खान मामला टालते हुए कहते हैं – मैं इसको देखूंगा।
दरअसल, इसी लिफाफे में उन 60 अरब रुपए का चेक था, जो ब्रिटेन में मलिक रियाज के गुर्गे से जब्त किए गए थे। आरोप है कि यह पैसा पहले सुप्रीम कोर्ट के अकाउंट में जमा कराया गया। बाद में इमरान और उनके करीबियों के अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिया गया।
इसके बाद मलिक रियाज को अरबों रुपए के सरकारी ठेके दिए गए। उसकी काली कमाई को सफेद करने के लिए स्कीम लाई गई। उसने ही खान की पत्नी बुशरा बीबी को 5 कैरेट की डायमंड रिंग गिफ्ट की।
इसी मलिक रियाज ने खान और बुशरा के अल कादिर ट्रस्ट को कई एकड़ जमीन दी। इस पर अल कादिर यूनिवर्सिटी बनाई गई। ये मजहबी तालीम देती है। करीब 5 साल गुजर चुके हैं, यूनिवर्सिटी में अब तक सिर्फ 32 स्टूडेंट्स हैं
इमरान ने कुछ दिन पहले यूट्यूब चैनल पर समर्थकों को संबोधित किया। कहा- हमने अब तक जबरिया निकाह के बारे में तो सुना था, अब तो जबरन तलाक पर मजबूर किया जा रहा है।
दरअसल, खान के कहने का मतलब यह था कि फौज और सरकार उनकी पार्टी के नेताओं को जेल में डालकर उन पर पार्टी छोड़ने का दबाव बना रही हैं। अब तक PTI के 100 से ज्यादा नेता, सांसद, विधायक और हजारों समर्थक पार्टी छोड़ चुके हैं।
खान ने आगे कहा- मैं पाकिस्तान का सबसे पॉपुलर लीडर हूं। इसके बावजूद आर्मी चीफ नहीं चाहते कि मैं फिर से प्रधानमंत्री बनूं और मेरी पार्टी सत्ता में वापसी करे। आखिर क्यों? इसका जवाब क्यों नहीं दिया जाता, जबकि पाकिस्तान में तो जम्हूरियत यानी लोकतंत्र है। इमरान का दावा है कि हिंसा के दौरान सिक्योरिटी फोर्सेज ने फायरिंग की थी और इसमें उनके 40 समर्थक मारे गए थे।