वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) का फाइनल मुकाबला 2 दिन बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाएगा। मैच इंग्लैंड में लंदन के द ओवल मैदान पर होगा। WTC का पहला फाइनल भी इंग्लैंड में ही हुआ था और 2025 का फाइनल भी इंग्लैंड में ही होगा। 2021 में साउथैम्पटन के मैदान पर भारत और न्यूजीलैंड चैंपियनशिप के लिए भिड़े थे। वहीं 2025 में लंदन के ही लॉर्ड्स मैदान पर चैंपियनशिप का तीसरा फाइनल खेला जाएगा।
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) इंग्लैंड में ही हर बार क्यों WTC फाइनल का आयोजन करा रहा है। इस सवाल का जवाब हम 4 फैक्टर्स की मदद से जानेंगे और समझेंगे कि भारत, ऑस्ट्रेलिया या किसी तीसरे देश को चैंपियनशिप की मेजबानी क्यों नहीं दी गई।
क्रिकेट का सबसे बड़ा मार्केट भारत है। भारत में सबसे ज्यादा क्रिकेट दर्शक हैं। इस वजह से कमाई भी सबसे ज्यादा भारत से होती है। पिछले दिनों जारी हुए ICC के रेवेन्यू मॉडल में भी भारत को अगले 4 सालों तक ICC की कमाई का 38.5% हिस्सा शेयर किया जाएगा। बाकी किसी भी देश को कमाई का 7% हिस्सा भी नहीं मिलेगा।
भारत को इतनी ज्यादा हिस्सेदारी देने के पीछे कारण भारत की ऑडियंस और BCCI की मदद से होने वाली ICC की कमाई है। ICC की सबसे ज्यादा कमाई BCCI की मदद से होती है। ऐसे में ICC ज्यादातर टूर्नामेंट्स की टाइमिंग भारत की ऑडियंस को देखते हुए ही रखता है।
इंग्लैंड में 7 से 11 जून के बीच जो WTC फाइनल खेला जाएगा, उसमें दिन का खेल भारतीय समयानुसार दोपहर 3:30 बजे शुरू होने के बाद रात 11:00 बजे तक चलेगा। जो भारत में क्रिकेट देखने वाली ऑडियंस के लिए प्राइम टाइम की तरह है। टीम इंडिया अगर WTC के फाइनल में नहीं पहुंचे तो भी ICC इवेंट्स को देखने वाले ज्यादातर दर्शक भारतीय ही होते हैं।
इंग्लैंड में मई से सितंबर तक गर्मियों का मौसम रहता है। वैसे तो इंग्लैंड में पूरे साल ठंड रहती है और कभी भी बारिश आ सकती है, लेकिन मई से अगस्त तक यहां गर्मियों का सीजन रहता है। इस दौरान यहां बहुत ज्यादा पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं। विजिट ब्रिटेन वेबसाइट के अनुसार, पिछले साल इंग्लैंड में जून-जुलाई के दौरान करीब 38 लाख से भी ज्यादा टूरिस्ट पहुंचे थे। जो पूरे साल में सबसे ज्यादा है।
विजिटर्स तो गर्मियों में इंग्लैंड आते ही हैं, इस दौरान यहां इंग्लैंड के तीनों फॉर्मेट के घरेलू टूर्नामेंट (काउंटी चैंपियनशिप, टी-20 ब्लास्ट और वनडे-कप) भी होते हैं। जुलाई के शुरुआती सप्ताह तक घरेलू टूर्नामेंट खत्म होने के बाद जुलाई अंत से अगस्त तक इंग्लैंड का फ्रेंचाइजी क्रिकेट टूर्नामेंट ‘द हंड्रेंड’ होता है। इस दौरान यहां इंटरनेशनल क्रिकेट जारी रहता है। मई से सितंबर तक इंग्लैंड में बारिश बहुत कम ही मौकों पर मुश्किलें पैदा करती हैं।
इंग्लैंड उन चुनिंदा देशों में से एक है, जिसने इतिहास में पूरी दुनिया पर राज किया। यही वजह है कि अब जब सभी देश आजाद हो चुके हैं, तब भी इंग्लैंड की आबादी के 5.60 करोड़ लोगों में 9% लोग (करीब 60 लाख) दूसरे देशों के ही हैं। इनमें भी करीब 18.65 लाख (3.1%) भारतीय हैं, यानी इंग्लैंड के किसी भी मैदान पर भारत का मैच हो, टीम इंडिया को सपोर्ट करने के लिए फैंस की कमी कभी भी नहीं रहेगी।
ये तो हुई इंग्लैंड देश की बात, लेकिन लंदन में कितने भारतीय हैं, जहां WTC का फाइनल होगा? लंदन की आबादी करीब 90 लाख है, यहां भी 7% से ज्यादा (करीब 6.56 लाख) लोग भारतीय ही हैं। पूरे इंग्लैंड में 9% के मुकाबले लंदन में सबसे ज्यादा 37% (करीब 33.5 लाख) माइग्रेंट्स रहते हैं। भारतीयों के अलावा यहां करीब 54 हजार ऑस्ट्रेलियन भी हैं। ऐसे में फाइनल के दौरान द ओवल स्टेडियम की 27,500 में से एक भी सीट खाली रहने की उम्मीद बहुत कम है।