करण जौहर, बॉलीवुड के वो बेहतरीन डायरेक्टर जिन्होंने कुछ कुछ होता है, कभी खुशी-कभी गम जैसी कई ब्लॉकबस्टर हिट फिल्में दीं। करण को इंडस्ट्री का सबसे बोल्ड, बेबाक और कंट्रोवर्शियल शख्स कहा जाए तो गलत नहीं होगा। नेशनल टेलीविजन पर ये बड़े सेलेब्स से ऐसे सवाल करते हैं, जिनके जवाब देने में भी सबको झिझक महसूस होती है।
दूसरों से सवाल करने वाले करण खुद भी काफी बेबाकी से अपनी निजी जिंदगी, सेक्शुएलिटी और नेपोटिज्म पर राय रखते हैं। करण की ये बेबाकी कई सारे ब्रेकडाउन, बचपन की बुलिंग और अनएक्सेप्टेंस का परिणाम है। बचपन में करण को लड़कियों की तरह हाव-भाव होने पर ताने सुनने पड़ते थे। लोग उन्हें चिढ़ाते थे, मजाक उड़ाते थे। ये ट्रोलिंग आज तक जारी है, जब लोग उन्हें गे कहकर बुलाते हैं। हालांकि अब करण को इन सबसे कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि अब उनका इकलौता प्यार हिंदी सिनेमा और धर्मा प्रोडक्शन है।
करण जौहर का जन्म 25 मई 1972 को मुंबई में हुआ था। करण के पिता यश जौहर मशहूर प्रोड्यूसर और धर्मा प्रोडक्शन के फाउंडर थे। करण की पढ़ाई मुंबई के ग्रीन लॉन हाई स्कूल और एचआर कॉलेज ऑफ कॉमर्स एंड इकोनॉमिक्स में हुई।
करण बचपन में काफी मोटे थे, लेकिन उनकी आवाज पतली थी। करण का फेवरेट गाना डफली वाले था और वो अक्सर इस पर डांस करते थे। उनके कुछ हाव-भाव भी लड़कियों की तरह थे। यही कारण था कि स्कूल में बच्चे उन्हें पेंसी (ये शब्द उन लड़कों के लिए होता है, जो लड़कियों जैसे होते हैं) कहकर चिढ़ाते थे। लगातार बुली होने से करण इतना अंडरकॉन्फिडेंट हो गए कि उन्होंने लोगों से बात करनी बंद कर दी। वो दोस्त भी नहीं बनाते थे।
जब करण ने 13 साल की उम्र में टीचर से बुली किए जाने की शिकायत की तो टीचर ने उल्टा उन्हें अपने बात करने का लहजा सुधारने की सलाह दी थी।
स्कूल में ट्विंकल से हुआ था प्यार, प्रपोज करते हुए कहा- तुम्हारी मूछें हॉट हैं
करण जौहर और ट्विंकल खन्ना एक ही बोर्डिंग स्कूल में पढ़ते थे। स्कूल के दिनों में करण ट्विंकल को पसंद करते थे। जब ट्विंकल ने स्कूल बदला तो करण ने भी ट्विंकल के उसी स्कूल में एडमिशन ले लिया। एक बार तो करण ने स्कूल से भागने की भी कोशिश की थी, जिससे वो ट्विंकल से मिल सकें, लेकिन वो पकड़े गए और उन्हें पूरी स्कूल के सामने सजा मिली।
एक इवेंट में करण ने कबूला है कि ट्विंकल दुनिया की इकलौती लड़की हैं, जिनसे वो प्यार करते थे। ट्विंकल भी अपनी ऑटोबायोग्राफी मिसेज फनीबोन्स के लॉन्चिंग इवेंट में बता चुकी हैं कि करण ने उन्हें स्कूल में प्रपोज किया था। करण ने ट्विंकल से कहा था- मैं तुम्हें पसंद करता हूं, मुझे तुम्हारी मूछें पसंद हैं, ये हॉट हैं।
करण के पिता यश इकलौते इंसान थे जिन्हें करण के अलग होने पर शर्मिंदगी नहीं होती थी। जब भी यश के दोस्त उनके घर आते थे तो वो बेटे को सबके सामने डांस करने को कहते थे। करण हर बार डफली वाले गाने पर डांस करते हुए जया प्रदा के डांस स्टेप्स फॉलो किया करते थे और पिता तालियां बजाते थे। जब करण टीन ऐज में 150 किलो के थे, तब भी पिता कहते थे कि वजन घटाओगे तो फिल्मों में हीरो बना दूंगा
करण जौहर बचपन में साउथ बॉम्बे में रहते थे, जहां हाई सोसाइटी के कुछ लोग हिंदी मूवी देखना तक पसंद नहीं करते थे। उस समय ज्यादातर फिल्म इंडस्ट्री के लोग बांद्रा में रहते थे। ऐसे में करण सबसे कहते थे कि उनके पिता एक बिजनेसमैन हैं। जब करण 9वीं क्लास में थे तो उनके पिता यश जौहर की फिल्म मुकद्दर का फैसला और बोनी कपूर की फिल्म मिस्टर इंडिया एक साथ रिलीज हुई थी। क्लैश में मिस्टर इंडिया ने रिकॉर्डतोड़ कमाई की, जबकि मुकद्दर का फैसला बुरी तरह पिट गई। इस क्लैश का एक विशाल पोस्टर वर्ली नाका में लगा, जिसमें यश जौहर की भी बड़ी सी तस्वीर लगी थी।
जब करण के दोस्तों ने पोस्टर देखकर उनसे पूछा कि क्या ये तुम्हारे पापा हैं तो करण ने गंदी सी शक्ल बनाकर कहा था, नो वे, ये मेरे पापा नहीं है, शायद एक ही नाम का कोई आदमी है। मेरे पिता बिजनेसमैन हैं, तुम्हें क्या लगता है कि मेरे पिताजी के पास कोई ढंग का काम नहीं है जो वो फिल्में बनाएंगे, लेकिन जब फिल्म अग्निपथ चर्चा में आई तो करण को ये बताते हुए गर्व महसूस होने लगा कि यश ही उनके पिता हैं।
16 साल के करण जौहर सिनेब्लिट्ज की एक पार्टी में पहुंचे थे, जहां कुछ दिनों पहले ही बोर्डिंग स्कूल से लौटीं काजोल अपनी एक्ट्रेस मां तनुजा के साथ पहुंची थीं। करण और काजोल की मुलाकात तनुजा ने करवाई और फिर कहा कि वो दोनों जाकर साथ डांस करें। दोनों जैसे ही डांस करने पहुंचे तो काजोल करण को देखकर जोर-जोर से हंसने लगीं।
करण ने काजोल को हंसते देख डांस करना बंद कर दिया, लेकिन वो लगातार हंसती रहीं। दरअसल काजोल, उनके पहनावे पर हंस रही थीं, क्योंकि वो कम उम्र के थे, लेकिन बड़ों की तरह सूट-बूट में पहुंचे थे। करण को इतना बुरा लगा कि उन्होंने अपनी मां से शिकायत करते हुए कहा- तनुजा आंटी की बेटी बहुत बुरी है। फिर वो रोते हुए पार्टी छोड़कर निकल गए।
DDLJ की शूटिंग के दौरान करण और काजोल दोस्त बने। काजोल हमेशा से ही करण को बताती थीं कि वो मणिरत्नम की कितनी बड़ी फैन हैं और उनकी फिल्म में काम करने के सपने देखती हैं। एक दिन काजोल के पास मणिरत्नम का कॉल आया और उन्होंने कहा, ‘हम आपको शाहरुख के साथ फिल्म में लेना चाहते हैं’। काजोल ने ये कहकर फोन रख दिया कि ‘करण मजाक मत करो’। दोबारा कॉल आया तो मणिरत्नम ने कहा, ‘मैं मणिरत्नम ही हूं’। जब करण को इस बात का पता चला तो वो बहुत खुश हुए, लेकिन जो डेट्स मणिरत्नम चाहते थे वो करण जौहर की फिल्म के साथ टकरा रही थीं।
करण जानते थे कि काजोल मणिरत्नम की कितनी दीवानी हैं तो उन्होंने कहा कि मैं अपनी फिल्म की डेट्स आगे बढ़ा लूंगा, लेकिन तुम वो फिल्म जरूर करो। ये सुनकर भी काजोल ने मणिरत्नम को इनकार कर दिया, क्योंकि उन्होंने पहला कॉन्ट्रैक्ट करण के साथ साइन किया। तब से दोनों बेस्टफ्रैंड बन गए। हालांकि अब सालों बाद शिवाय और ए दिल है मुश्किल के क्लैश के समय अजय देवगन और करण के बीच हुई बहस से दोनों की दोस्ती टूट चुकी है। अपनी ऑटोबायोग्राफी में करण ने एक चैप्टर काजोल के नाम लिखा और ये भी बताया कि अब दोनों कभी पहले जैसे दोस्त नहीं बन सकेंगे और इससे करण को कोई फर्क नहीं पड़ता।
करण जौहर ने पिता की मदद से बतौर एक्टर करियर की शुरुआत की। उन्होंने सबसे पहले दूरदर्शन के शो इंद्रधनुष में काम किया था। इसके बाद उन्होंने फिल्म दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे में डायरेक्टर आदित्य चोपड़ा को असिस्ट किया और साथ ही फिल्म में शाहरुख के दोस्त की भूमिका भी निभाई थी। शूटिंग के दौरान शाहरुख ने करण को सलाह दी कि उन्हें खुद फिल्में बनानी चाहिए।
DDLJ की शूटिंग जैसे ही खत्म हुई तो शाहरुख ने यश जौहर को कॉल कर रहा कि ‘मैं चाहता हूं कि वो फिल्म डायरेक्ट करे, आप उससे कह दीजिए कि जल्दी तैयारी शुरू करे’। एक दिन रात के दो बजे शाहरुख ने करण से मैसेज पर बात कर उनसे पूछा कि वो कैसी फिल्म बनाना चाहते हैं। इसके कुछ समय बाद से ही करण ने फिल्म लिखनी शुरू कर दी।
उन्होंने फिल्म में शाहरुख खान और काजोल को ही साइन किया। टीना के रोल के लिए उन्होंने रवीना टंडन और ट्विंकल खन्ना को अप्रोच किया, लेकिन दोनों ने ही फिल्म करने से इनकार कर दिया। बाद में ये रोल रानी मुखर्जी को दिया गया, जो इंडस्ट्री में नई थीं। 1998 में रिलीज हुई इस फिल्म ने नेशनल अवॉर्ड और 8 फिल्मफेयर जीते थे, जिनमें करण को बेस्ट डायरेक्टर का फिल्मफेयर अवॉर्ड भी शामिल है।
‘कुछ कुछ होता है’ की कामयाबी के बाद करण को इतने ऑटोग्राफ देने पड़े थे कि जब एक बार उन्हें पिता ने चेक दिया तो गलती से उन्होंने उस पर भी साइन करके आगे लॉट्स ऑफ लव लिख दिया।
करण जौहर ‘कुछ कुछ होता है’ के लिए सलमान को अमन का रोल ऑफर करना चाहते थे, लेकिन ज्यादा फीस डिमांड करने पर करण को दूसरे एक्टर्स ढूंढने पड़े। सैफ अली खान और चंद्रचू़ड़ सिंह ने भी ये रोल करने से इनकार कर दिया। कुछ दिनों बाद करण की चंकी पांडे के घर हुई एक पार्टी में फिर सलमान से मुलाकात हुई।
सलमान ने करण को परेशान देखा तो पास पहुंचकर पूछा, ‘तुम्हारी फिल्म की शॉपिंग हो गई?’
करण ने पूछा, ‘शॉपिंग?’
सलमान बोले हां, ‘मेरा मतलब कास्टिंग।’
जब करण ने बताया कि रोल के लिए कोई नहीं मिला, तो सलमान ने जवाब में कहा, ‘मैं ये रोल कर लूंगा, मुझे तुम और तुम्हारे पापा यश पसंद हैं, जो भी फीस दोगे उसमें ही फिल्म कर लूंगा।’
‘साजन जी घर आए’ गाने की शूटिंग के दौरान सलमान ने सूट पहनने से इनकार कर दिया। वो रिप्ड जींस और टी-शर्ट पहनने पर अड़ गए, लेकिन सीन के मुताबिक उन्हें करण सूट पहनाना चाहते थे। सलमान के नखरे देखकर करण चिढ़ गए, क्योंकि वो मान ही नहीं रहे थे और हर कोई सलमान की जिद और नखरों से वाकिफ था। लंबी बहस के बाद करण एक कोने में जाकर निराश बैठ गए। उन्हें लगा एक सीन के चलते उनकी पहली फिल्म फ्लॉप हो जाएगी।
करण परेशान हो गए और सेट पर सन्नाटा छा गया। कुछ समय बाद सलमान जोर-जोर से हंसने लगे और कहा मजाक कर रहा हूं, ये तुम्हारी पहली फिल्म है और मैं तुम्हें स्टार्स के नखरे उठाने की प्रैक्टिस करवा रहा था। इस फिल्म के लिए सलमान को बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर मिला था।
एक हिंदी चैनल को इंटरव्यू देने पहुंचे करण से एक रिपोर्टर ने तंज कसते हुए कहा था आपका और शाहरुख का रिश्ता अनोखा है। करण, शाहरुख से नाम जोड़े जाने पर इतना चिढ़ गए कि उन्होंने जवाब में कहा, क्या मतलब है आपका। आप ये सवाल कैसे पूछ सकती हैं। मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मेरे और शाहरुख के बीच क्या उतार-चढ़ाव आए, लेकिन वो मेरे लिए एक पिता और भाई की तरह हैं।
अगर मैं सवाल करूं कि आपको अपने भाई के साथ सोकर कैसा लगता है, तो क्या आपको ठीक लगेगा। अपनी बुक में करण ने शाहरुख के बारे में लिखा था कि जिस आदमी का एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर नहीं होता, लोग उसे गे समझ लेते हैं।
शाहरुख ने भी किया था अफवाहों पर रिएक्ट
कॉफी विद करण में करण ने शाहरुख से पूछा था कि अगर आप एक सुबह करण जौहर बनकर जागेंगे तो आप क्या करेंगे। इसके जवाब में शाहरुख ने कहा था, ‘करण, जिस तरह की बातें हम दोनों को लेकर की जाती हैं उससे मेरे तुम्हारे बाजू में सोकर उठने के चांस ज्यादा हैं।’
करण जौहर और शाहरुख खान की दोस्ती दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे से शुरू हुई थी। करण ने अपने करियर की शुरुआती 3 फिल्मों ‘कुछ कुछ होता है’, ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘कभी अलविदा न कहना’ में शाहरुख को कास्ट किया था।
करण जौहर और करीना बेस्ट फ्रेंड्स हुआ करते थे, लेकिन जब फिल्म ‘कल हो ना हो’ के लिए करीना ने शाहरुख के बराबर फीस मांगी तो दोनों की दोस्ती टूट गई थी। करण ने फिल्म में प्रीति जिंटा को कास्ट कर लिया। सालभर तक करीना से बात नहीं की।
एनडीटीवी के लिए करण ने 2016 में ‘करण अफेयर्स’ नाम का एक ब्लॉग लिखा था। उसमें करण ने लिखा, लोग अलार्म से उठते हैं, लेकिन मेरी सुबह रोज गे और गालियां सुनकर होती है। जब भी मैं पाउट वाली फोटो पोस्ट करता था तो लोग मुझे छक्का और गे बुलाते थे। तो मैं अब अपने थेरेपिस्ट के पास गया और पूछा कि लोग मेरा मजाक क्यों बनाते हैं, गाली क्यों देते हैं। मैं समझता हूं कि मैं मस्क्यूलर आदमी नहीं हूं। अगर आप में कुछ भी महिलाओं की तरह है तो लोग मजाक उड़ाते हैं। और मैं जानता हूं कि कभी-कभी मैं औरतों की तरह लगता हूं, खासकर जब मैं डांस करता हूं। डांस करते हुए मैं भूल जाता हूं कि मेरे हाथ-पैर कैसे जा रहे हैं। मैं बस वैजयंतीमाला और हेमा मालिनी के स्टेप्स फॉलो करने पर ध्यान देता हूं। मैं जब फोटो क्लिक करवाता हूं तो मैं खुद ब खुद पाउट करने लगता हूं। अगर मेरे पास सिक्स पैक एब्स होते, मस्क्यूलर बॉडी होती तो मुझे पाउट करने की जरूरत नहीं पड़ती।
शायद आप खुद अट्रैक्टिव नहीं हैं, जो आप मेरे बारे में सोचते हैं। आपको मेरी सेल्फी पसंद नहीं क्योंकि आपको अपनी भी बुरी लगती हैं। आपके पास जाहिर तौर पर कोई और काम नहीं हैं और आपको इसका फ्रस्ट्रेशन मुझपर निकालकर ही सुकून मिलता होगा। मैं कहना चाहता हूं कि अब आप लोग मुझे डिस्टर्ब नहीं करते। मैं तब डिस्टर्ब हो सकूंगा, जब आपकी बातों से मुझे फर्क पड़े। मैं जानता हूं फेमस लोग उन लोगों को बहुत खटकते हैं जो खुद फेमस नहीं होते।