दिव्यांगों को पीएचडी पूरा करने के लिए दस साल का, समय दिया जाएगा, पढ़िए रिपोर्ट

LU यानी लखनऊ विश्वविद्यालय में संशोधित पीएचडी ऑर्डिनेंस बनकर तैयार है। इसे UGC के नियमों के तहत NEP (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) 2020 के मद्देनजर बनाया गया है। नए ऑर्डिनेंस के हिसाब से ही 2023-24 सत्र में दाखिले लिए जाएंगे। इसे जल्द ही पीएचडी ऑर्डिनेंस कमेटी के सामने पेश किया जाएगा। उसके बाद आगामी कार्य परिषद की बैठक में पास कराकर लागू कर दिया जाएगा। जिसके बाद ही नए सत्र की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो सकेगी। फिलहाल एडमिशन सेल की ओर से पीएचडी सत्र 2023-24 के एडमिशन अगस्त माह में शुरू करने की योजना है।

इससे पहले ऑर्डिनेंस बनाने के लिए दो कमेटी बनी है। प्रदेश स्तर पर बनी कमेटी के चेयरमैन कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय हैं और विश्वविद्यालय स्तर पर अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है।
संशोधित अध्यादेश में एक अहम बदलाव किया गया है। इसके तहत चार साल के स्नातक व एक साल का परस्नातक करने के बाद या फिर चार साल के स्नातक में 75 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने पर प्रवेश प्रक्रिया में शामिल होने का मौका दिया जाएगा।
अध्यादेश में दिव्यांगों को पीएचडी पूरा करने के लिए दस साल का, समय दिया जाएगा। आठ की जगह बारह क्रेडिट का प्रावधान र ले गया है। जिसके लिए शोधार्थियों को एथिक्स का पेपर पढ़ाया जाएगा। साथ ही एक विदेशी परीक्षक होगा जो छात्रों की थेसिस चेक करेगा।
पीएचडी का शैक्षिक सत्र पटरी पर लाने की योजना जोर-शोर से जारी है। पीएचडी सत्र 2022-23 की प्रवेश प्रक्रिया जारी है। मई माह के अंत तक प्रक्रिया पूरी भी हो जाएगी। वहीं सत्र 2021-22 की प्रवेश प्रक्रिया को नवंबर-दिसंबर में पूरा कर लिया गया था। जिसके बाद अब विवि की एडमिशन सेल ने पीएचडी 2023-24 सत्र के दाखिले की तैयारी शुरू कर दी है। इसके मद्देनजर राजकीय व एडेड कॉलेजों से खाली सीटों की जानकारी मांगे जाने पर विचार किया जा रहा है। एडमिशन सेल के अनुसार, कॉलेजों को जुलाई माह में विवरण देना होगा। फिर इसकी जांच करने में तकरीबन एक माह का समय लगेगा।

इस दौरान परास्नातक के अंतिम वर्ष की सेमेस्टर परीक्षाएं भी हो जाएंगी। जिसके नतीजे अगस्त में जारी होना शुरू हो जाएंगे। इसके बाद पीएचडी 2023-24 सत्र के दाखिले की प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जा सकेगी।