यूपी निकाय चुनाव को BJP ने प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है। सोमवार को दूसरे चरण का प्रचार थमने से पहले सीएम योगी ने 22 जनसभाएं की। मेयर, चेयरमैन और पार्षदों के प्रत्याशियों को जीताने की अपील की। दोनों डिप्टी सीएम, केंद्रीय और राज्य मंत्री सड़कों पर पब्लिक के बीच नजर आए।
विपक्ष की बात करें तो सपा से अखिलेश यादव उनकी पत्नी डिंपल यादव और चाचा शिवपाल यादव ने जनसभाएं की। वहीं, बसपा और कांग्रेस के बड़े चेहरे पब्लिक के बीच नजर नहीं आए।
BJP के लिए पहले चरण की तुलना में दूसरे चरण का मुकाबला काफी कांटे का है। अलीगढ़, मेरठ सीट भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हैं। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष ने पूरी ताकत इन दोनो सीटों पर ही झोकीं हैं।
तो वहीं दूसरी तरफ सपा ने पूरे दमखम से जनसभाएं की है। पार्टी की तरफ से सीएम योगी के बयानों पर सवाल खड़े किए जाते रहे, लोकल स्तर पर जनसमस्याओं के समाधान को लेकर घोषणाएं की गईं।
प्रथम चरण – सहारनपुर, शामली, अमरोहा, बरेली, उन्नाव, लखनऊ, मथुरा, फिरोजाबाद, आगरा, सीतापुर, लखीमपुरखीरी, बलरामपुर, महाराजगंज, देवरिया, कुशीनगर , मुरादाबाद ,प्रतापगढ़ , जौनपुर, गोरखपुर, प्रयागराज, झांसी, वाराणसी
दूसरा चरण – संतकबीर नगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, सिद्धार्थ नगर, बस्ती, सुल्तानपुर, अयोध्या, हापुड़, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, अलीगढ़, बदायूं, शाहजहांपुर, बरेली, बाराबंकी, अंबेडकरनगर, मिर्जापुर, कानपुर, बांदा, चित्रकूट
पहला चरण – सहारनपुर, वाराणसी, रायबरेली, कौशांबी, प्रयागराज, सीतापुर, हरदोई, कुशीनगर, गाजीपुर, श्रावस्ती, गोंडा, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज
दूसरा चरण – मिर्जापुर, अलीगढ़, कासगंज, एटा, कानपुर, कानपुर देहात, शाहजहांपुर ,बदायूं , पीलीभीत, बरेली, भदोही, अयोध्या
बृजेश पाठक, डिप्टी सीएम
पहला चरण – हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, गाजीपुर, कुशीनगर, वाराणसी, सुल्तानपुर, अयोध्या, रायबरेली, फतेहपुर, चित्रकूट, महोबा, हमीरपुर
दूसरा चरण – अंबेडकरनगर, कानपुर, पीलीभीत, बरेली, शाहजहांपुर, इटावा, कन्नौज, औरैया, बलिया, बस्ती, सिद्धार्थ नगर, सोनभद्र, भदोही, अयोध्या, कानपुर, फर्रुखाबाद
भूपेंद्र चौधरी, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
दूसरा चरण – मेरठ, बदायूं, पीलीभीत, बरेली, हापुड़, बुलंदशहर, अलीगढ़, अमेठी, अंबेडकरनगर, बागपत, गाजियाबाद
स्वतंत्र देव सिंह, कैबिनेट मंत्री
दूसरा चरण – कानपुर, कानपुर देहात
नंद गोपाल नंदी, कैबिनेट मंत्री
दूसरा चरण – कानपुर, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद
गिरीश चंद्र यादव, कैबिनेट मंत्री
दूसरा चरण – अमेठी
दानिश आजाद अंसार, राज्यमंत्री
दूसरा चरण – बलिया
अनूप प्रधान वाल्मीकि, राज्यमंत्री
दूसरा चरण – पीलीभीत
केंद्रीय मंत्री और सांसद के दौरे
बीएल वर्मा – औरैया, बदायूं
साध्वी निरंजन ज्योति – हमीरपुर
स्मृति ईरानी – अमेठी
दिनेश लाल यादव – अमेठी
निकाय चुनाव के पहले चरण में बसपा सुप्रीमो मायावती ने सिर्फ ट्विटर के जरिए ही अपने वोटरों को संदेश दिया। मायवती ने कहा,”बीजेपी-सपा के बहकावे में न आएं।” वहीं, कांग्रेस ने सभी नगर निगम में अपने प्रत्याशी तो खड़े किए लेकिन किसी दिग्गज नेता की जनसभा नहीं हुई। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वैसे तो उत्तर प्रदेश से जुड़े मुद्दों को लेकर काफी मुखर रहती है लेकिन निकाय चुनाव में वो भी मैदान से बाहर रही।
अयोध्या में भाजपा और सपा की सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। शुरुआत में भाजपा प्रत्याशी को लेकर कार्यकर्ताओं में काफी असंतोष देखने को मिला। प्रदेश के प्रभारी राधामोहन सिंह ने बैठक बुलाकर सब को संतुष्ट करने का काम किया। अयोध्या भाजपा का पहले से ही गढ़ रहा है, क्योंकि सांसद और विधायक दोनों ही भाजपा से ही हैं।
गाजियाबाद वैसे तो बीजेपी का गढ़ रहा है। लेकिन इस बार गाजियाबाद में भी कांटे की टक्कर देखने को मिली है। जहां एक तरफ गाजियाबाद की भूमि पर भाजपा से सीएम योगी, दोनो डिप्टी सीएम, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मैदान में होते हैं तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी से अखिलेश यादव और डिंपल यादव ने भी रैली की।
मेरठ नगर निगम चुनाव के लिए कुल 15 मेयर प्रत्याशी मैदान में हैं। जहां भाजपा ने पूर्व मेयर हरिकांत आहलूवालिया पर भरोसा जताया है। तो वही सपा की तरफ से सीमा प्रधान, बसपा से हसमत मलिक और कांग्रेस से नसीम कुरैशी के साथ ही साथ आम आदमी पार्टी से रिचा सिंह मैदान में है। लेकिन मेरठ की सीट पर मुकाबला साफ तौर पर भाजपा और सपा में देखने को मिल रहा है।
बरेली नगर निगम चुनाव में भी भाजपा बनाम सपा देखने को मिल रहा है। जहां भाजपा ने बरेली सीट से उमेश गौतम पर भरोसा जताया है तो वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी ने संजीव सक्सेना को मैदान में खड़ा किया है। भाजपा की कई मंत्रियों को बरेली सीट को जिताने की जिम्मेदारी मिली हुई है। जिसमें प्रदेश के वन मंत्री अरुण कुमार सक्सेना, सांसद व पूर्व मंत्री संतोष गंगवार, विधायक संजीव अग्रवाल के साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश अग्रवाल की साख भी दांव पर लगी हुई है। वहीं सपा की तरफ से विधायक शाहजिल इस्लाम और अताउल रहमान के लिए भी ये चुनाव नाक का सवाल है।शाहजहांपुर में पहली बार नगर निगम चुनाव हो रहे हैं। शाहजहांपुर वहीं क्षेत्र है, जहां से सपा की घोषित प्रत्याशी अर्चना वर्मा ने अचानक बीजेपी का दामन थाम लिया। शाहजहांपुर में उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद और सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौर की साख दांव पर लगी हुई है।
कानपुर मेयर पद पर भाजपा 3 बार से जीत हासिल कर रही है। यह चौथी बार है, जब जीत के लिए प्रचार चल रहा है। इस बार का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी प्रमिला पांडे और सपा के विधायक अमिताभ बाजपेई की पत्नी वंदना बाजपाई के बीच है। कानपुर में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है यही कारण है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समय दोनों डिप्टी सीएम और तमाम मंत्रियों ने मैदान में उतरकर रैलियां की। तो वहीं समाजवादी पार्टी की तरफ से विधायक अमिताभ बाजपेई ने पूरी ताकत झोंक दी है।
2017 में अलीगढ़ मेयर सीट पर बसपा ने अपनी जीत दर्ज कराई थी। इस बार भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला साफ तौर पर बहुजन समाज पार्टी से देखने को मिल रहा है। अलीगढ़ सीट पर सपा और बसपा से मुस्लिम प्रत्याशी को सीट मिली है, तो वहीं भाजपा से वैश्य समाज से आने वाले प्रत्याशी को जगह दी गई है। अलीगढ़ सीट पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, राजस्व राज्य मंत्री अनूप प्रधान समय अलीगढ़ हाथरस एटा के सांसद और जिले के एमएलसी और विधायकों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।
दूसरे चरण में यूपी के मेरठ, हापुड़, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, बागपत, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत, हाथरस, कासगंज, एटा, अलीगढ़, कानपुर,फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, औरैया, कानपुर देहात, हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा, बांदा, अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, अमेठी, बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, सोनभद्र, भदोही, मिर्जापुर में चुनाव होने है।