टेक्सास में शनिवार को हुई मास शूटिंग में मरने वाले 9 लोगों में एक भारतीय मूल की महिला भी शामिल थी। न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक उसका नाम एश्वर्या थाटिकोंडा था। जो पेशे से इंजीनियर थीं और एक प्राइवेट कंपनी के साथ बतौर प्रोजेक्ट मैनेजर जुड़ी हुई थीं। जिस वक्त हमलावर ने फायरिंग की एश्वर्या उस वक्त मॉल में अपनी दोस्त के साथ शॉपिंग करने गई थीं।
एश्वर्या का परिवार हैदराबाद का रहने वाला है। उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि एश्वर्या की दोस्त को भी गोली लगी है। हालांकि, वो अब खतरे से बाहर है। परिवार अब एश्वर्या के शव को वापस भारत लाने की तैयारी कर रहा है।
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक 8 लोगों की जान लेने वाले हमलावर की पहचान हो चुकी है। उसका नाम मोर्सियो गार्सिया बताया जा रहा है। उसकी कपड़ों पर लगे कुछ बैच के चलते उसे नाजी समर्थक बताया जा रहा है।
वहीं, पुलिस रंगभेद के एंगल से भी मामले की जांच कर रही है। जांच में सामने आया है कि हमलावर के पास कई तरह के हथियार थे। हमले में इस्तेमाल की गई गन के अलावा उसके पास 5 गन और भी थी।
टेक्सास शूटिंग के बाद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि मास शूटिंग हमारे देश का नाश कर रही हैं। उन्होंने बताया कि मरने वालों में बच्चे भी शामिल थे। उन्होंने विपक्षी पार्टियों से गन कंट्रोल को लेकर कानून बनाने में उनका साथ देने की बात कही है।
घटना के दौरान मौजूद महिला ने बताया कि हमलावर ने करीब 50 से 60 शॉट फायर किए थे। जिसके बाद पुलिस की फायरिंग में उसकी मौत हो गई। घटना में 7 लोग घायल भी हुए थे।
नागरिकों के बंदूक रखने के मामले में अमेरिका दुनिया में सबसे आगे है। स्विट्जरलैंड के स्मॉल आर्म्स सर्वे यानी SAS की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में मौजूद कुल 85.7 करोड़ सिविलियन गन में से अकेले अमेरिका में ही 39.3 करोड़ सिविलयन बंदूक मौजूद हैं। दुनिया की आबादी में अमेरिका का हिस्सा 5% है, लेकिन दुनिया की कुल सिविलियन गन में से 46% अकेले अमेरिका में हैं।
अक्टूबर 2020 के गैलप सर्वे के मुताबिक, 44% अमेरिकी वयस्क उस घर में रहते हैं, जहां बंदूकें हैं, इनमें से एक तिहाई वयस्कों के पास बंदूकें हैं।