अफ्रीकी देश कांगो में 2 दिन से जारी भारी बारिश के कारण भूस्खलन हो गया और बाढ़ आ गई। अब तक 170 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, साउथ किवु प्रांत में कालेहे इलाके में 4 मई को एक नदी का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ आई। इस वजह से बुशुशु और न्यामुकुबी गांव में पानी भर गया।
न्यामुकुबी गांव में रहने वाले मुपेंडा ने कहा- बाढ़ से पूरे गांव में तबाही मच गई। मेरी मां, मेरे 11 बच्चे भी बह गए। वो जिंदा नहीं बचे। एक अन्य शख्स ने कहा- बाढ़-भूस्खलन से हमारा जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हम सब मलबे में अपनों को ढूंढ रहे हैं। लोग खुले में सोने और रहने के लिए मजबूर हो गए हैं।
किवु प्रांत के गवर्नर ने बताया कि यहां कई घर पूरी तरह से डूब गए। स्कूल, अस्पताल भी पूरी तरह से तबाह हो गए। पीने के पानी और बिजली की सप्लाई भी बंद हो गई है। अब तक 176 लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़ा बढ़ सकता है। 100 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं।
हालांकि, लोकल सिविल सोसाइटी के मेंबर ने दावा किया है कि 226 शवों को मलबे से बाहर निकाला गया है।
ये कालेहे इलाके का एरियल व्यू है। इसमें बाढ़ से मची तबाही दिख रही है। कई घर और इमारतें पानी में डूब गई हैं।
बुशुशु गांव में बाढ़-भूस्खलन से जमीन धंस गई। यहां काफी नुकसान हुआ।
न्यामुकुबी गांव में रहने वाली इस महिला का घर बह गया। पिछले दो दिन से ये अपने बच्चों के साथ शेल्टर ढूंढ रही है।
कई इलाकों में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। एक बचाव कर्मचारी ने कहा- मिट्टी काफी गीली है और इलाके में फिसलन के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतें आ रही हैं। कई लोग मलबे में दबे हैं। वहीं, एक डॉक्टर ने बताया कि उनकी टीम दो दिन से बिना सोए लोगों की मदद कर रही है। उनके पास एक दिन में 56 से ज्यादा पेशेंट्स आ रहे हैं। इनमें से 80% लोगों को फ्रैक्चर हुए हैं।
कांगो के पड़ोसी देश रवांडा में भी भारी तबाही हुई है। 2 मई से शुरू हुई बारिश ने यहां भी बाढ़ और भूस्खलन का रूप ले लिया। यहां अब तक 130 लोगों की मौत हो चुकी है। 5 हजार से ज्यादा घर तबाह हो गए हैं।