बरही ,बुद्ध पूर्णिमा तथागत बुद्ध के विचारों पर प्रकाश डालते हुए संस्थापक राजकुमार मौर्य ने कहा कि बुद्ध ज्ञान का बड़ा सागर है ।उन्हें समझने के लिए पहले शिद्धार्थ को समझना होगा राकेश यादव ने कहा कि बुद्ध के बताये गए मार्ग पर चलने से लोगो का कल्याण होगा डॉ विरेद्र कुशवाहा ने अपने उदबोधन में पंचसील के बारे में बालिकाओ को बताया ।
बुद्ध पूर्णिमा वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. इस बार साल 2023 का पहला चंद्र ग्रहण बुद्ध पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है. वैशाख पूर्णिमा को बौद्ध पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है.
भगवान बुद्ध का जन्म वैशाख मास की पूर्णिमा को हुआ था, इस पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध अनुयायियों के साथ-साथ हिंदुओं के लिए भी एक विशेष त्योहार है. हिंदू धर्म में गौतम बुद्ध को भगवान विष्णु का नौवां अवतार माना जाता है. इतिहासकारों के अनुसार बुद्ध का जीवनकाल 563-483 ईसा पूर्व है. ज्यादातर लोग नेपाल के लुंबिनी नामक स्थान को बुद्ध का जन्म स्थान मानते हैं. बुद्ध पूर्णिमा के पावन पर्व पर मौजूद रहे राकेश यादव सहकारी समिति जंगीपुर के उप सभापति डॉ वीरेंद्र यादव संस्था के सचिव संतोष गुप्ता कोषाध्यक्ष सावित्री मौर्य के साथ दर्जनों बालिकाओ ने भाग लिया ।