लखनऊ के कला मंडपम में सोमवार को महाराष्ट्र स्थापना दिवस मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन मराठी समाज उत्तर प्रदेश की ओर से हुआ। समारोह में सभी पुरुष–महिलाएं परंपरागत मराठी परिधान में दिखे। इस दौरान राज्यपाल आनंदीबेन पटेल चीफ गेस्ट रहीं।
साथ ही कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण यूपी डॉ. संजय एम तरडे़, पुलिस महानिरीक्षक सीबीसीआईडी राजेश डी मोडक, विलास पवार और अपर आयुक्त जीएसटी, सचिन सावंत भी मौजूद रहे। मराठी समाज से उमेश कुमार पाटिल, गजानन पाटिल, संतोष पाटिल आदि कार्यक्रम में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत आनंदीबेन पटेल और मराठी समाज के लोगों ने दीप प्रज्वलन और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा पर माल्यार्पण के साथ की गई। इसके बाद राज्यपाल ने भिक्षावृत्ति से मुक्त हुए बच्चों को गिफ्ट दिए। ये वहीं बच्चे थे जिनके लिए हाल ही में राज्यपाल ने चिनहट स्थित स्मार्ट क्लास का उद्घाटन किया था। बच्चे राज्यपाल के हाथों गिफ्ट पाकर काफी खुश हुए।
इसके बाद आनंदीबेन पटेल ने लोगों को संबोधित किया। जिसमे उन्होंने महाराष्ट्र राज्य के स्थापना के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि “हर राज्य को अपना स्थापना दिन मनाना चाहिए। इससे हमारी नई पीढ़ी को राज्य के इतिहास के बारे में जानकारी हासिल होती है। मुझे याद है 1956 में महागुजरात आंदोलन चलता था। महागुजरात जिंदाबाद के नारों के साथ जुलूस निकलते थे। 1960 में गुजरात और महाराष्ट्र अलग हुए। जिस तरह से गुजरात का विकास हुआ। उसी तरह से महाराष्ट्र का भी विकास हुआ”।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि वो गुजराती समाज के लोगों से तो मिलती रहती हैं। लेकिन लखनऊ में रहते हुए मराठी समाज के लोगों से न मिल पाने का उन्हें दुख है। राज्यपाल ने मराठी समाज को राज भवन में कार्यक्रम करने का न्योता भी दिया। उन्होंने कहा कि “आपको राज भवन में कोई भी कार्यक्रम करना हो। तो आप सादर आमंत्रित हैं। पहले राज भवन परिवार के लोगों को गरबा नहीं आता था। लेकिन अब वो ऐसा गरबा करते हैं मानों वो गुजरात के ही हैं”। समारोह में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की भी धूम रही। जिसमे गणेश वंदना और महाराष्ट्र गीत शामिल रहे। महाराष्ट्र गीत में राज्य की महान गाथा सुनाई गई।