उत्तराखंड की चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू हो चुकी है। यात्रा के चौथे धाम बद्रीनाथ के कपाट आज सुबह 7:10 बजे खुल जाएंगे। बद्रीनाथ धाम को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। इसके पहले आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर से पांडुकेश्वर को रवाना हुई।
बद्रीनाथ के पट खुलने से पहले आदिगुरु शंकराचार्य की गद्दी नृसिंह मंदिर से पांडुकेश्वर को रवाना हुई।डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक यात्रा व्यवस्थित तरीके से चल रही है। श्रद्धालुओं से प्रशासन का सहयोग करने की अपील की गई है।केदारनाथ मंदिर में एक भक्त का दान किया गया सोने का छत्र और घड़ा मंदिर में स्थापित किया गया है।इसके पहले 25 अप्रैल को केदारनाथ धाम के कपाट सुबह 6.20 बजे खोले गए। मंदिर के मुख्य पुजारी जगद्गुरु रावल भीम शंकर लिंग शिवाचार्य ने मंदिर के कपाट खोले। मंदिर को 20 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। खराब मौसम के कारण मंदिर जाने वाले हजारों तीर्थयात्रियों को आगे बढ़ने से रोक दिया गया था।
हालांकि पहले दिन 8 हजार से ज्यादा श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे। माइनस 6 डिग्री तापमान के बाद भी सुबह 4 बजे से मंदिर के बाहर दर्शन के लिए लंबी कतारें लगी थीं
उत्तराखंड सरकार ने केदारनाथ के पैदल रास्ते में भारी बर्फबारी और मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए केदारनाथ धाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का रजिस्ट्रेशन 30 अप्रैल तक रोक दिया है। भारतीय मौसम विभाग ने केदारनाथ धाम मार्ग और धाम में भारी बर्फबारी का अलर्ट जारी किया है। केदारघाटी में अगले एक हफ्ते तक मौसम खराब रहने का अनुमान है
एवलांच (हिमस्खलन) की चेतावनी को देखते हुए जिला प्रशासन जरूरी कार्रवाई कर रहा है। केदारनाथ धाम में रविवार को रुक-रुककर बारिश और बर्फबारी हुई। राज्य सरकार ने तीर्थयात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी की है। यात्रियों से कहा गया है कि वे धाम जाने से पहले अपने साथ गर्म कपड़े और जरूरी सामान रखें।
कुछ दिनों पहले बद्रीनाथ धाम के मुख्य पुजारी के प्रतिनिधियों ने डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी से मुलाकात की थी। उन्हें बताया था कि कैसे उत्तराखंड सरकार कई पीढ़ियों और सदियों से उनके कब्जे वाले नारायणपुर में उनको अपने घरों से बेदखल करने की धमकी दे रही है।