अमेरिका और सऊदी अरब की कोशिशों से अगले 72 घंटे तक सूडान में सिविल वॉर थमा रहेगा। दूसरी तरफ, 4 हजार भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन कावेरी शुरू हो चुका है।
नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा- पहले बैच में 278 भारतीयों को नेवी के जहाज INS सुमेधा से सूडान पोर्ट से सऊदी अरब के जेद्दाह पहुंचाया गया है। इसके बाद 148 और 135 भारतीयों के दो अलग-अलग बैच को भारतीय वायु सेना के C-130J एयरक्राफ्ट से जेद्दाह पहुंचाया गया। यानी अब तक 561 भारतीय जेद्दाह पहुंच चुके हैं। वहां से इन नागरिकों को जल्द ही एयरलिफ्ट कर भारत लाया जाएगा।
सूडान में पैरामिलिट्री फोर्स (RSF) और सेना के बीच 10 दिन से जंग जारी है। दोनों सत्ता पर कब्जा करना चाहते हैं। जंग में 416 लोगों और सैनिकों की मौत हो चुकी है। इसे देखते हुए भारत समेत कई देश वहां से अपने नागरिकों को निकाल रहे हैं।
ये सीजफायर लगातार 2 दिनों तक हुई बातचीत का नतीजा है। इन 72 घंटों में दोनों पक्षों के बीच सुलह कराने की कोशिश की जाएगी। वहीं, बाकी देश अपने नागरिकों को सूडान से निकालने के लिए ऑपरेशन चला रहे हैं। UN के मुताबिक इस लड़ाई में अब तक 427 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 3700 लोग घायल हैं।
एक लिखित घोषणा में RSF ने बताया कि लोगों को सूडान से निकालने और नागिरकों की आवाजाही के लिए लड़ाई को कुछ समय के लिए रोकने का फैसला लिया गया है। इस दौरान लोग अस्पतालों और जरूरत की जगहों पर जा सकते हैं।
हालांकि 19 अप्रैल को भी दोनों पक्षों ने सीजफायर की घोषणा थी। इसके बावजूद हमले जारी रहे थे। अमेरिकी विदेश मंत्री ने बताया कि बाहरी लोगों को सूडान से बाहर निकाल रहे काफिलों को लूटा जा रहा है।
इसके बावजूद रात से शुरू हुए सीजफायर से कई देश अपने लोगों को निकालने का काम तेजी से कर सकेंगे। अभी तक स्पेन, जॉर्डन, इटली, फ्रांस, डेनमार्क ही अपने लोगों को सूडान से निकाल पाए हैं।
यूनाइटेड नेशन्स के सेक्रेटरी जनरल एंटोनिया गुटरेस ने UN की सिक्योरिटी काउंसिल के 15 देशों से सूडान में शांति स्थापित करवाने की अपील की है। उन्होंने कहा कि 72 घंटों का इस्तेमाल सूडान को लोकतंत्र के रास्ते पर लाने के लिए किया जाना चाहिए। UN की सिक्योरिटी काउंसिल आज सूडान के हालातों पर बैठक करेगी।
सूडान में करीब 4 हजार भारतीय भी फंसे हैं। इन्हें निकालने के लिए विदेश मंत्रालय ने ऑपरेशन कावेरी शुरू कर दिया है। फॉरेन मिनिस्टर एस. जयशंकर ने यह जानकारी सोशल मीडिया पर दी।
जयशंकर ने कहा था- सूडान में फंसे भारतीयों को निकालने का काम शुरू हो चुका है। करीब 500 नागरिकों को पोर्ट सूडान लाया जा चुका है। इनके अलावा कुछ और नागरिक वहां पहुंचने वाले हैं। हमने इसे ऑपरेशन कावेरी नाम दिया है। हमारे शिप और एयरक्राफ्ट भारतीयों को वापस लाने के लिए रेडी हैं। अपने नागरिकों की मदद के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं।
इसी बीच कई देश सूडान में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहे हैं। अब तक अमेरिका, ब्रिटेन समेत 9 देशों ने अपने डिप्लोमैट्स को रेस्क्यू कर लिया है।
सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई है। 2019 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटाने के लिए लोगों ने प्रदर्शन किया।
अप्रैल 2019 में सेना ने राष्ट्रपति को हटाकर देश में तख्तापलट कर दिया, लेकिन इसके बाद लोग लोकतांत्रिक शासन और सरकार में अपनी भूमिका की मांग करने लगे।
इसके बाद सूडान में एक जॉइंट सरकार का गठन हुआ, जिसमें देश के नागरिक और मिलिट्री दोनों का रोल था। 2021 में यहां दोबारा तख्तापलट हुआ और सूडान में मिलिट्री रूल शुरू हो गया।
आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान देश के राष्ट्रपति और RSF लीडर मोहम्मद हमदान डागालो उपराष्ट्रपति बन गए। इसके बाद से RSF और सेना के बीच संघर्ष जारी है।
सिविलियन रूल लागू करने की डील को लेकर मिलिट्री और RSF आमने-सामने हैं। RSF सिविलियन रूल को 10 साल बाद लागू करना चाहती है, जबकि आर्मी का कहना है कि ये 2 साल में ही लागू हो जाना चाहिए।