शाहजहांपुर से महापौर चुनाव में सपा की उम्मीदवार अर्चना वर्मा ने रविवार को भाजपा का दामन थाम लिया। देर रात भाजपा ने उन्हें शाहजहांपुर से अपना मेयर का प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। दूसरे चरण के नामांकन के आखिरी दिन अर्चना वर्मा के भाजपा में जाने से सपा को तगड़ा झटका लगा है। उन्होंने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना की मौजूदगी में लखनऊ में भाजपा कार्यालय में पार्टी की सदस्यता ली। इस मौके पर ब्रजेश पाठक कहा, ”अर्चना सपा से खुश नहीं थीं। इसलिए अब उन्होंने सही जगह चुनी है।”
अर्चना वर्मा सपा सरकार में मंत्री रहे राममूर्ति वर्मा की बहू हैं। सपा सरकार में शाहजहांपुर में पत्रकार को जला देने के मामले में मंत्री राममूर्ति वर्मा पर गंभीर आरोप लगे थे। आज उनके ससुर राममूर्ति वर्मा की दूसरी पुण्यतिथि भी थी। भाजपा जॉइन करने के करीब 3 घंटे पहले उन्होंने अपने ससुर की फूल-माला अर्पित कर श्रद्धांजलि भी दी।
वहीं, दो दिन पहले ही सपा जिलाध्यक्ष तनवीर ने दावा किया था कि 24 अप्रैल को अर्चना वर्मा नामांकन कराएंगी। उन्होंने कहा था कि सपा प्रत्याशी इतनी मजबूत है कि भाजपा डर रही है। इसलिए अभी तक उन्होंने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। मगर, अर्चना वर्मा के पाला बदलने से सपा को तगड़ा झटका लगा है।
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने अर्चना वर्मा को BJP की सदस्यता दिलाई। उन्होंने कहा, “मैं कह सकता हूं कि अर्चना वर्मा के परिवार ने समाज सेवा के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है। अर्चना वर्मा के ससुर और पूर्व मंत्री राममूर्ति वर्मा दो बार सांसद रहे। वह चार बार के विधायक रहे और दो बार मंत्री रहे हैं। सबसे अहम बात यह है कि अभी जो हाल ही में निकाय चुनाव होने वाले हैं। उसमें शाहजहांपुर में सपा ने अर्चना को अपना उम्मीदवार बनाया था। लेकिन, वह पार्टी की रीति-नीति से बहुत दुखी थीं। खुद को उनसे जोड़ नहीं पा रही थीं। उनकी पार्टी में माताओं-बहनों के साथ अन्याय हो रहा था। उससे अर्चना को बहुत पीड़ा हो रही थी। वह इसे लंबे समय से महसूस कर रही थीं। इसी वजह से उन्होंने भाजपा को चुना है।”
इस मौके पर सुरेश खन्ना ने कहा, “अर्चना वर्मा को हम इसलिए भी बधाई देते हैं कि उन्होंने साहस करके सपा से दूर होने का फैसला किया है। उन्होंने जो कदम उठाया, उसके लिए उन्हें बहुत-बहुत बधाई। अर्चना वर्मा के ससुर ने लंबे समय तक राजनीति की है।”
जिला पंचायत अध्यक्ष और अन्य सभी सपा के शाहजहांपुर के उम्मीदवारों को लगातार BJP तोड़ रही है? इस सवाल पर सुरेश खन्ना ने कहा, “यह उनकी पीड़ा है। वह उनकी नीतियों से आहत होकर पार्टी छोड़ रहे हैं। भाजपा में आ रहे हैं।”
वहीं, अर्चना ने कहा, “हम गुटबाजी से बहुत परेशान हो चुके थे। लेकिन, पीएम नरेंद्र मोदी की राष्ट्रवाद और उनकी नीति से प्रभावित होकर भाजपा शामिल हुए हैं।”
अर्चना वर्मा 2005 में जिला पंचायत अध्यक्ष बनी थीं। वह चार बार विधायक और सपा सरकार में मंत्री रहे राममूर्ति वर्मा के बेटे राजेश वर्मा की पत्नी हैं। राजेश वर्मा 2022 के विधानसभा चुनाव में ददरौल सीट से सपा के प्रत्याशी थे। भाजपा के कद्दावर नेता सुरेश कुमार खन्ना ने उनको 9,313 वोटों से हराया था। सपा को करीब एक लाख वोट मिले थे।
नगर निगम के चुनाव में भी सपा और भाजपा के बीच करीबी मुकाबला देखने को मिल सकता था। इसी वजह से सभी की नजर मेयर पद के लिए दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों पर टिकी हुई थीं। संगठन ने नामांकन के आखिरी दिन से पहले सपा उम्मीदवार को भाजपा में शामिल करा दिया है। फिलहाल, सपा की तरफ से अभी कोई भी नया कैंडिडेट घोषित नहीं किया गया है।
अर्चना लोधी समाज से ताल्लुक रखती हैं। वह शाहजहांपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। वह साल 2005 और 2015 में जिला पंचायत सदस्य चुनी गई थीं। 2006 में वह शाहजहांपुर जिले की जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं। वहीं अर्चना के पति राजेश वर्मा 2022 में सपा के टिकट पर ददरोल से विधानसभा का चुनाव लड़े थे। हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
दरअसल, शाहजहांपुर में पहली बार मेयर का चुनाव हो रहा है। इस जिले को 17वां नगर निगम घोषित किया गया है। ऐसे में अर्चना को लगता है कि सपा के साथ रहकर चुनाव जीतना मुश्किल हो सकता है। इसीलिए भाजपा में शामिल होने के तुरंत बाद अर्चना वर्मा ने कहा कि वह समाजवादी पार्टी के नीतियों से खुश नहीं हैं। इसके अलावा सपा सरकार में महिलाओं पर हुए अत्याचार को लेकर भी वो काफी दुखी हैं।
उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव के सेकंड फेज के नामांकन की आखिरी तारीख 24 अप्रैल है। ऐसे में बीजेपी टिकट की मारामारी सबसे ज्यादा देखने को मिल रही है। उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह के द्वारा शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ सेकंड फेस के उम्मीदवारों के नाम के ऐलान को लेकर एक अहम बैठक 5 कालिदास पर की गई।
सेकंड फेस की बैठक होने के बाद प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सीधे दिल्ली रवाना हो गए। बीजेपी में टिकट का ऐलान नामांकन के आखिरी 24 घंटे पहले ही हो पा रहा है। पहले फेज के नाम नामांकन के आखिरी दिन ही घोषित हुए।