यूपी में ईद पर आज सुबह 29 हजार 439 मस्जिदों और 3865 ईदगाहों में ईद-उल-फितर की नमाज पढ़ी गई। जिसके बाद लोगों ने गले मिले और हाथ मिलाकर एक-दूसरे से मुबारकबाद दे रहे है।शनिवार सुबह से ही शहर से लेकर गांवों तक घरों से मस्जिदों तक ईद की खुशियां दिखाई दे रही। ईद की नमाज अदा कर लोगों ने दुआ की कि मुल्क में अमन-चैन बरकरार रहने की दुआ मांगी।
राजधानी लखनऊ समेत मेरठ, वाराणसी, आगरा, कानपुर, अयोध्या, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर में भी ईद की खुशियां फिजाओं में चारों तरफ फैल गईं हैं। अधिकतर जगहों पर लोगों ने मस्जिदों और ईदगाहों में ही नमाज पढ़ी।
लखनऊ और कानपुर समेत यूपी के सभी जिलों में शुक्रवार की शाम को ईद का चांद नजर आया। लखनऊ से शिया चांद कमेटी ने चांद दिखने के बाद शनिवार को प्रदेश भर में ईद मनाने का ऐलान किया। जैसे ही लोगों को शनिवार को ईद मनाए जाने की जानकारी हुई वे सीधे परिवार के साथ खरीदारी के लिए बाजार पहुंचे। थोड़ी ही देर में दुकानों के बाहर लोगों की भीड़ जमा हो गई।
उन्होंने अपनी जरूरत के हर सामानों की जमकर खरीदारी की। खाने-पीने से लेकर जूते-चप्पल और कपड़े की दुकानों पर सबसे ज्यादा भीड़ देखने को मिली। खरीदारी का सिलसिला रात तक जारी रहा।
शुक्रवार को अलविदा जुमे की नमाज यूपी में हाई अलर्ट के बीच सकुशल संपन्न हुई। प्रयागराज समेत सभी शहरों में फोर्स सुबह से ही फ्लैग मार्च करती रही। संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी रखी गई। सोशल मीडिया पर भी टीम नजर रखे रही।
दरअसल, 15 अप्रैल की रात प्रयागराज में माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या कर दी गई थी। बता दें दसवें महीने शव्वाल के पहले दिन ईद का त्योहार मनाया जाता है। इस्लामिक कैलेंडर अनुसार, सभी महीनों की तरह ही ये महीना भी नए चांद दिखने के साथ शुरू होता है।
इस्लामिक मान्यताओं अनुसार, मक्का से मोहम्मद पैगंबर के प्रवास के बाद पाक शहर मदीने में ईद-उल-फितर मनाने का उत्सव शुरू हुआ था। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ईद का त्योहार पैगम्बर हजरत मुहम्मद द्वारा बद्र की लड़ाई में जीत हासिल करने के बाद मनाया गया था।
इस जीत की खुशी में सभी का मुंह मीठा करवाया गया था। इसलिए इस दिन को मीठी ईद के रूप में मनाया जाता है। ईद की शुरुआत सुबह पहली प्रार्थना के साथ होती है। इसके बाद परिवार के सभी सदस्य मिलकर कुछ मीठा खाते हैं। नए कपड़ों पहनकर लोग ईदगाह जाते हैं जहां मुस्लिम लोग एक साथ ईद की नमाज़ अदा करता है।