आज भारत के दिग्गज फिल्म मेकर बी.आर. चोपड़ा की 109वीं बर्थ एनिवर्सरी है। उन्होंने हिंदी सिनेमा को नया दौर, हमराज, वक्त, निकाह जैसी फिल्में दी हैं। बतौर फिल्म जर्नलिस्ट करियर शुरू करने वाले बी.आर. चोपड़ा का पूरा नाम बलदेवराज चोपड़ा था। लाहौर में जन्मे बलदेवराज बंटवारे के बाद भारत आ गए थे। उस समय ये अपनी पहली फिल्म लाहौर में शुरू कर चुके थे, जिसे अधूरा ही छोड़ना पड़ा।
भारत में इन्होंने नए सिरे से करियर शुरू किया। पहली फिल्म फ्लॉप रही, लेकिन उसके बाद एक से बढ़कर एक हिट फिल्में दीं। बी.आर. चोपड़ा के ही कोर्ट केस के कारण मधुबाला और दिलीप कुमार का रिश्ता टूटा था, जो उस समय का चर्चित अफेयर था। 1988 में टीवी सीरियल महाभारत बनाने में इन्होंने 9 करोड़ रुपए खर्च किए थे।
बी.आर. चोपड़ा का जन्म 22 अप्रैल 1914 को ब्रिटिश इंडिया के पंजाब प्रांत में पीडब्ल्यूडी के एक कर्मचारी विलायती राज चोपड़ा के घर हुआ था। फिल्ममेकर यश चोपड़ा उनके छोटे भाई थे। कुछ समय बाद उनका पूरा परिवार लाहौर जाकर बस गया। लाहौर में बी.आर. चोपड़ा ने इंग्लिश लिटरेचर में एम.ए. किया। फिर 1944 में वो सिने हेराल्ड में फिल्म जर्नलिस्ट के तौर पर काम करने लगे। उन्होंने ये काम 1947 तक जारी रखा।
बतौर फिल्म जर्नलिस्ट काम करने की वजह से चोपड़ा का झुकाव फिल्मों की तरफ हो गया। उन्होंने 1947 में एक फिल्म पर काम शुरू किया, जिसका नाम था चांदनी चौक। फिल्म की कहानी को आई.एस. जौहर ने लिखा था। नईम हाशमी हीरो और एरिका रुख्शी हीरोइन थीं।
इस फिल्म के प्रोडक्शन की शुरुआत भारत-पाकिस्तान विभाजन के दौरान हुई थी। इसी दौरान दंगे इतने भड़क गए कि बी.आर. चोपड़ा को लाहौर से भागना पड़ा और बंटवारे के बाद वो दिल्ली आकर बस गए। कुछ समय वहां रहने के बाद उन्होंने मुंबई का रुख किया।
मुंबई में उन्होंने 1948 में रिलीज हुई फिल्म करवट बनाई, जो बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह से पिट गई। इसके बाद उनकी मुलाकात फिल्म प्रोड्यूसर शादीलाल हांडा से हुई, जो उनके अच्छे दोस्त भी थे। उन्होंने बी.आर. चोपड़ा को फिर से फिल्म बनाने के लिए मोटिवेट किया क्योंकि पहली फिल्म फ्लॉप होने की वजह से वो टूट गए थे।
चोपड़ा ने एक कहानी सुनाई, जो उन्हें बहुत पसंद आई, जिसके बाद शादीलाल फिल्म में पैसा लगाने के लिए तैयार हो गए। फिर बतौर डायरेक्टर उनकी पहली हिट फिल्म अफसाना 1951 में रिलीज हुई, जिसमें अशोक कुमार ने डबल रोल प्ले किया था। इस फिल्म की सफलता के बाद उनका नाम बॉलीवुड के हिट डायरेक्टर के तौर पर दर्ज हो गया।
फिर उन्होंने अपनी पहली फिल्म चांदनी चौक को मीना कुमारी के साथ पूरा किया। इसके बाद ही उन्होंने खुद का प्रोडक्शन हाउस B.R. फिल्म्स की शुरुआत की। इस प्रोडक्शन हाउस की पहली फिल्म एक ही रास्ता थी, जो हिट रही।
बी.आर. चोपड़ा के संघर्ष के दिनों का एक किस्सा बहुत मशहूर है। एक बार विदेशी फिल्ममेकर ने उनके सामने हिंदी फिल्मों का मजाक बना दिया था। फिल्ममेकर ने कहा था कि हिंदी फिल्ममेकर को सिनेमा क्या होता है, इसका ज्ञान नहीं है। उन्हें बस नचाना और गाना दिखाना आता है। फिल्में हिट होने का जरिया भी बस यही गाने होते हैं।
विदेशी फिल्ममेकर की ये बात बी.आर. चोपड़ा को बहुत बुरी लगी। इसके बाद उन्होंने एक ऐसी फिल्म बनाई, जिसमें एक भी गाना नहीं था। फिल्म का नाम इत्तेफाक था, जो बॉक्स ऑफिस पर भी हिट रही।
बी.आर. चोपड़ा ने फिल्म नया दौर के लिए दिलीप कुमार और मधुबाला को साइन किया था। फिल्म के कुछ सीन की शूटिंग मध्य प्रदेश में होनी थी। शूटिंग के चंद दिन पहले मधुबाला के पिता ने उन्हें दूसरे शहर में जाने से रोक दिया। इसकी वजह- मधुबाला और दिलीप कुमार के बीच अफेयर था, जो उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं था।
मजबूरन बी.आर. चोपड़ा को मधुबाला की जगह वैजयंतीमाला को कास्ट करना पड़ा। चोपड़ा ने इसकी शिकायत भी कोर्ट में दर्ज कराई थी, जिस वजह से मधुबाला को कोर्ट आना पड़ा। सुनवाई के दौरान दिलीप कुमार ने सारी बातें सच बताईं, जिस वजह से केस में मधुबाला और उनके पिता दोषी पाए गए।
इस घटना के बाद मधुबाला ने कहा कि बी.आर. चोपड़ा का साथ देकर दिलीप कुमार ने उन्हें धोखा दिया है। इस घटना का बुरा असर दोनों के रिश्ते पर भी पड़ा, जिस वजह से दोनों हमेशा के लिए अलग हो गए।
सिनेमा में आशा भोसले की एंट्री का क्रेडिट भी बी.आर. चोपड़ा को जाता है। फिल्म नया दौर के गाने उड़े जब-जब जुल्फें तेरी में पहली बार आशा भोसले ने अपनी आवाज दी थी, इसके बाद वे स्टार सिंगर बन गई थीं। उन्होंने बी.आर. चोपड़ा की फिल्म गुमराह में भी अपनी आवाज दी थी।
बी.आर. चोपड़ा के प्रोडक्शन में बनी लगभग सभी फिल्मों के गानों को मो. रफी अपनी आवाज देते थे। फिल्म नया दौर की शूटिंग के दौरान बी.आर. चोपड़ा ने उनसे कहा कि वो सिर्फ उन्हीं की फिल्मों के गाना गाया करें। दूसरे प्रोडक्शन हाउस की फिल्मों के गाने ना गाएं।
ये बात रफी साहब को बिल्कुल पसंद नहीं आई और उन्होंने सिरे से इस बात को खारिज कर दिया। इस घटना के बाद दोनों ने कई सालों तक एक साथ काम नहीं किया। हालांकि बाद में बी.आर. चोपड़ा के भाई यश चोपड़ा की मदद से दोनों की दोस्ती हो गई।
शुरुआती दिनों में किशोर कुमार को काम की तलाश में बहुत भटकना पड़ा था। एक बार वो फिल्म में काम मांगने के लिए बी.आर.चोपड़ा के पास गए, लेकिन उन्होंने किशोर कुमार के सामने एक शर्त रख दी। वो शर्त किशोर कुमार को बिल्कुल पसंद नहीं आई और उन्होंने उसे मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद बी.आर.चोपड़ा ने उन्हें फिल्म में काम नहीं दिया। इस पर किशोर कुमार ने कहा था- जब आपको मेरी जरूरत पड़ेगी, तो मैं भी अपनी शर्त पर ही आप से काम करने को कहूंगा।
अशोक कुमार और बी.आर. चोपड़ा बहुत अच्छे दोस्त थे। वो एक दिन अशोक कुमार के घर गए। उन्होंने अशोक कुमार से कहा कि वो एक फिल्म बना रहे हैं, जिसके लिए उनके भाई किशोर कुमार को कास्ट करना चाहते हैं। वो अपने भाई को फिल्म में काम के लिए मना लें।
अशोक कुमार ने उनसे कहा कि वो जाएं, बात कर लें, किशोर काम करने के लिए मान जाएंगे। बी.आर. चोपड़ा, किशोर कुमार से मिले और फिल्म ऑफर की। फिल्म में काम करने के लिए किशोर कुमार ने ऐसी शर्त रखी कि वो नाराज हो गए। शर्त ये थी कि शूटिंग के दौरान बी.आर. चोपड़ा को धोती-कुर्ता पहनना होगा, साथ ही पान भी खाना होगा। ये शर्त उन्होंने बदला लेने के लिए रखी थी।
किशोर कुमार जानते थे कि बी.आर. चोपड़ा ना तो कभी धोती पहनेंगे और ना ही पान खाएंगे। जब इस बात की जानकारी अशोक कुमार को हुई, तो वो भी अपने भाई की हरकत से बहुत नाराज हुए।
हिट फिल्में देने के अलावा बी.आर. चोपड़ा ने टीवी शो महाभारत भी बनाया। वो चाहते थे कि इसके डायलॉग डाॅ. राही मासूम रजा लिखें, लेकिन उन्होंने समय की कमी का हवाला देते हुए मना कर दिया।
मना करने के बाद भी टीम के एक सदस्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ये अनाउंसमेंट कर दिया। जब ये बात जनता के सामने आई, तो उन्होंने ये कहकर ट्रोल करना शुरू कर दिया कि क्या हिंदुओं की कमी हो गई कि एक मुस्लिम से महाभारत की स्क्रिप्ट लिखवा रहे हैं।
इस तरह के बहुत सारे लेटर्स भी लोगों ने बी.आर. चोपड़ा को लिखे। उन सभी लेटर्स को लेकर वो डॉ. रजा के पास गए। इनको पढ़ने के बाद उन्होंने अपना मन बना लिया और कहा कि वो ही डायलॉग लिखेंगे। उनका मानना था कि वो भारतीय संस्कृति को बखूबी जानते हैं।
महाभारत आज से 35 साल पहले प्रसारित किया गया था। उस समय इसे बनाने में कुल 9 करोड़ का खर्च आया था। 80 के दशक में इतना बेहतरीन शो बनाना बहुत बड़ी बात थी।
महाभारत में बी.आर. चोपड़ा द्रौपदी के रोल में जूही चावला को कास्ट करना चाहते थे, लेकिन बिजी शेड्यूल की वजह से उन्होंने मना कर दिया था। बाद में रूपा गांगुली को इस रोल के लिए कास्ट किया गया था। वहीं, अर्जुन के रोल के लिए जैकी श्रॉफ को अप्रोच किया गया था।
2008 में बी.आर. चोपड़ा का 94वें साल की उम्र में निधन हो गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, निधन के बाद वो करोड़ों की संपत्ति छोड़ गए थे। पिछले साल जून में उनके बंगले को बेटे रवि चोपड़ा की पत्नी रेनू ने 183 करोड़ रुपए में बेच दिया था। 25 हजार स्क्वायर फीट में ये बंगला फैला हुआ है।