60-70 के दशक की पॉपुलर एक्ट्रेस बबीता कपूर आज 76 साल की हो चुकी हैं। नामी खानदान में जन्मीं बबीता के लिए फिल्मों में आना बेहद आसान रहा, लेकिन ये फिल्मों से ज्यादा कपूर खानदान की बहू बनने पर चर्चा में रहीं। महज 6 साल के एक्टिंग करियर में इन्होंने बैक-टु-बैक 19 फिल्में कीं, जिनमें से ज्यादातर हिट रहीं। इन्होंने कपूर खानदान के रिवाज के अनुसार फिल्मों में आते ही इंडस्ट्री से दूरी बना ली, लेकिन जब बेटी करिश्मा कपूर की बारी आई तो ये खानदान से लड़ पड़ीं।-
कराची में जन्मीं बबीता के पिता हरि शिवदासानी एक फिल्म स्टूडियो के मालिक थे और मां बारबरा ब्रिटिश मूल की थीं। बबीता का जन्म भारत की आजादी से चंद महीनों पहले 20 अप्रैल 1947 में हुआ था। जब भारत-पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो पूरा परिवार बॉम्बे (अब मुंबई) आकर बस गया।
स्टूडियो के मालिक होने के चलते अक्सर फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े कई लोग इनके घर आया करते थे। एक दिन फिल्ममेकर जी.पी. सिप्पी का इनके घर आना हुआ। जैसे ही उनकी बबीता पर नजर पड़ी तो उन्होंने तुरंत उन्हें फिल्म राज में राजेश खन्ना के साथ कास्ट कर लिया। हालांकि राज से पहले बबीता की फिल्म दस लाख रिलीज हो गई। 1967 में फिल्मों में आने के बाद बबीता को फिल्म डोली (1969) से स्टारडम मिला।
1968 में बबीता कपूर की जोड़ी उनके फ्यूचर हसबैंड रणधीर कपूर के चाचा शशि कपूर के साथ बनी। दोनों फिल्म हसीना मान जाएगी में साथ नजर आए थे। ये उनके करियर की सबसे बड़ी हिट रही थी। इसी टाइटल के साथ बबीता की बेटी करिश्मा कपूर भी 1999 में फिल्म कर चुकी हैं। शशि कपूर के अलावा बबीता रणधीर कपूर के चाचा शम्मी कपूर के साथ भी फिल्म तुमसे अच्छा कौन है कर चुकी हैं।
बबीता को रणधीर पहले से जानते थे। दोनों की मुलाकात 1969 में फिल्म संगम के सेट पर हुई थी। जब पहली बार बबीता को उन्होंने देखा तो देखते ही रह गए थे। इसके बाद अक्सर दोनों चोरी-छिपे मिला करते थे। कुछ समय बाद जब बबीता को पता चला कि कपूर खानदान की बहुएं फिल्मों में काम नहीं करती हैं तो वो चिंतित हो उठीं। वो शादी के बाद भी फिल्मों में काम करना चाहती थीं।
रणधीर से शादी करने पर राज कपूर ने बबीता के सामने रखी थी शर्तरणधीर बबीता को परिवार वालों से मिलवाना चाहते थे इसलिए उन्होंने फैसला किया वो अपनी किसी फिल्म में बबीता को हीरोइन के रोल में कास्ट कर लेंगे। फिर इसी बहाने परिवार से बबीता की मुलाकात करवा देंगे। इसके बाद उन्होंने बबीता को फिल्म कल आज और कल में कास्ट किया था। राज कपूर को रणधीर के साथ बबीता के काम करने से कोई दिक्कत नहीं थीं लेकिन उनकी शर्त थी शादी के बाद बबीता को फिल्मों में काम करना बंद करना पड़ेगा। बबीता रणधीर को बहुत चाहती थीं इसलिए उन्होंने ये शर्त मान ली।
6 नवंबर 1971 को रणधीर और बबीता की शादी हुई। शादी के बाद दोनों बहुत खुश थे। 4 साल बाद उनकी पहली बेटी करिश्मा कपूर का जन्म हुआ। इसके बाद 20 सितंबर 1980 को दूसरी बेटी करीना का जन्म हुआ।
1967 से शुरू हुआ बबीता का फिल्मी सफर शादी के चलते खत्म हो गया। बबीता की आखिरी फिल्म सोने का हाथ थी, जो उनकी शादी के बाद 1973 में रिलीज हुई।
1981 से दोनों के रिश्ते में दूरियां आने लगी। इसकी वजह से थी कि 80 के दशक से रणधीर के करियर में डाउनफॉल आने लगा था। उनकी एक भी फिल्म चल नहीं रही थी। तंगी का दौर भी शुरू हो गया था। इस कारण वो बहुत शराब पीने लगे थे और एक्टिंग करियर पर बिल्कुल फोकस नहीं करते थे। एक समय तो ऐसा भी आया जब रणधीर के पास पत्नी के खर्च उठाने और बेटियों की फीस भरने तक के पैसे नहीं रहे। इन सबका असर बबीता-रणधीर की शादीशुदा जिंदगी पर पड़ा। 1987 में बबीता दोनों बेटियों के साथ रणधीर का घर छोड़कर चली गईं
पति से अलग होने के बाद बबीता ने करीना कपूर को ग्रूम करना शुरू किया। चंद जानकार लोगों की मदद से करिश्मा फिल्मों में आईं। कपूर खानदान की बहुओं के साथ-साथ बेटियों को भी फिल्मों में काम करने की इजाजत नहीं थीं, लेकिन करिश्मा को फिल्मों में लाने के लिए बबीता पूरे कपूर खानदान के खिलाफ खड़ी हो गईं।
मां की मदद से करिश्मा 1991 की फिल्म प्रैम कैदी से बॉलीवुड में आईं। पहली फिल्म भले ही हिट ना रही हो, लेकिन लगातार हिट देते हुए करिश्मा 90 के दशक की टॉप एक्ट्रेस बनीं।
1987 में भले ही बबीता और रणधीर एक दूसरे से अलग रहने लगे, हालांकि दोनों ने कभी तलाक नहीं लिया। पब्लिक ईवेंट और फैमिली फंक्शन में अकसर दोनों साथ ही पहुंचते थे। करीब 35 सालों तक अलग घरों में रहने के बाद हाल ही में दोनों ने फिर साथ रहने का फैसला किया है। दोनों फिलहाल बांद्रा स्थित नए घर में साथ रहते हैं।