लखनऊ, उत्तर प्रदेश : अंतरराष्ट्रीय शांति वक्ता प्रेम रावत की पुस्तक स्वयं की आवाज विमोचन में पहुंचे लाखों लोग, दर्ज हुआ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

लखनऊ, उत्तर प्रदेश : अंतरराष्ट्रीय शांति वक्ता श्र प्रेम रावत की पुस्तक स्वयं की आवाज विमोचन में पहुंचे लाखों लोग, दर्ज हुआ गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड – रमाबाई अंबेडकर मैदान में रविवार शाम अंतरराष्ट्रीय शांति वक्ता अंबेसडर ऑफ पीस से नवाजे गए श्री प्रेम रावत जी द्वारा लिखी पुस्तक हियर योर सेल्फ का हिंदी वर्जन स्वयं की आवाज पुस्तक का विमोचन किया गया। समारोह में लाखों लोग शामिल हुए जिससे कि वर्ल्ड रिकॉर्ड बन गया । जो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। विमोचन के दौरान एक लाख चौदह हजार सात सौ चार लोग शामिल हुए। यह संख्या केवल प्रेम रावत द्वारा अपनी पुस्तक के अध्याय 3 के 15 मिनट के दौरान पढ़े गए कुछ अंशों की है। इससे पहले पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में 6786 लोगों की उपस्थिति का रिकॉर्ड था।

कार्यक्रम शांतिपूर्ण था इस दौरान जानी-मानी अभिनेत्री भाग्यश्री एवं देश-विदेश से आए हजारों वॉलिंटियर्स, डॉक्टरों की टीम्स, शासन-प्रशासन एवं अन्य लाखों लोग मौजूद रहे।

पुस्तक के लेखक अंतरराष्ट्रीय शांति वक्ता प्रेम रावत ने कहा कि लोगों ने बहुत लंबे समय से बहुत कुछ करने की कोशिश की है लेकिन शांति अभी भी एक पहेली बनी हुई है। शांति एक ऐसी चीज है जो मनुष्य के हृदय के अंदर पाई जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि जिंदा रहना कोई साधारण बात नहीं है। उदाहरण देते हुए बताया कि जीवन सीमित है, इसलिए हमें हर पल का आनंद लेने की जरूरत है। यह आनंद और प्रशंसा है जिसे हम चले जाने पर भी ले जा सकते हैं। मनुष्य के रूप में जो जीवन हमारे पास है और जितना हम महसूस करते हैं उससे कहीं अधिक ज्ञान है। हमें उस ज्ञान और क्षमता को उजागर करने की जरूरत है जो हमारे पास पहले से है। यदि हमारे जीवन में प्रकाश है, तो हम उन चीजों को देख पाएंगे जिन पर हमारा ध्यान केंद्रित नहीं है और जीवन के सभी उपहार प्राप्त कर सकेंगे।

भाग्यश्री ने प्रेम रावत से कई सवाल पूछें। जिसका प्रेम रावत ने बहुत ही सरलता पूर्ण जवाब व संदेश दिया। जिसका एक अंश यह है प्रेम रावत ने कहा कि मनुष्य खुद को पहले जानें उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जैसे एक बुझा हुआ दिया दूसरे दीयो को नहीं जला सकता है। इसी तरह एक जलता हुआ दिया अनंत दीयों को जला सकता है जब तक हम खुद को नहीं जानेंगे, तब तक हम दूसरों के जीवन में समस्याओं को दूर करने में मदद नहीं कर पाएंगे।

अंत में प्रेम रावत जी ने लखनऊ ही नहीं पूरे भारतवर्ष एवं विश्व के लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि हमारा शांति का संदेश जन जन तक पहुंचे, और अनंत शांति से खुद को जोड़ें।

कार्यक्रम में आए वाहन महोत्सव स्थल की पार्किंग में यथा पूर्वक खड़े किए गए थे वहां से लोग कार्यक्रम स्थल तक पैदल शांतिपूर्वक पहुंचे और शाम 6:00 बजे से लगभग 9:00 बजे तक शांतिपूर्वक रहे उसके बाद थोड़ी सी यातायात जाम की स्थिति बनी लेकिन लोगों ने शांतिपूर्वक अनुशासित तरीके से मैनेज किया और अपने अपने गंतव्य को चले गए।

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  1. Sanjay Singh

    Bahut acchi news good coverage

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