7 साल से मलेशिया में था जाकिर नाइक अब ओमान पहुंचा, उसे लाने कोशिश जारी

2016 में भारत से भागा कथित इस्लामिक स्कॉलर जाकिर नाइक शुक्रवार को स्पीच देने के लिए ओमान पहुंचा। मीडिया रिपोर्ट्स में कई दिन से दावा किया जा रहा है कि ओमान सरकार जाकिर को गिरफ्तार करके भारत के हवाले कर सकती है।
इस मामले पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने पहली बार रिएक्शन दिया। फॉरेन मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा- जाकिर के खिलाफ भारत में कई केस दर्ज हैं। कानून की नजरों में वो भारत का भगोड़ा है। हम ओमान सरकार के संपर्क में हैं।
नाइक के खिलाफ नेशनल इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी (NIA) और एनफोर्समेंट डाइरेक्टोरेट (ED) ने कई मामलों की जांच की है। 2016 में नाइक भारत से भागकर मलेशिया चला गया गया था। अब उसने मलेशिया की नागरिकता भी हासिल कर ली है।
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि भारत और ओमान के बीच एक्सट्रडिशन ट्रीटी (प्रत्यर्पण संधि) है। यह ट्रीटी जून 2006 में हुई थी। लिहाजा, भारत उम्मीद कर रहा है कि ओमान की सरकार नाइक को हिरासत में लेकर उसे भारत के हवाले कर सकती है।
बागची ने कहा- हमने जाकिर के मामले में ओमान सरकार से बातचीत की है। उसे भारत लाने के लिए जो भी कदम उठाए जा सकते हैं, वो उठाए जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि उसे भारत लाकर कानून के हवाले किया जाए। फिलहाल, इतनी ही जानकारी दी जा सकती है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओमान सरकार ने भारत को बताया है कि जाकिर वहां फिलहाल ‘सरकारी मेहमान’ के तौर पर आया है। वो रमजान के दौरान दो लेक्चर देगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय ओमान सरकार के हर कदम पर नजर रख रहा है। भारत की डिप्लोमैटिक और सिक्योरिटी एजेंसियां नाइक की हर हरकत पर नजर बनाए हुए हैं। एजेंसियां संभावना तलाश रही हैं कि ओमान में उसे किस तरह हिरासत में लिया जा सकता है।
नाइक शुक्रवार सुबह पांच बजे मलेशिया की राजधानी कुआलालम्पुर से ओमान के मस्कट एयरपोर्ट पहुंचा। इसके कई दिन पहले से ही इंडियन एजेंसीज एक्टिव हो गईं थीं।
2017 में मुंबई की NIA कोर्ट ने नाइक के खिलाफ नॉन बेलेवल वारंट जारी किया था। उस पर आतंकवाद से जुड़े आरोप थे। इसके बाद 2019 में मुंबई की स्पेशल कोर्ट ने भी उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए। ED ने उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस दर्ज किया था।
अक्टूबर 2017 में NIA ने जाकिर के खिलाफ चार्जशीट भी दायर कर दी। उसके NGO इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (IRF) की जांच के दौरान कई गड़बड़ियां पाई गईं थीं। जांच में ये भी पाया गया कि नाइक ने कई फर्जी कंपनियां रजिस्टर्ड करा रखीं थीं।
नवंबर 2016 में ही उसके एनजीओ को बैन कर दिया गया। 2019 में नाइक ने कहा था कि उसे भारत के कानून पर पूरा भरोसा है।
नाइक ने 2020 में कहा था कि मलेशिया में हिंदुओं को भारत के मुस्लिमों के मुकाबले 100 गुना ज्यादा अधिकार मिले हैं। इसके बाद वहां की सरकार ने उसे पूछताछ के लिए बुलाया था।
मलेशिया की जनसंख्या करीब 3 करोड़ 20 लाख है। इसमें 60% मुसलमान हैं। इसके बाद सर्वाधिक जनसंख्या हिंदुओं की है। राजनीति और कारोबार में भी हिंदुओं का दबदबा है। मलेशिया की इकोनॉमी में हिंदुओं का सबसे अहम रोल है। ऐसे में जाकिर का बयान दोनों समुदायों के लिए भड़काऊ माना गया था।
मलेशिया के बड़े ज्यूडिशियल एक्सपर्ट अम्बिगा श्रीनिवासन ने नाइक पर गंभीर आरोप लगाए थे। अम्बिका ने कहा था- जाकिर मलेशिया में आईएस की विचारधारा को बढ़ावा दे रहा है। नाइक की वजह से मलेशिया की सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी।
जाकिर ने जुलाई 2008 में कहा था कि 11 सितंबर 2001 को अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए हमले के लिए अलकायदा जिम्मेदार नहीं है। बांग्लादेश की राजधानी के ढाका के एक कैफे पर 2016 में हमला हुआ था। इसमें 29 लोग मारे गए थे। जांच के दौरान पता लगा कि हमले में पांच आतंकी शामिल थे। इनमें से एक ने फेसबुक पर लिखा था कि वो जाकिर नाइक की विचारधारा से प्रभावित था।