आज का दिन भारतीय फैंस चाहकर भी भुला नहीं सकेंगे, रविवार को विशाखापट्टनम में भारत को वनडे इतिहास की सबसे बड़ी (विकेट और बची बॉल के लिहाज से) हार का सामना करना पड़ा। 3 मुकाबलों की वनडे सीरीज के दूसरे मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को 234 बॉल रहते 10 विकेट से हराया। पिछला रिकॉर्ड 212 बॉल का था। जो 2019 में न्यूजीलैंड ने हेमिल्टन में बनाया था। भारतीय टीम वनडे में छठी बार 10 विकेट से हारी है।
इस जीत से तीन मैचों की सीरीज रोमांचक मोड़ पर आ गई है। अब दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर हैं। तीसरा और निर्णायक मुकाबला 22 मार्च को चेन्नई में खेला जाएगा।
विशाखापट्टनम के डॉ. वाईएस राजशेखर रेड्डी स्टेडियम में ऑस्ट्रेलियाई कप्तान ने टॉस जीता और फील्डिंग करने का फैसला लिया। बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम 26 ओवर में 117 के सामान्य से स्कोर पर सिमट गई। विराट कोहली (31 रन) को छोड़कर किसी और का बल्ला नहीं चला। अक्षर पटेल ने जरूर 29 रनों की संघर्षपूर्ण पारी खेली। स्टार्क ने वनडे में 9वीं बार 5 विकेट चटकाए। एबॉट को तीन और एलिस को दो विकेट मिले।
118 रनों का टारगेट ऑस्ट्रेलियाई ओपनर्स ने महज 11 ओवर में चेज कर लिया। यह भारत के खिलाफ वनडे का सबसे तेज रन चेज है। इससे पहले, न्यूजीलैंड ने 14.4 ओवर में 2019 में टारगेट चेज किया था। कंगारू टीम के ट्रेविस हेड और मिचेल मार्श के बीच 66 बॉल पर नाबाद 121 रनों की शतकीय साझेदारी हुई। भारत के किसी भी गेंदबाज को विकेट नहीं मिला।
पहला : मिचेल स्टार्क की गेंदबाजी भारतीय बल्लेबाजों के पास लेफ्ट आर्म पेसर मिचेल स्टार्क, एबॉट और एलिस की आग उगलती गेंदों का जवाब नहीं था। खासकर मिचेल स्टार्क की इनस्विंगर का। इस बॉल पर दो बल्लेबाज आउट हुए।
दूसरा : बड़ी साझेदारी नहीं भारतीय पारी में कोई बड़ी साझेदारी बिल्ट नहीं हुई। सबसे बड़ी साझेदारी कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली के बीच 29 रनों की रही। इसी पिच पर ऑस्ट्रेलियाई ओपनर्स ने 66 बॉल पर 121 रनों की साझेदारी की।
तीसरा : खराब गेंदबाजी 117 के स्कोर का बचाव करते हुए भारतीय गेंदबाजी बेअसर रही। 11 ओवर की ऑस्ट्रेलियाई पारी में शमी, सिराज, पंड्या सहित हमारे 5 गेंदबाजों ने ओवर डाले, लेकिन सफलता किसी को नहीं मिली।
मुझे लगता है आज भारतीय बैटिंग में कुछ कमियां थीं। हमारे बल्लेबाजों ने गलतियां कीं। सूर्या को ही ले लो, वह उसी बॉल पर आउट हुए। जिस पर पिछले मैच में हुए थे। जहां तक बारिश की बात है, बारिश असर करती है, लेकिन इतना नहीं कि टीम 117 पर ऑल आउट हो जाए। ऐसे में मुझे लगता है कि टीम की वर्ल्ड कप की तैयारियां सही दिशा में नहीं हैं।
लेफ्ट ऑर्म पेसर इम्पैट को जेपी महज एक बहाना मानते हैं। वे कहते हैं यदि ऐसा होता तो दुनिया भर की टीमों में लेफ्ट आर्म पेसर ही खेलते। यह महज एक बहाना है, यदि आप इंटरनेशनल लेवल पर कॉम्पीट करते हो तो आपको एक बल्लेबाज के तौर पर हर बॉलर का तोड़ निकालना पड़ता है।
टॉस गंवाकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और 3 रन के टीम स्कोर पर ओपनर शुभमन गिल एक रन बनाकर आउट हो गए। उन्हें तेज गेंदबाज मिचेल स्टार्क ने पॉइंट पर मार्नस लाबुशेन के हाथों कैच कराया।
फिर रोहित शर्मा भी 13 रन बनाने के बाद स्टार्क की ही बॉल पर आउट हुए। उन्हें स्टीव स्मिथ ने स्लिप में कैच किया। कप्तान के बाद खेलने आए सूर्यकुमार यादव 0 पर, केएल राहुल 9 रन बनाकर और हार्दिक पंड्या 1 रन बनाकर आउट हुए। ये तीनों दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके।