मुंबई में वैनिटी वैन्स के मालिक केतन रावल से हुई मुलाकात में केतन बताते हैं कि उनके पास 65 वैनिटी वैन हैं। अमिताभ बच्चन से लेकर महेंद्रसिंह धोनी तक, लगभग सारे बड़े फिल्मी सितारे, खिलाड़ी और अंबानी फैमिली तक उनकी कस्टमाइज वैनिटी ही इस्तेमाल करते हैं।
केतन कहते हैं कि मैंने वीडियो में देखा है कि जब वैनिटी की सुविधा नहीं थी, तब रेखा जी और बच्चन साहब पेड़ के पीछे अपने कॉस्ट्यूम चेंज करते थे। कई कलाकारों के लिए जूनियर आर्टिस्ट साड़ी और चादर का घेरा बनाते थे, जिसमें वो लोग कपड़े चेंज करते थे।
अब इस वैनिटी की फैसिलिटी के बाद आर्टिस्ट का ये स्ट्रगल खत्म हो गया है। सबसे पहले 1985-86 में एक्ट्रेस पूनम ढिल्लन ने वैनिटी वैन बनवाई थी, जिसकी ओपनिंग अमिताभ बच्चन ने की थी।
पूनम ने 2021 में सोशल मीडिया पर इस बारे में लिखा था- मैं नहीं जानती थी कि मैं फिल्म इंडस्ट्री में इतिहास बना रही हूं, जब मैंने पहली बार अपनी मेकअप वैनिटी वैन की शुरुआत की। कई आर्टिस्ट मुझे इस कॉन्सेप्ट को फिल्म इंडस्ट्री में लाने के लिए धन्यवाद देते हैं। पहले ऑन लोकेशन शूट करने में बहुत परेशानी होती थी- न टॉयलेट, न कपड़े बदलने और खाना खाने की जगह, आर्टिस्ट को धूप और धूल में ही लोकेशन पर वक्त गुजारना पड़ता था।
केतन बताते हैं, सबसे पहले मैंने सैफ अली खान के लिए कस्टमाइज वैनिटी वैन बनाई थी। 2013 तक ऐसा था कि जो वैन हम आर्टिस्ट को देते थे, उसी को वो इस्तेमाल करते थे। पहली बार हम ये कॉन्सेप्ट लाए कि सेलेब्स को वैनिटी में क्या-क्या चीजें चाहिए, उसी हिसाब से हम उसे डिजाइन करके देंगे।
सैफ सर से मैंने पूछा कि उन्हें कैसी वैन चाहिए। इसके बाद सोफे का कवर, वुडन फ्लोरिंग से लेकर पर्दे तक मैंने उनकी चॉइस के मुताबिक बनवाए। सैफ सर को JBL का ही म्यूजिक सिस्टम चाहिए था, मैंने वही लगवाया।
हर आर्टिस्ट की अलग-अलग डिमांड की होती है। कंगना रनोट को ट्रेडिशनल लुक चाहिए होता है। जो उनके घर की इंटीरियर डिजाइनर हैं, उन्होंने उनकी वैनिटी का डिजाइन भी वैसे ही करवाया है। उनके सोफे कार्विंग वाले हैं, चेयर्स भी ओरिजिनल वुड से बनाया गया है। उन्हें घर जैसा फील कराना हमारी प्रायोरिटी थी। कंगना ने वैनिटी के बाथरूम में जेटस्प्रे तक अपनी पसंद की कंपनी का लगवाया है।
ये मेरी अब तक की सबसे महंगी वैन रही है। इसे कस्टमाइज करने में 65 लाख रुपए लगे। जब कंगना कहीं शूट कर रही होती हैं तो इसी वैन को यूज करती हैं। उनकी शूटिंग ना हो तो वैन हमारी पार्किंग में खड़ी रहती
शाहरुख खान की वैनिटी इतनी बड़ी है कि वो हर लोकेशन पर नहीं जा सकती। एक बार उनकी फिल्म का सेट मुंबई से बाहर था, जहां उनकी वैन नहीं जा पा रही थी।
तब हमारी वैनिटी का 35 दिनों तक इस्तेमाल हुआ था। इसके बाद से ही जिस लोकेशन पर शाहरुख की वैनिटी नहीं जा पाती है, वहां पर हमारी वैनिटी बुलाई जाती है।
आमतौर पर सेलेब्स अपनी वैन में CCTV नहीं पसंद करते, लेकिन नोरा ने अपनी वैन के अंदर और बाहर CCTV इंस्टाल करवाया है। वो अंदर बैठकर बाहर अपने फैंस को देखना चाहती हैं।
वहीं, जब वो सेट पर रहे तो वैनिटी के अंदर क्या चल रहा है वो देखती रहती हैं। इंडस्ट्री में तकरीबन 300 वैन हैं जिसके अंदर CCTV कैमरा नहीं है।
रोहित शेट्टी की टीम काफी बड़ी है। 10-11 तो असिस्टेंट डायरेक्टर ही उनके अंडर काम करते हैं। शेट्टी सर की डिमांड ऐसी थी कि उन्हें अपनी वैनिटी में 10-12 लोगों के साथ बैठने का स्पेस चाहिए।
हर दिन शूटिंग खत्म होने के बाद वो वैनिटी में ही अपनी टीम के साथ बैठकर अगले दिन की शूटिंग का प्लान डिस्कस करते हैं। एक महीने पहले ही मैंने उनके लिए एक बड़े रूम वाली वैनिटी बनवाई है। इसमें एक स्पेशल रिक्लाइनर उनके लिए लगाया है, जिस पर बैठकर वो टीम से बात करते हैं।
साउथ की पॉपुलर एक्ट्रेस नयनतारा जो कि अभी शाहरुख खान के साथ फिल्म कर रही हैं, उनकी डिमांड थी कि उनके रूम में सिर्फ उनका सेट अप होना चाहिए। आमतौर पर सेलेब्स की वैन में दो रूम होते हैं।
एक उनके लिए और दूसरा स्टाफ के लिए। नयनतारा को अपनी वैनिटी सिर्फ एक रूम चाहती थीं और एक वॉशरूम जिसमें क्यूबिकल शॉवर हो। इसके बाद मैंने उन्हीं की डिमांड पर वैन को कस्टमाइज किया।
मेरे ख्याल से इंडस्ट्री शायद ही कोई ऐसा एक्टर होगा जो मेरी वैनिटी में बैठा नहीं होगा। अमिताभ बच्चन, सोनाक्षी सिन्हा, जॉन अब्राहम, सनी देओल, अर्जुन रामपाल, कंगना रनोट, शिल्पा शेट्टी, रवीना टंडन, तापसी पन्नू, सबके लिए मैंने वैन कस्टमाइज की है।
यहां तक कि आज अंबानी परिवार में भी कोई फंक्शन हो तो वे मेरी ही वैन का इस्तेमाल करते हैं। IPL में नीता अंबानी जहां- जहां जाती हैं, वहां हमारी वैन जाती है। उनकी टीम से मुझे फोन आ जाता है, लोकेशन बता देते हैं।
जो सुविधाएं 5 स्टार होटल और बड़े सेलिब्रिटी के घर में होती है, वही सुविधा हमारी वैन में भी होती हैं। आर्टिस्ट के लिए वैनिटी वैन अब दूसरा घर बन गया है। जितना वो लोग खुद के घर में नहीं रहते, उससे ज्यादा समय वैनिटी में गुजारते हैं। टीवी, गीजर, माइक्रो वेव जैसी सब फैसिलिटी उन्हें चाहिए होती हैं।
बहुत से आर्टिस्ट जिम से डायरेक्ट वैन आते हैं और यहीं शावर लेते हैं। यदि बाथरूम में किसी को जेटस्प्रे चाहिए होता था तो वो भी उनके चॉइस की कंपनी का मिलता है। टीवी में कौन सा चैनल चाहिए, टीवी देखने के लिए रिक्लाइनर चाहिए, हम हर सुविधा प्रोवाइड करते हैं। जैसे जॉन अब्राहम और महेंद्र सिंह धोनी को स्पोर्ट्स चैनल ज्यादा चाहिए होते हैं, हम इस तरह की हर फैसिलिटी देते हैं।
मैं कभी भी एक आर्टिस्ट को दूसरे आर्टिस्ट की वैन नहीं देता हूं। जब किसी आर्टिस्ट का शूट नहीं होता हैं तो उस दिन वह वैन खाली रहती है। आर्टिस्ट की डिमांड के मुताबिक, वैन का रेंट तय होता है।
क्रिकेटर्स में सचिन तेंदुलकर, महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा के लिए भी हमारी वैन ही जाती हैं। अब मान लीजिये उनके लिए साल में बहुत कम वैन्स का इस्तेमाल होता है, तो ऐसे में हम 15-20 हजार रूपए एक दिन का चार्ज करते है।
मैंने मेरी पहली वैन 7500 के किराए में दी थी, जिसमें स्टाफ का पगार भी शामिल थी। स्टाफ ही 3000 रूपए लेकर चले गए थे, बाकी बचे 4500 में मेंटेनेंस और टैक्स भी थे।
2013 में फिल्म का बजट भी कम होते थे, 15-20 लाख में फिल्म बन जाती थी। अभी तो 100 करोड़ की फिल्में बनने लगी हैं। ऐसे में वैन का बजट भी थोड़ा बढ़ गया है। एक्टर्स को पैसे नहीं देने पड़ते हैं, इन्वेस्टमेंट मेरा होता है। बस उन्हें उनकी शूटिंग का लोकेशन बताना होता है, मेरी वैन वहां पहुंच जाती हैं।
लाॅकडाउन के दौरान मुंबई पुलिस को भी वैनिटी वैन की जरूरत थी, खासतौर पर फीमेल कॉन्स्टेबल्स को, उन्हें वॉशरूम जाने में बड़ी दिक्कत होती थी। वो कई बार पानी नहीं पीती थीं, ताकि बार-बार टॉयलेट नहीं जाना पड़े। मुझे उनकी ये बात बहुत चुभ गई थी, लगा कि वो हमारे लिए ये इतनी बड़ी कुर्बानी दे रही हैं। इसके बाद मैंने 25 वैनिटी वैन बिना किसी किराए के पुलिस विभाग को दे दी
सिर्फ सेलेब्स ही नहीं आम आदमी भी इस वैन को इतेमाल कर सकते हैं। आज कल शादियों में भी इस तरह के लग्जरी वैन की जरूरत होती है, हम उसे भी प्रोवाइड करते हैं।
हमें कोई एडवांस नहीं मिलता फिल्म इंडस्ट्री में कोई एडवांस पेमेंट नहीं मिलता। शूटिंग खत्म होने के बाद ही पैसा मिलता है। हर प्लेटफॉर्म के टर्म्स कंडीशन अलग होते हैं। ऐड फिल्मों का पेमेंट का एक हफ्ते बाद मिलता है। कुछ फिल्मों की शूटिंग शेड्यूल वाइज होती है, तो उनसे पेमेंट हर शेड्यूल पूरा होने के बाद मिलता है। बड़े प्रोडक्शन हाउस की फिल्मों के रिलीज के बाद ही उसका पेमेंट हमें मिलता है। वहीं टीवी शोज के एयर होने के 3 महीने बाद उसका पेमेंट मिलता है।
मेरी एक मन्नत है, जिसे मैं आज भी पूरा करता हूं – मेरी हर नई वैन से पहले दिन की जितनी भी कमाई होती हैं, वो मैं टिटवाला गणपति मंदिर, जो टिटवाला महाराष्ट्र में है, वहां दान करता हूं। मैं प्रोड्यूसर से रिक्वेस्ट करता हूं कि वो मुझे चेक की बजाए कैश में पैसा दें और वही पैसा मैं दान करता हूं।
27 साल पहले मैं गुजरात से मुंबई सिर्फ 3000 रूपए लेकर आया था, आज 65 वैन्स का मालिक हूं, जो देश में किसी के पास नहीं है। पिताजी ने मुझसे कहा था- अगर मुंबई में कुछ बड़ा करना है तो मुंबादेवी माता का जरूर दर्शन करना।
जब पहली बार उनका दर्शन करके बाहर निकला तो मुझे गुजराती थिएटर में एक छोटा सा रोल करने का मौका मिला और वहीं से जर्नी शुरू हो गई। 2003 में मैंने अपना बिजनेस शुरू किया था, उस वक्त मैं पार्टनरशिप में था। 2005 से मैंने खुद की वैनिटी बनाना शुरू की थी।