मेरठ ग्रामीण के SP अनिरुद्ध कुमार का 20 लाख की घूस मांगने का वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। अनिरुद्ध कुमार वीडियो कॉल पर व्यापारी से बात कर रहे हैं। अनिरुद्ध कुमार व्यापारी से कहते हैं कि इतना लेट करके मत भेजिए। साथ ही पूछा- आज कितना भेज रहे हैं?
व्यापारी कहता है कि आज हम 10 या 20 लाख भेजेंगे। साथ ही व्यापारी कहता है कि भैया इतनी मोटी रकम खाते से निकालने पर शक नहीं होगा क्या? 10 लाख रुपए जब अकाउंट से निकलता है, तो दिक्कत होती है। अकाउंट पेई चेक से ही पैसा निकल रहा है।
इस पर एसपी ग्रामीण कहते हैं कि मिनिमम 20 लाख रुपए शाम तक भेजिए। बाकी मैं बताता हूं। यह वीडियो काफी पुराना बताया जा रहा है। वीडियो सामने आने के बाद DGP मुख्यालय ने जांच बैठा दी है। साथ ही 3 दिन के अंदर रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
बता दें कि कुछ साल पहले सनबीम स्कूल के मालिक पर रेप का मुकदमा दर्ज हुआ था। अनिरुद्ध कुमार उस वक्त वाराणसी में ASP चेतगंज थे। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इस वीडियो के आधार पर अनिरुद्ध कुमार का ट्रांसफर ASP इंटेलिजेंस में हुआ। इसके बाद उनकी पोस्टिंग एएसपी फतेहपुर हुई। अभी वह SP रूरल के पद पर तैनात हैं।
बता दें, अनिरुद्ध कुमार उत्तर प्रदेश कैडर के 2018 बैच के आईपीएस हैं। उनकी पत्नी भी यूपी में आईपीएस हैं। अनिरुद्ध कुमार से जब वायरल वीडियो के बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा, ”मैं कोई ऑफिशियल कमेंट नहीं कर सकता हूं। यह वसूली नहीं ट्रैप था।”
डीजीपी मुख्यालय से जारी बयान में बताया कि 12 मार्च को मेरठ में एसपी ग्रामीण के पद पर नियुक्त आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध सिंह का वीडियो वायरल हुआ। जिसमें वह किसी व्यक्ति से वीडियो कॉल के माध्यम से वार्तालाप करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
उक्त वीडियो के आधार पर अनिरुद्ध सिंह के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए जा रहे हैं। ये प्रकरण 02 वर्ष पुराना है। किन्तु प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत पुलिस मुख्यालय द्वारा कमिश्नर वाराणसी से इसके संबंध में जांच कर 03 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है।
8 सितंबर 2020 को महोबा के करवई थाना इलाके के व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी ने तत्कालीन महोबा एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ एक सोशल मीडिया पोस्ट डाली थी। जिसमें पाटीदार पर वसूली के लिए प्रताड़ित किए जाने के आरोप लगाए गए थे। पोस्ट डालने के कुछ घंटे बाद ही इंद्रकांत पर फायरिंग हो गई थी।
घटना में घायल इंद्रकांत को महोबा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां से उन्हें कानपुर रेफर किया गया था। कानपुर में इलाज के दौरान 13 सितंबर को इंद्रकांत की मौत हो गई थी।
घटना के बाद परिजनों ने एसपी पाटीदार को इंद्रकांत की मौत का जिम्मेदार बताया था। इंद्रकांत के भाई रविकांत त्रिपाठी ने 11 सितंबर 2020 की शाम थाना कबरई में पाटीदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। घटना के बाद से 2 साल से फरार चल रहे आईपीएस मणिलाल पाटीदार ने 15 अक्टूबर 2022 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था।
पाटीदार पर एक लाख रुपए का इनाम भी घोषित था। वहीं, 10 जनवरी 2023 को मणिलाल पाटीदार को एंटी करप्शन कोर्ट ने जमानत दे दी थी। पाटीदार के खिलाफ पुलिस को चार्जशीट दाखिल करनी थी जो वह तय समय में नहीं कर पाई थी।