मुंबई के मालाबार हिल इलाके में मौजूद बाबुलनाथ मंदिर बेहद मशहूर है. यहां स्थापित करीब 350 साल पुराने शिवलिंग पर महाभिषेक करने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं, लेकिन यही श्रद्धा इस शिवलिंग की दुश्मन बन गई है. दरअसल दादी शेट वाडी स्थित इस मंदिर के शिवलिंग में दरारें आने लगी हैं. मंदिर प्रबंधन के कहने पर IIT-Bombay की टीम ने इन दरारों का कारण जानने की कोशिश की तो रिसर्च में ऐसा सच सामने आया, जो आंखें खोलने वाला है. दरअसल आईआईटी टीम ने रिसर्च में शिवलिंग में दरार का कारण इस पर महाभिषेक के लिए चढ़ने वाले दूध और अन्य चीजों में केमिकल मिलावट को माना है. आईआईटी की टीम ने मंदिर के चारों तरफ के इलाके में मौजूद दुकानों से सामानों के सैंपल लेकर उनकी जांच की है. इस जांच में इन दुकानों पर बिकने वाले दूध, गुलाल व अन्य चीजों में दूसरे केमिकलों की बेहद ज्यादा मिलावट निकली है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईआईटी टीम ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में बताया है कि यह मिलावट बेहद ज्यादा है, जिससे दूध भी जहर बन गया है. उन्होंने शुद्ध दूध में केमिकल से तैयार नकली दूध मिलाकर उसकी मात्रा बढ़ाने का खेल चलने की भी आशंका जताई है. टीम ने रिपोर्ट में कहा है कि इसी केमिकल मिलावट के कारण शिवलिंग के पत्थर को नुकसान हुआ है और उसमें दरारें आ रही हैं. आईआईटी के एक्सपर्ट्स की सलाह पर मंदिर प्रबंधन ने शिवलिंग पर अभिषेक कराना बंद कर दिया है. अब शिवलिंग पर दूध, भस्म आदि चढ़ाने को प्रतिबंधित कर दिया गया है. हालांकि श्रद्धालुओं को शिवलिंग का जलाभिषेक करने से नहीं रोका जा रहा है, लेकिन इसके अलावा किसी भी तरह की अन्य चीज चढ़ाने पर पाबंदी लगा दी गई है. यह पाबंदी हमेशा के लिए जारी रहेगी या बाद में हटाई जाएगी, इसका फैसला आईआईटी टीम की फाइनल रिपोर्ट मिलने के बाद लिया जाएगा.