यूपी में 2000 करोड़ से लॉजिस्टिक पार्क बनाएंगे, 2200 गांवों में पानी पहुंचाएंगे : बीके गोयनका

यूपी में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट में 34 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा के निवेश प्रस्ताव आए। 18645 MOU साइन हुए। इन्हीं में से एक MOU वेलस्पन कंपनी का भी है। यह 2000 करोड़ रुपए का है। इसके जरिए कंपनी यूपी में वेयर हाउस एंड लॉजिस्टिक पार्क बनाएगी। इसके लिए कंपनी आगरा, वाराणसी और लखनऊ में जमीन तलाश रही है। इसके शुरू होने से करीब 5 से 6 हजार लोगों को जॉब मिलेगा।
वेलस्पन कंपनी के मालिक बीके गोयनका हैं। उन्होंने हाल ही में देश की सबसे बड़ी अपार्टमेंट डील की। गोयनका ने मुंबई के वर्ली में 240 करोड़ रुपए का पेंट हाउस खरीदा है। ये भारत में बिका अब तक का सबसे महंगा अपार्टमेंट्स है। कुल एरिया 30 हजार स्कॉयर फीट है।
गोयनका ने 18 साल की उम्र में स्टार्टअप के जरिए वेलस्पन कंपनी की नींव रखी थी। आज वह 2.3 बिलियन डॉलर की कंपनी के मालिक हैं। इस पूरी जर्नी पर बीके गोयनका ने दैनिक भास्कर के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत की।
देखिए, हर जर्नी की अपनी अलग कहानी है। लेकिन हमने जब ये जर्नी शुरू की थी, तो उस जमाने तक प्राइवेट इक्विटी और वेंचर फंड्स नहीं होते थे। उस जमाने में मैंने फैमिली से 20 लाख रुपए लेकर अपनी कंपनी की नींव रखी थी। मेरी फैमिली हरियाणा में दालमिल वगैरह का काम करती थी। उसके बाद 1986 में मैं मुंबई आया, तो वेलस्पन कंपनी शुरू की। सबसे पहले टेक्सटाइल का काम शुरू किया। वहां से जर्नी चालू हुई।
कहते हैं कि मुंबई में काम करने वाला आदमी कभी भूखा नहीं सोता है, वो इस शहर की खास बात है। ये बात यहां हर आदमी पर लागू होती है। यहां जो आदमी कुछ काम करे या काम करने की इच्छा रखे, उसे मौका मिलता है। इंडिया में जो ऑपरच्युनिटी इस शहर में है, वो इंडिया के किसी और शहर में नहीं है। जैसे-जैसे मुझे मौके मिलते गए, मैंने अपने काम को डायवर्सीफाई किया। 1993-94 में पहली बार मैंने गुजरात के वापी में टॉवेल बनाने की फैक्ट्री डाली।
एक्चुअली, जब पहली बार हमने ये टॉवेल तैयार की, तो लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ कि इतनी सस्ती और इतनी अच्छी टॉवेल इंडिया की भी कोई कंपनी बना सकती है। मैनेचेस्टर में एक हमारे कस्टमर ने मुझसे कहा- आप हिंदुस्तानी लोग बस लेवल चेंज कर देते हो। दिखाते कुछ हो और बेचते कुछ हो। तो ये मुझे बहुत अजीब लगा। दरअसल, उसने अंग्रेजी में बोला था- ‘यू इंडियन शो समथिंग, डिलीवर समथिंग’। उसी दिन मैंने सोचा कि हमें पहले अपनी इमेज पर काम करना होगा।
फिर हमने टॉवेल एक्सपोर्ट करना शुरू किया, उस जमाने में तीन से चार दिन माल एक्सपोर्ट करने में लगते थे। फिर हम एक दिन वॉलमार्ट को इंडिया लेकर आ गए। आज हमने ग्लोबली इंडिया का झंडा गाड़ा, जब हम टॉवेल की बात करते हैं, इंडिया सबसे पहले आता है। हमने अपने प्रोडक्ट में वैल्यू एडिशन डाला। आज होम टेक्सटाइल में सबसे बड़ा एक्सपोर्टर हिंदुस्तान है।

दुनिया में इंडिया का 50% शेयर है। इस तरह से पिछले 25 साल में हमने वेलस्पन को वर्ल्ड की नंबर वन टेक्सटाइल कंपनी बनाई। लेकिन हमने सिर्फ एक वक्त में एक काम पर ही फोकस किया, काम को 20 चीजों में डायवर्ट नहीं किया।
हमने जितने भी बिजनेस किए, उसमें नंबर-1, नंबर-2 या नंबर-3 प्लेयर हैं। आज हम टॉवेल, बेडशीट, पाइप के काम में टॉप पर हैं। सोलर के फील्ड में काम किया और टॉप पर रहे। अब इंफ्रास्ट्रक्चर के फील्ड में उतरे हैं। हमने दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे बनाया। ये अलग बात है कि वहां भी हमने सोलर पैनल लगाए, जिसमें तमाम पैनल चोरी हो गए। हमने यमुना के ऊपर से गुजरने वाले ब्रिज के दोनों ओर सोलर पैनल लगाए, गार्डन और आईलैंड पर छोटे-छोटे स्टैच्यू लगाए। ऐसे काम करके अच्छा लगता है। समय से पहले काम पूरा किया।
ऐसा नहीं है, हमारा बिजनेस पूरे भारत में है। हां, मैन्युफैक्चरिंग सिर्फ महाराष्ट्र और गुजरात में है। हम महाराष्ट्र, तमिलनाडु और यूपी में रोड बना रहे हैं। 12 राज्यों में वेयर हाउस शुरू कर रहे हैं। यूपी के घरों में पानी पहुंचा रहे हैं।
हम यूपी के 2200 गांवों में पानी पहुंचाएंगे। ये 10 सालों तक करेंगे। इस पर करीब 3200 करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं। केंद्र सरकार की नल से जल स्कीम है, उसी के तहत ये काम कर रहे हैं।
हां, हमने 2000 करोड़ रुपए का MOU साइन किया है। इसके जरिए यूपी में वेयर हाउस और लॉजिस्टिक पार्क बनाएंगे। हाल ही में हमने एक लखनऊ में बनाया है। अभी एक और बनाएंगे। सरकार से जमीन मांगी है। नोएडा में नहीं बनाएंगे, क्योंकि वहां पहले से ही ढेर सारे हैं। इसलिए हम इंटीरियर में जाएंगे। आगरा, बनारस ग्रोइंग सिटी हैं। इसीलिए हम यहां बनाना चाहते हैं। इस पार्क के बनने से 1000-1200 जॉब सीधे मिलेगी। इन-डायरेक्ट तौर पर, तो करीब 10 हजार लोगों को जॉब मिलेगी।न्यू एनर्जी को लेकर सोच रहे हैं, इसमें कुछ कर सकते हैं। अभी तो यूपी सरकार बहुत सपोर्ट कर रही है। इंडस्ट्री की तरफ उसका पूरा ध्यान है। मौजूदा सरकार में तो बहुत बड़ा फर्क आया है।
रिस्क टेकिंग एबिलिटी। आज हर आदमी शहर की तरफ दौड़ रहा है। यदि मुंबई की बात करें, तो यहां ऑफिस से बाहर निकलने में 20 मिनट लग जाते हैं। इसलिए जब तक हम हिंदुस्तान के इंटरनल पार्ट की ओर नहीं जाएंगे, तब कुछ बड़ा नहीं कर पाएंगे। एक आंत्रप्रेन्योर को देश के इंटरनल पार्ट में रोजगार क्रिएट करना होगा।
आज के दिन यदि आपको आगे बढ़ना है, तो सबसे अहम बात है कि टेक्नोलॉजी की तरफ ध्यान देना होगा। नई चीजें जो आपके आस-पास हो रही हैं, उसके लिए आपको अपना माइंड ओपन रखना पड़ेगा। हर चीज को देखकर सीखना पड़ेगा कि कैसे खुद में बदलाव लाएं। यदि आप सोचेंगे हमने सब कर लिया, कुछ करेंगे तो गलत हो जाएगा। तो नहीं चलेगा। एक अच्छे लीडर को हमेशा स्टूडेंट बनकर रहना चाहिए।
देखिए, कहीं भी जाना हो, कुछ भी करना हो, लेकिन मैं अपनी रूटीन एक्सरसाइज कभी मिस नहीं करता हूं। जहां तक हो सके रात में 7 बजे के बाद खाना नहीं खाना चाहिए। पूरे हफ्ते नहीं तो 5 दिन जरूर ऐसा करना चाहिए। मैं ऐसा करता हूं। और सुबह योगा जरूर करिए।
अगर इंडिया की इकोनॉमी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना है, तो उसमें सबसे पहले बाइंग पावर कैपिसिटी बढ़ानी होगी। यानी पर कैपिटा इनकम बढ़ानी होगी। इससे अच्छे घर बनेंगे, अच्छी सड़कें बनेंगी। हर चीज एक दूसरी जुड़ी हुई होती है। आज तक हमारा टोटल रेवेन्यू 20-22 हजार करोड़ रुपए था, 10-12 हजार करोड़ एक्सपोर्ट से आता था। तो हमने बोला आज दुनिया इंडिया की ओर देख रही है, इतनी बड़ी मार्केट यहां है और हम इंडिया में बैठकर बाहर जा रहे हैं। इसलिए हमने अब नया मिशन छेड़ा है ‘हर घर से हर दिल तक वेलस्पन’।

यही नहीं, आज हम टॉवेल, बेडशीट, कर्टन, फ्लोरिंग, कार्पेट, रोड बना रहे हैं, पानी की पाइप बना रहे हैं, हमारी पाइप से घरों में गैस आ रही है। हमारे वेयर हाउस हैं। हमारा लक्ष्य अगले 5 साल में हर घर तक पहुंचना है। इंडिया में हमें होम टेक्सटाइल के 50% मार्केट शेयर को कैप्चर करना है। इंडिया में ब्रांड की वैल्यू है। आज पूरे वर्ल्ड में रिसेशन है, इंडिया में नहीं है तो हम बाहर क्यों जाएं।
हमारा पहला लक्ष्य है कि हम जो काम कर रहे हैं, उसमें इस्तेमाल होने वाली पावर ग्रीन एनर्जी के जरिए ले आएं। इसके लिए 300 मेगावॉट का ग्रीन एनर्जी प्लांट भी लगा रहे हैं। इसके अलावा हम स्टडी कर रहे हैं कि हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया से कैसे बिजली बनाएं। क्योंकि ये फ्यूचर है, इसलिए बतौर बिजनेस इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं
ये पुराना शौक है। मुझे बचपन से ही गाड़ियों का बड़ा शौक है। जब बचपन में मैं दिल्ली रहता था, तो मैंने कई इनाम जीते थे। विंटेज कार रैलियों में जाता था, कई कैटेगरी में फर्स्ट आता था। लेकिन पिछले 15 साल से ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है। मुंबई में तो खुद की गाड़ी खड़ी करने की जगह नहीं हैं, विंटेज कार कहां खड़ी करेंगे। अभी तो मेरी सभी गाड़ियां दिल्ली में खड़ी हैं।