एक साल पूरे हुए रूस-यूक्रेन जंग के, तबाही के बाद भी देश के लिए लड़ने का जज्बा

रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया। कभी बच्चों के स्कूलों में मिसाइलें दागीं ……..तो कभी हॉस्पिटल्स को निशाना बनाया। हमलों में क्या बच्चे. क्या बूढे… प्रेग्नेंट महिलाओं को भी नहीं छोड़ा। एक साल से रूस यूक्रेन पर हमले किए जा रहा है, पर ना तो जेलेंस्की ने घुटने टेके ना ही देश की जनता को टेकने दिए।
दुनिया में किसी को यह उम्‍मीद नहीं थी कि यूक्रेन ज्‍यादा दिन तक सुपर पावर रूस के सामने टिक पाएगा। पर यूक्रेन की सेना का साथ देने आम नागरिकों ने भी हथियार थाम लिए। रोते हुए परिवार को देश से बाहर भेज दिया पर खुद देश के लिए डट कर खड़े रहे। रूस बार-बार कह रहा है कि वो युद्ध नहीं चाहता। ये जंग उस पर थोपी गई। सवाल ये है कि कब खत्म होगी ये जंग और कब तक यूक्रेन इस मातम के साए में रहेगा।