सीबीआई जांच में आय से अधिक संपत्ति के मामले में फंसे हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश एसएन शुक्ला के शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड के प्रबंधकों से करीबी संबंधों का खुलासा हुआ है।
सीबीआई ने अपनी जांच में पाया कि न्यायमूर्ति शुक्ला के साले साईदीन तिवारी के नाम लखनऊ में खरीदे गए दो भूखंड शाइन सिटी को बेचे गए। जज एसएन शुक्ला ने अपनी काली कमाई को ट्रस्ट और रियल एस्टेट कंपनियों में लगाई थी।
सीबीआई ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि पूर्व जज एसएन शुक्ला ने शाइन सिटी को 2012 में 3,67,700 रुपए में खरीदी गई जमीन को 2014 में शाइन सिटी को 30 लाख में और 2013 में 3,15,500 रुपए में खरीदी गई जमीन को 2017 में 70 लाख रुपए में बेचा था। इसके पैसे के लेनदेन को लेकर उनकी 2019 तक शाइन सिटी के अधिकारी हिमांशु कुमार से कई बार मैसेज पर बात हुई।
सीबीआई के सूत्रों के अनुसार शाइन सिटी के अधिकारियों का कुछ नौकरशाहों के भी गठजोड़ रहा है। जिसके चलते ही अरबों का फ्रॉड करने वाला उसका मालिक अभी तक बचा हुआ है। जिसने इसके लिए उन्हें भी कई करोड़ रुपए जमीन की खरीदफरोख्त की आड़ में दिए।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक शाइन सिटी के अधिकारी हिमांशु कुमार ने शिव शक्ति धाम ट्रस्ट को 80 लाख रुपए का भुगतान एसएन शुक्ला के कहने पर किया। इसी तरह से रिटायर जज एसएन शुक्ला ने लखनऊ के अर्थ इंफ्रा लैंड डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड के अमरेंद्र सिंह के जरिए फरवरी 2018 में भूखण्ड खरीदा।
इसके लिए आठ लाख रुपए का भुगतान किया गया। ट्रस्ट के खाते से साईदीन तिवारी के बेटे के खाते में रकम भेजने के सुबूत भी मिले हैं। वहीं शिव शक्ति धाम ट्रस्ट से लाखों रुपए पूर्व जज की दूसरी पत्नी शुचिता तिवारी को भेजे गए। इसी तरह फैजाबाद की ट्रस्ट ने शुचिता तिवारी को वर्ष 2015 से 2017 के दौरान 2.84 लाख रुपए दिए। फैजाबाद की एंजेल ग्रुप एजुकेशन ट्रेनिंग समाज सेवी संस्थान ने भी वर्ष 2015 से 2020 के दौरान शुचिता तिवारी को आठ लाख 62 हजार 362 रुपए दिए।
शाइन सिटी और इसके अधिकारियों के खिलाफ प्रदेश के विभिन्न थानों में 400 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं। इन मुकदमों की जांच ईओडब्ल्यू कर रही है। साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच कर रहा है।
कंपनी के एमडी आसिफ नसीम समेत कई अधिकारी गिरफ्तार कर जेल भेजे जा चुके हैं, जबकि सीएमडी राशिद नसीम अभी तक फरार है। उसके दुबई में होने की संभावना के आधार पर प्रत्यर्पण की कार्यवाही चल रही है।