हाथरस:-समाजवादी पार्टी कार्यालय पर राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी के निर्देश पर स्वच्छता के जनक महामानव और राष्ट्र संत गाडगे जी महाराज की 147 वी जयंती मनाई गई जिसकी अगुवाई पूर्व प्रत्याशी रामनारायण काके ने की और दर्ज़नों की संख्या में रजक समाज के लोग एकत्रित हुए समाजवादी पार्टी के नेताओं व रजक समाज के लोगों ने संत गाडगे जी महाराज जी की छवि चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष आदरणीय जसवंत सिंह यादव जी के निर्देश पर कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ आर सी लाल प्रजापति ने की वही पूर्व विधानसभा प्रत्याशी रामनारायण काके ने बताया कि संत गाडगे महाराज गरीबों व निर्धनों के लिए महाराष्ट्र के कोने-कोने में अनेक धर्मशालाएं, गौशालाएं, विद्यालय, चिकित्सालय तथा छात्रावासों का निर्माण कराया। यह सब उन्होंने भीख मांग-मांगकर बनावाया, किंतु अपने सारे जीवन में इस महापुरुष ने अपने लिए एक कुटिया तक नहीं बनवाई।उन्होंने धर्मशालाओं के बरामदे या आसपास के किसी वृक्ष के नीचे ही अपनी सारी जिंदगी बिता दी। संत गाडगे ने एक लकड़ी, फटी-पुरानी चादर और मिट्टी का एक बर्तन जो खाने-पीने और कीर्तन के समय ढपली का काम करते थे, यही उनकी संपत्ति थी।इसी से उन्हें महाराष्ट्र के भिन्न-भिन्न भागों में कहीं मिट्टी के बर्तन वाले गाडगे बाबा व कहीं चीथड़े-गोदड़े वाले बाबा के नाम से पुकारा जाता था।गाडगे जी गरीब परिवार से है,टूटे-फूटे मकान में रहो पर बच्चों को शिक्षा दिए बिना न रहो।आधुनिक भारत को जिन महापुरूषों पर गर्व होना चाहिए, उनमें राष्ट्रीय सन्त गाडगे बाबा का नाम सर्वोपरि है। नशाखोरी,
सपा नेता टेकपाल कुशवाहा ने कहा कि गाडगे जी महाराज ने अपने पूरे जीवन में अनेकों धर्मशाला,स्कूल बनवाए, उन्होंने गरीबों और कमजोर की सेवा को ईश्वर की सेवा माना और अशिक्षित होते हुए भी शिक्षा के क्षेत्र में बहुत स्कूलों का निर्माण कराया संत गाडगे जी महाराज ने जीवन में अनेकों धर्मशाला तथा स्कूल बनाने के बावजूद भी अपने लिए कोई भवन नहीं बनाया दे प्रत्येक रात किसी पेड़ के नीचे गुजार कर अपना जीवन यापन करते थे उन्होंने कमजोर गरीबों के लिए शिक्षा तथा सफाई का विशेष अभियान चलाया। आदि लोगों ने संत गाडगे जी के जीवन पर प्रकाश डालते
इस मौके पर ,डॉ आर सी लाल प्रजापति, टेकपाल कुशवाहा,,गोविंद सिंह सिसोदिया ,गौरीशंकर बघेल, मुजरिम रहमान , ,पार्टी के आदि नेताओ ने मौजूद रहे