बॉलीवुड के ‘शो मैन’ कहे जाने वाले एक्टर और प्रोड्यूसर राज कपूर का चेंबूर वाला बंगला बिक गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो गोदरेज ग्रुप ने इस आइकॉनिक बंगले को 100 करोड़ में खरीदा है। अब इस बंगले की जगह पर प्रीमियम रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट बनेगा। जानकारी के मुताबिक ये बंगला करीब 1 एकड़ में फैला है। 2019 में मशहूर आरके स्टूडियो को भी गोदरेज ग्रुप ने खरीदा था।
गोदरेज प्रॉपर्टीज के एमडी गौरव पांडेय ने कपूर फैमिली का शुक्रिया अदा किया है। उन्होंने कहा कि राज कपूर का आइकॉनिक बंगला अब उनके पोर्टफोलियो का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट के जरिए हम चेंबूर में अपनी स्थिति को और मजबूत करेंगे।
वहीं राज कपूर के बेटे रणधीर कपूर ने कहा, इस बंगले से हमारी कई सारी यादें हैं। हमारे परिवार के लिए इसका काफी महत्व है। हम उम्मीद करते हैं कि गोदरेज फैमिली इस समृद्ध विरासत को आगे ले जाएगी।
राज कपूर अपने पीछे कई महंगी प्रापर्टीज छोड़कर गए थे। उनमें से चेंबूर स्थित आरके स्टूडियोज और बंगला काफी मशहूर था। आरके स्टूडियोज तो चार साल पहले ही बेचा जा चुका था, और अब उनके आइकॉनिक बंगले को भी गोदरेज फैमिली को बेचा दिया गया है।
गोदरेज प्रॉपर्टीज के कार्यकारी अध्यक्ष पिरोजशा गोदरेज ने कहा, ‘जमीन कुल एक एकड़ में फैली है। हम इस लैंड पर एक प्रीमियम जिडेंशियल प्रोजेक्ट बनाएंगे। इस प्रोजेक्ट की आनुमानित वैल्यू करीब 500 करोड़ होगी।’ राज कपूर का यह बंगला देवनार फार्म रोड पर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के बगल में है।
मई 2019 में गोदरेज फैमिली ने ही आरके स्टूडियोज को खरीद लिया था। इस स्टूडियो का एरिया तकरीबन 2.2 एकड़ में फैला था। इसका मालिकाना हक राज कपूर के बेटों, रणधीर कपूर, ऋषि कपूर और राजीव कपूर के पास था। तीनों ने आपसी सहमति से इस प्रोजेक्ट को बेचा था। फिलहाल आरके स्टूडियोज के इस 33 हजार वर्ग मीटर एरिया में मॉडर्न रेजिडेंशियल अपार्टमेंट और लग्जरी रिटेल स्पेस डेवलप किया जा रहा है।
राज कपूर ने आरके स्टूडियोज को 1948 में बनाया था। इस स्टूडियो ने कई कल्ट और क्लासिक फिल्मों का प्रोडक्शन किया है। इनमें ‘आग’, ‘बरसात’, ‘आवारा’,’श्री 420′, ‘संगम’, ‘मेरा नाम जोकर’, ‘बॉबी’ और ‘राम तेरी गंगा मैली’ जैसी फिल्में शामिल हैं। 2017 में स्टूडियो के एक बड़े हिस्से में आग लग गई थी। इसके बाद से ही कपूर फैमिली ने इसे बेचने का फैसला किया।
बॉलीवुड के शोमैन कहे जाने वाले राज कपूर आज 98वीं बर्थ एनिवर्सरी है। राज कपूर, पृथ्वीराज कपूर और रामसरणी मेहरा के 6 बच्चों में सबसे बड़े थे। राज, फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखते थे, जिससे अभिनय उनके खून में था। महज 10 की उम्र में राज कपूर पहली बार इंकलाब फिल्म में नजर आए, वहीं इनका पहला लीड रोल 1947 की नील कमल में रहा। महज 24 साल की उम्र में राज कपूर ने आरके स्टूडियो शुरू कर बड़ी मिसाल कायम की। ये अपने जमाने के सबसे यंग डायरेक्टर थे।