भारतीय मूल की निकी हेली 2024 में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट बन सकती हैं। मंगलवार को निकी ने एक वीडियो मैसेज जारी किया। इसमें ऐलान किया कि वो राष्ट्रपति बनने की रेस में शामिल हो रही हैं
51 साल की निम्रता निकी रंधावा हेली रिपब्लिकन पार्टी की मेंबर हैं और साउथ कैरोलिना स्टेट की गवर्नर रह चुकी हैं। निकी ने कहा- मैं निकी हेली हूं और प्रेसिडेंट की रेस में शामिल हो रही हूं।
निकी को रिपब्लिकन पार्टी का प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट बनने से पहले दो फेज का इलेक्शन जीतना होगा। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वो 2024 में कैंडिडेट बनना चाहते हैं। कुछ और लोग भी रेस में शामिल हो सकते हैं। बहरहाल माना यही जा रहा है मुख्य मुकाबला ट्रम्प और हेली के बीच होगा।
वीडियो स्टेटमेंट में हेली ने कहा- यही वो वक्त है जब न्यू जेनरेशन लीडरशिप को मौका मिलना चाहिए। हमें अपनी इकोनॉमी को दुरुस्त करना है, बॉर्डर सिक्योर करने हैं और आखिरकार इस देश को पहले से ज्यादा मजबूत बनाना है। यही हमारा लक्ष्य और गौरव है।
फॉर्मल कैंडिडेट बनने के लिए निकी प्राइमरी इलेक्शन लड़ेंगी। डोनाल्ड ट्रम्प जब राष्ट्रपति थे तो उन्होंने निकी को UN में अमेरिकी एम्बेसेडर बनाया था। उस दौरान निकी के काम की अपोजिशन पार्टी डेमोक्रेट्स ने भी खुलकर तारीफ की थी। बहरहाल, निकी को अगर प्रेसिडेंशियल इलेक्शन 2024 के लिए ऑफिशियल कैंडिडेट बनना है तो अपने पुराने बॉस डोनाल्ड ट्रम्प को प्राइमरी इलेक्शन में हराना होगा।
निकी दो बार साउथ कैरोलिना की गवर्नर का चुनाव जीतीं। 2011 में पहली बार जब वो गवर्नर बनीं तो उनकी उम्र महज 39 साल थी। वो अमेरिका की सबसे कम उम्र की गर्वनर थीं। इसके अलावा साउथ कैरोलिना राज्य की पहली महिला गवर्नर बनने का गौरव भी निकी को हासिल है।
रिपब्लिकन पार्टी के प्राइमरी इलेक्शन शेड्यूल में साउथ कैरोलिना तीसरे नंबर पर है। यानी इसके पहले दो अन्य राज्यों में पार्टी कैंडिडेट चुने जाएंगे। निकी से पहले सिर्फ ट्रम्प ने ही 2024 में चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।
माना जा रहा है कि पिछला राष्ट्रपति चुनाव हारने के बावजूद रिपब्लिकन पार्टी में ट्रम्प का दबदबा और लोकप्रियता कायम है। बहुत मुमकिन है कि 2024 में वो ही रिपब्लिकन पार्टी के प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट बनें। 2018 में भी कयास थे कि निकी इलेक्शन लड़ेंगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। 2020 में कहा गया कि उन्हें माइक पेन्स की जगह वाइस प्रेसिडेंट बनाया जा सकता है। बहरहाल, ये भी नहीं हो सका।
करीब डेढ़ महीने पहले निकी ने संकेत दिए थे कि वो ट्रम्प को चुनौती नहीं देंगी। हालांकि, बाद में कहा था- मुझे लगता है अब पार्टी लीडरशिप बदलने का वक्त आ गया है। नई जेनरेशन को मौका दिया जाना चाहिए। इसके बाद लगने लगा था कि वो प्राइमरी इलेक्शन्स के लिए उतरेंगी।
रिपब्लिकन पार्टी में बतौर लीडर निकी का काफी सम्मान है। सीनेट मेंबर के अलावा दो बार हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में रह चुकी हैं। साउथ कैरोलिना की गवर्नर रहीं।
ट्रम्प ने पिछले दिनों कहा था- मेरे पास निकी का फोन आया था। उन्होंने बताया कि वो 2024 में रिपब्लिकन पार्टी की प्रेसिडेंशियल कैंडिडेट बनने के लिए प्राइमरी इलेक्शन लड़ना चाहती हैं। मैंने उनसे कहा कि यह तो अच्छी बात है। मुझे कोई दिक्कत नहीं है। उन्हें दिल की बात सुननी चाहिए
रिपब्लिकन पार्टी में ट्रम्प को चुनौती देने वालों में कई बड़े नाम शामिल हैं। निकी हेली ने तो ऐलान कर दिया है, लेकिन कई नाम ऐसे हैं, जिन्होंने अब तक पत्ते नहीं खोले हैं।
डोनाल्ड ट्रम्प के अलावा पूर्व वाइस प्रेसिडेंट माइक पेन्स, फ्लोरिडा के गवर्नर रोन डीसेंटिस, पूर्व सांसद लिज चेनी और माइक पोम्पियो शामिल हैं। पोम्पियो अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व डायरेक्टर हैं। ट्रम्प के दौर में पोम्पियो विदेश मंत्री रह चुके हैं।
निकी को पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन का करीबी माना जाता है और खास बात यह है कि 2004 में हिलेरी ही उन्हें सियासत में लाईं। 2016 में उन्होंने ट्रम्प के सामने ही उनकी नीतियों की आलोचना की थी।
एडमिनिस्ट्रेशन छोड़ने के बाद निकी ने एक एडवोकेसी ग्रुप बनाया। इसका नाम है- स्टैंड फॉर अमेरिका। निकी ने पार्टी के प्रचार के लिए पिछले दिनों पूरे अमेरिका का दौरा किया था। निकी जब कैम्पेन शुरू करेंगी तो यह उनके लिए बोनस साबित हो सकता है।
पिछले दिनों ही उन्होंने कहा था- जनवरी 2021 में संसद के अंदर और बाहर ट्रम्प के समर्थकों ने जो हिंसा की और जिसमें 6 लोग मारे गए थे। उस मामले में उन्हें सख्त एक्शन लेना था। मैं मानती हूं कि इससे पार्टी और खुद ट्रम्प की इमेज हर लेवल पर खराब हुई।
अमेरिका में अब तक एक भी महिला राष्ट्रपति नहीं बन सकी है। पर 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्याशी बनने के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी से 6 महिलाओं ने उम्मीदवारी की घोषणा की थी। बाद में कमला हैरिस वाइस प्रेसिडेंट बनीं।
अमेरिका का लोकतंत्र भले ही सबसे पुराना है, लेकिन महिलाओं को मतदान का अधिकार सबसे पहले न्यूजीलैंड ने 28 नवंबर, 1893 को दिया। अमेरिका में महिलाओं को वोट देने का अधिकार 1920 में मिला
प्राइमरी और कॉकस में पार्टी का कोई भी मेंबर प्रेसिडेंट इलेक्शन कैंडिडेट बनने के लिए खुद को नॉमिनेट कर सकता है। शर्त ये है कि उसके पास समर्थन होना चाहिए।
प्राइमरी चुनाव राज्य सरकारें कराती हैं। यह ओपन और सीक्रेट दोनों तरह से हो सकते हैं। ओपन इलेक्शन में पार्टी मेंबर्स के साथ दूसरे आम लोग भी वोटिंग कर सकते हैं। अगर सीक्रेट वोटिंग होती है तो सिर्फ पार्टी मेंबर्स ही वोटिंग कर सकते हैं।
अब कॉकस सिस्टम भी समझ लीजिए। इसमें पार्टी मेंबर्स किसी एक तय जगह पर जुटते हैं। खुद को जो नेता प्रेसिंडेट कैंडिडेट बनाना चाहता है, वो तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखता है। इसके बाद वहां मौजूद पार्टी मेंबर्स हाथ उठाकर उसका समर्थन करते हैं। अब यह सिस्टम बहुत कम राज्यों में होता है।
कुल मिलाकर अगर भारतीय मूल की निकी हेली अभी प्राइमरी इलेक्शन के लिए तैयारी कर रही हैं।
प्राइमरी जीतने के लिए डेलीगेट्स के वोट जरूरी होते हैं। इनकी संख्या डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन पार्टी में बदलती रहती है। यहां जीत के बाद पार्टी का नेशनल कन्वेंशन होता है। यहां तय होता है कि पार्टी का फाइनल कैंडिडेट कौन होगा। डेमोक्रेट्स जुलाई तो रिपब्लिकन अगस्त में नेशनल कन्वेंशन करते हैं।
चुना गया शख्स वाइस प्रेसिडेंट के लिए किसी पार्टी नेता को नॉमिनेट करता है। जैसे बाइडेन ने डेमोक्रेट पार्टी का कैंडिडेट बनने के बाद कमला हैरिस को वाइस प्रेसिडेंट के लिए नॉमिनेट किया था।