बॉलीवुड की ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘थ्री इडियट’ में रैंचो बने आमिर खान का किरदार जिस शख्स से प्रभावित था, उन्हीं सोनम वांगचुक ने हिमालय बचाओ मुहिम शुरू की है। सोनम वांगचुक लद्दाख के लेफ्टिनेंट गर्वनर पर बड़े आरोप लगा चुके हैं और उनका कहना है कि वहां सिर्फ LG की मनमानी चल रही है। तीन साल से कोई काम नहीं हो रहा।
सोनम वांगचुक के आंदोलन की गूंज शिमला तक पहुंच गई है। वांगचुक ने अपने वीडियो में सभी लोगों से आह्वान किया है कि वह लोग 30 जनवरी को उनकी मुहिम को जॉइन करें। इसके बाद हिमाचल के सामाजिक कार्यकर्ता उनके समर्थन में 30 जनवरी को एक दिन की भूख हड़ताल करेंगे। यह लोग शिमला में रिज मैदान पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्टैच्यू के सामने अनशन करेंगे। यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से चलेगा। इस मुहिम का नाम “हिमालय बचाओ, अपना भविष्य सुरक्षित करो” रखा गया है
शिमला नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर और सामाजिक कार्यकर्ता टिकेंद्र पंवर का कहना है कि लेह लद्दाख में उद्योगों की लापरवाही के चलते ग्लेशियर खत्म होने की कगार पर हैं। इनको बचाने की मुहिम शुरू हुई है। लद्दाख के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता और यहां के इको सिस्टम को बनाए रखने की मुहिम चलाने वाले सोनम वांगचुक इन दिनों हड़ताल पर हैं। हम शिमला में उनके समर्थन में एक दिन की भूख हड़ताल कर रहे हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता टिकेंद्र पंवर का कहना है कि जिस तरह की लापरवाही लद्दाख में हो रही है, उसी तरह की लापरवाही हिमाचल में बरती जा रही है। हिमाचल में भी बढ़ते उद्योग और अंधाधुंध पहाड़ कटाव के चलते ग्लेशियर खत्म हो रहे हैं। जमीनें धंस रही हैं। आए दिन हिमस्खलन हो रहे हैं। भूस्खलन हो रहे हैं, जिसे रोकना जरूरी है।
सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने लद्दाख में बढ़ते उद्योगों और पर्यटन को लेकर चिंता जताई है। उनका मानना है कि लद्दाख और अन्य हिमालयी क्षेत्रों को औद्योगिक शोषण से सुरक्षा मिलनी चाहिए। क्योंकि, बढ़ते उद्योगों के चलते पर्यावरण पर इसका प्रभाव पड़ रहा है।