लखनऊ में CTET की परीक्षा में दूसरे की जगह बैठी थीं सॉल्वर , 20 हजार रुपए में दे रही थीं पेपर

लखनऊ में सेन्ट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी CTET के लिए बंथरा में बने ऑनलाइन परीक्षा केन्द्र सुलतान फाउंडेशन में शनिवार को बाराबंकी, चिनहट से आईं तीन महिला सॉल्वर को पकड़ा गया। प्रवेश पत्र देखकर संदेह होने पर परीक्षक ने पुलिस को सूचना दी थी। इसी प्रकार चिनहट, सैरपुर में बने दो और केंद्रों पर दो महिला सॉल्वर और पकड़ी गईं। इनकी जानकारी बंथरा के सॉल्वर से मिली थी। पुलिस ने सभी को निजी मुचलके पर छोड़ दिया। सॉल्वर गैंग की धरपकड़ कर रही एसटीएफ इस गिरोह के लोगों का पता लगा रही है।
सुल्तान फाउंडेशन परीक्षा केंद्र पर गुरुवार को सॉल्वर मनीष के पकड़े जाने से पूरा स्टाफ सतर्क था।
प्रबंधन ने शनिवार को केंद्र पर तीन युवतियों शीलू, संगीता और रुचि के कागजात संदिग्ध मिलने पर एसटीएफ को सूचना दी।
इस पर मौके पर पहुंची बंथरा पुलिस के कड़ाई से पूछताछ में तीनों ने सॉल्वर होने की बात कुबूल की।
इन्होंने बताया कि एपी कंप्यूटर्स परीक्षा केंद्र सैदपुर में सोनू कुमारी की जगह पर जूली और सिस्टा कम्यूनिकेशन में सविता की जगह देवी परीक्षा देने पहुंची है।
इस पर पुलिस ने उन दोनों को भी गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद को सभी को निजी मुचलके पर छोड़ दिया गया।
सेंट्रल टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (सीटेट) में शनिवार को दूसरे के स्थान पर परीक्षा देने पहुंची सभी युवतियां एक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ी किए गए थे। सुल्तान फाउंडेशन सेंटर पर पकड़ी गई युवतियों के मोबाइल का जब व्हाट्सएप देखा गया तो उसमें सीटेट परीक्षा के नाम से एक ग्रुप बना मिला।
जिसमें परीक्षा संबंधी चैट की हुई थी। ग्रुप में शिवानी नाम की युवती भी जुड़ी थी। वह कहीं परीक्षा में शामिल नहीं हुई। जानकारी के मुताबिक उसी ने सभी युवतियों को तलाश कर सॉल्वर बनाया था।
पूछताछ में सामने आया कि यह लोग बीस हजार रुपये में परीक्षा देने आई थी। यह सभी इंटर व स्नातक की छात्रा हैं।
इसके बाद एसटीएफ सॉल्वर गैंग की जांच में ठगी के बिंदु पर भी जांच तेज कर दी है। क्योंकि परीक्षा देने वाली युवतियां हाईस्कूल और इंटर की है।
जबकि परीक्षा का स्तर उससे काफी ऊंचा है। युवतियों ने बताया कि उनसे कहा गया था कि जब तक परीक्षा चले तब तक सिर्फ बैठना है। पेपर हल नहीं करना है।
ऐसे में पुलिस आशंका जता रही है कि गिरोह ने अभ्यर्थियों से मोटा पैसा ले लिया है और बहुत कम पैसे देकर निचली कक्षा वाली छात्राओं को सॉल्वर के तौर पर बैठाने के लिए तैयार कर लिया