इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका की अर्जी खारिज कर दी है। सुल्तानपुर जिले में 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण के मामले में आरोप मुक्त किए जाने की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई थी।
लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के न्यायाधीश ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखने का आदेश पारित किया है
लखनऊ हाई कोर्ट बेंच के न्यायधीश राजेश सिंह चौहान ने सोमवार को सुल्तानपुर सत्र न्यायालय द्वारा 21 अक्टूबर 2022 को सुनाए गई सजा को सही माना है। सुल्तानपुर सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ दिल्ली के सीएम ने खुद को आरोप मुक्त किए जाने की अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल की थी। सोमवार को सुनवाई के बाद लखनऊ हाई कोर्ट की बेंच के जज राजेश सिंह चौहान ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। मंगलवार को फैसला सुनाते हुए निचली अदालत के आदेश को सही माना है।
2014 में दर्ज हुआ था मुकदमा
अरविंद केजरीवाल पर 2014 के आम चुनावों के दौरान अमेठी के गौरीगंज और मुसाफिर खाना थानों में उनके और आप के अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज दो मामलों में मामला दर्ज किया गया था।
जिन विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, उनमें सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125, गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होना (आईपीसी की धारा 143), लोक सेवकों को उनके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकना (धारा 186 आईपीसी), गलत तरीके से उन्हें रोकना शामिल है। 341), और दूसरों के अलावा उन्हें अपना कर्तव्य (353) करने से रोकने के लिए उन पर हमला करना।
कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने और पार्टी उम्मीदवार कुमार विश्वास के लिए चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता काउल्लंघन करने के बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
अरविंद केजरीवाल के अलावा, कुमार विश्वास, हरिकृष्णा, राकेश तिवारी, अजय सिंह और बबलू तिवारी पर भी उन मामलों में मामला दर्ज किया गया था। गौरीगंज मामले में पुलिस ने में चार्जशीट दाखिल की थी। एमपी एमएलए सुल्तानपुर न्यायालय द्वारा 21 अक्टूबर 2022 को अरविंद केजरीवाल को मुकदमे में दोषी होने की सजा सुनाई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की याचिका की अर्जी खारिज कर दी है। सुल्तानपुर जिले में 2014 के लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भड़काऊ भाषण के मामले में आरोप मुक्त किए जाने की याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई थी।
लखनऊ हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के न्यायाधीश ने निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखने का आदेश पारित किया है
लखनऊ हाई कोर्ट बेंच के न्यायधीश राजेश सिंह चौहान ने सोमवार को सुल्तानपुर सत्र न्यायालय द्वारा 21 अक्टूबर 2022 को सुनाए गई सजा को सही माना है। सुल्तानपुर सत्र न्यायालय के आदेश के खिलाफ दिल्ली के सीएम ने खुद को आरोप मुक्त किए जाने की अर्जी हाईकोर्ट में दाखिल की थी। सोमवार को सुनवाई के बाद लखनऊ हाई कोर्ट की बेंच के जज राजेश सिंह चौहान ने फैसला सुरक्षित कर लिया था। मंगलवार को फैसला सुनाते हुए निचली अदालत के आदेश को सही माना है।
2014 में दर्ज हुआ था मुकदमा
अरविंद केजरीवाल पर 2014 के आम चुनावों के दौरान अमेठी के गौरीगंज और मुसाफिर खाना थानों में उनके और आप के अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज दो मामलों में मामला दर्ज किया गया था।
जिन विभिन्न धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, उनमें सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125, गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होना (आईपीसी की धारा 143), लोक सेवकों को उनके कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकना (धारा 186 आईपीसी), गलत तरीके से उन्हें रोकना शामिल है। 341), और दूसरों के अलावा उन्हें अपना कर्तव्य (353) करने से रोकने के लिए उन पर हमला करना।
कथित तौर पर भड़काऊ भाषण देने और पार्टी उम्मीदवार कुमार विश्वास के लिए चुनाव प्रचार के दौरान आदर्श आचार संहिता काउल्लंघन करने के बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
अरविंद केजरीवाल के अलावा, कुमार विश्वास, हरिकृष्णा, राकेश तिवारी, अजय सिंह और बबलू तिवारी पर भी उन मामलों में मामला दर्ज किया गया था। गौरीगंज मामले में पुलिस ने में चार्जशीट दाखिल की थी। एमपी एमएलए सुल्तानपुर न्यायालय द्वारा 21 अक्टूबर 2022 को अरविंद केजरीवाल को मुकदमे में दोषी होने की सजा सुनाई थी।