प्रयागराज : गोपाल दास गुप्ता उप कृषि निदेशक (कृषि रक्षा) प्रयागराज मंडल प्रयागराज ने वर्तमान समय में शीतलहर एवं कोहरे का मौसम होने के कारण आलू की फसल में झुलसा बीमारी लगने की संभावना व्यक्त करते हुये किसान भाइयों को सलाह दी है कि अपनी फसल की सतत निगरानी करते रहे,जिससे फसल को अगेती एवं पछेती झुलसा से बचाया जा सके।
अगेती झुलसा : –
इस बीमारी के लक्षण पत्ती एवं कंद दोनों पर दिखाई देते हैं।बीमारीके शुरुआत मे जहांपुरानी एवं निचली पत्तियों में गोल एव अंडाकार भूरे धब्बेदिखाई देते हैंवहीं प्रभावित कंदो पर दबे हुए धब्बे दिखाई देते हैंजिनका निचला हिस्सा शुष्क तथा भूरे रंग का होजाता है।बीमारी के रोकथाम के लिए आवश्यक है कि अवरोधी किस्मों का चयन कियाजाय तथा बीमारी लग जाने पर कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 50 डब्ल्यू0पी0की 2.5 किग्रा0 मात्रा को500 से 600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना चाहिए ।
पछेती झुलसा : –
फफूंद से लगने वाली यह आलू की बहुत ही खतरनाक बीमारी है। बदली युक्त मौसम के साथ तापमान में गिरावट होने सेइसबीमारीके लगने की संभावना प्रबल हो जाती है। बीमारी कीशुरुआत, पत्तियों में अनियमित आकार के गहरे रंग के धब्बे से होती है,जिनका फैलावइतना तीव्र होता है किकुछ ही समय में पूरी फसल जली हुई दिखाई देती है।जहांइसका प्रकोप आलू की पत्ती, तने व कंदसभी पर होता हैंवहीं उत्पादभी कम हो जाता है। कृषकभाइयो को सलाह दी जाती है किबीमारी के लक्षण दिखाई देते ही सिंचाई बंद कर दे,अति आवश्यक होने पर ही हल्की सिंचाई करें। उपचार हेतू जिनेब 75% डब्ल्यू0पी0 या मैनकोज़ेब 75%डब्ल्यू0पी0में से किसी एक की 2.5किग्रा मात्रा को 500-600 लीटर पानी में घोलकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना चाहिए ।
किसान भाई फसल सुरक्षा हेतु किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए कृषि विभाग के व्हाट्सप नंबर 9452247111 व9452257111 अथवा अधोहस्ताक्षरी के मो०न० 9415592498 पर भी सम्पर्क कर सकते है।
सुन्दर लाल
जिला चीफ ब्यूरो प्रयागराज
मो0 9792546868