लखनऊ का डॉ.राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय से जुड़ा नया विवाद सामने आया हैं। विधि विश्वविद्यालय में शनिवार से शुरु हो रहे फैकल्टी के प्रमोशन इंटरव्यू में नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगा है।
मामले की शिकायत सीएम योगी के अलावा सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से भी की गई हैं। वही इस मसले पर विश्वविद्यालय प्रशासन फिलहाल कुछ भी बोलने से बचता दिख रहा हैं।
दरअसल विधि विश्वविद्यालय में लंबे समय बाद फैकल्टी प्रोमोशन के लिए इंटरव्यू शेड्यूल की किए गए हैं। 6 फैकल्टी मेंबर्स के इंटरव्यू की शुरुआत शनिवार से होगी। इंटरव्यू में चीफ प्रॉक्टर डॉ. केए पांडेय का भी नाम हैं।आरोप हैं कि चीफ प्रॉक्टर की पीएचडी की वैधता को लेकर जांच लंबित हैं। इसके बावजूद भी उनको पदोन्नति के लिए इंटरव्यू में बुलाना नियम विरुद्ध हैं।
सीएम को भेजे गई शिकायत में कहां गया हैं कि 2006 में डॉ.केए पांडेय ने विधि विश्विद्यालय में नियुक्ति पाई थी और 2006 से ही उनकी पीएचडी अवध विश्विद्यालय, फैजाबाद में चल रहीं थी।
पूर्व में शासन से हुए पत्राचार में कुलसचिव ने इस बात को माना हैं कि डॉ.केए पांडेय ने कभी भी पीएचडी के लिए विश्विद्यालय से अवकाश नहीं लिया और न ही पीएचडी के लिए NOC ली। शिकायत में यह भी कहां गया हैं कि विश्वविद्यालय को दिए स्पष्टीकरण में खुद डॉ.केए पांडेय ने इस बात को माना था कि उन्होंने पीएचडी के लिए कभी स्टडी लीव नहीं ली और न वो अवध विश्विद्यालय में रिसर्च के लिए जाते थे।
इस मामले पर विश्वविद्यालय की प्रवक्ता डॉ. अर्पणा सिंह ने बताया कि प्रकरण की अभी पूरी जानकारी नही हैं। इस मसले पर कार्यपरिषद की बैठक के दौरान ही निर्णय लिया जा सकता हैं। हां, विश्वविद्यालय में नियमों का पालन जरूर होगा।