प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के तत्वावधान में सेक्टर ओ पोस्टल ग्राउण्ड अलीगंज में चल रहे 15वें यूपी महोत्सव की नवीं सांस्कृतिक सन्ध्या में गीतों व नृत्य से नये साल का स्वागत हुआ। रविवार को नवीं सांस्कृतिक सन्ध्या का उद्घाटन प्रगति पर्यावरण संरक्षण ट्रस्ट के अध्यक्ष विनोद कुमार सिंह और उपाध्यक्ष एन बी सिंह ने दीप प्रज्जवलित कर किया। अपने उदबोधन में विनोद सिंह ने यू पी महोत्सव मे आए दर्शको को नववर्ष की शुभकामनाएं देकर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
कोविड प्रोटोकाल के तहत आजादी के अमृत महोत्सव की श्रृंखला में आयोजित यू पी महोत्सव की नवीं सांस्कृतिक सन्ध्या का शुभारम्भ बाल कृष्ण शर्मा ने बॉलीवुड की ओल्ड मेलोडी को सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। हृदय के तारों को झंकृत कर देने वाली इस प्रस्तुति के उपरान्त अनुष्का सिंह ने सरस्वती वंदना हे हंस वाहिनी पर नृत्य से कर विधा की देवी सरस्वती जी के चरणों में अपनी अगाध श्रद्धा अर्पित की।
नए साल की खुशियों के रंग में रंगी अगली प्रस्तुति थी बूम प्रोडक्शन की, इस पेशकश के तहत मुस्कान, अंजू, उर्मिला, रूबी, मैडी, सोनू, प्रदीप, साहिल और अभय ने रंगीलो म्य्हरौ ढोलना पर आकर्षक राजस्थानी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया।
मन को मोह लेने वाली इस प्रस्तुति के उपरान्त काजल पांडेय के नृत्य निर्देशन में काव्या जैन, नन्दिनी सिंह, सांची कुमारी, नव्या घोष ने तू ही शक्ति पर नृत्य प्रस्तुत कर दर्शको को भाव विभोर कर दिया।इसके पूर्व आज दिन में प्रगति विचारधारा फाऊंडेशन द्वारा जिया अहमद खान, मनमोहन दास, कस्तूरी सिंह, अंजू, पारस मणि अग्रवाल को सीमा और लोकेश त्रिपाठी ने प्रगति विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया।
इसी क्रम में आज नीला जहान फाऊंडेशन एवं मिशन गोमती के संयुक्त प्रयास से स्वच्छ नदियां, खुशहाल भारत विषय पर गंगा गोमती जल चर्चा हुई। इस मौके पर जलदूत नंद किशोर वर्मा ने डॉ सीता राम टैगोर, डॉ वेंकटेश दत्ता, डॉ सीमा गुप्ता, डॉ कैलाश चन्द्र यादव, विवेक यादव को गोमती रत्न सम्मान प्रदान किया।
वीकएंड के कारण यू पी महोत्सव में सुबह से ही लोगो का तातां लगा रहा, जो शाम होते होते एक हुजूम में बदल गया। शाम का मौसम सुहाना हो गया और इस सुहाने मौसम का लोगोें ने यू पी महोत्सव में घूमकर खुब लुत्फ उठाया।
सुहाने मौसम के कारण यू पी महोत्सव में लोगों ने सहारनपुर के फर्नीचर, भदोही के कालीन, स्वयं सहायता समूहों के घरेलू उत्पाद पापड़, अचार, मसाले, कश्मीरी ड्राई फ्रूट्स, हस्तनिर्मित बटुए, चादर, सलवार सूट और साड़ी की खरीदारी की, तो वहीं बच्चों सहित बड़ों ने झूलो का आनन्द उठाया तो वहीं दूसरी ओर राजस्थानी, गुजराती, साउथ इन्डियन और अवधी व्यंजनों का लुत्फ भी लिया।