साल 2023 में लखनऊ की 40 लाख की आबादी को आउटर रिंग रोड का तोहफा मिलेगा। 104 किलोमीटर लंबे इस रिंग रोड के बनने से शहर को जाम से निजात मिलेगी। वहीं प्रतिदिन 50 हजार गाड़ियां जो शहर के अंदर प्रवेश करती हैं वह बाहर – बाहर निकल जाएंगी। आउटर रिंग रोड का करीब 70 से 80 फीसदी काम पूरा कर लिया गया है। सांसद और रक्षामंत्री राजनाथ सिंह का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है।
रिंग रोड पर आउटर रिंग रोड पर कुर्सी रोड से बीकेटी तक सड़क निर्माण पूरा हो चुका है। इस इलाके के पांच लाख लोगों को राहत मिल रही है। इसके निर्माण पर 305 करोड़ रुरपए का खर्च आया है। सीतापुर रोड से कुर्सी रोड, अयोध्या रोड होते हुए सुलतानपुर रोड का एनएचआई ने कुर्सी रोड पर करीब 15 किलोमीटर का निर्माण काम साल 2019 में शुरू हुआ था।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने आउटर रिंग रोड का निर्माण 2016 में शुरू किया था। निर्माण लक्ष्य 2022 रखा गया, लेकिन भूमि अधिग्रहण, कार्यदायी संस्था की लापरवाही से काम लटकता गया। करीब 104 किमी लंबे प्रोजेक्ट के लिए 5200 करोड़ रुपए का खर्च आएगा
आउटर रिंग रोड अयोध्या रोड से कुर्सी रोड, सीतापुर रोड, हरदोई रोड, कानपुर रोड, रायबरेली रोड, सुलतानपुर रोड से होते वापस अयोध्या रोड पर मिलेगा। इस दौरान कुल 104 किलोमीटर का सफर तय करना है।
रिंग रोड की वजह से गाड़ियां शहर से 15 किलोमीटर दूर होते हुए निकल जाएगी। अच्छी बात यह है कि यह सभी बड़े हाईवे से जुड़ेगा। इसके निर्माण के बाद लखनऊ में देश के किसी भी कोने से आने वाले वाहर शहर के अंदर नहीं आ पाएंगे।
शहरी विकास का रास्ता बेहतर सड़कों से होकर जाता है। आउटर रिंग रोड के निर्माण के बाद लखनऊ के ग्रामीण इलाकों का विकास बढ़ेगा। यहां जमीन की कीमत अभी से बढ़ गई है। इसके अलावा इसके आस- पास बड़े होटल और व्यवसायिक गतिविधियां शुरू होंगी। इसकी वजह से रोजगार से बड़े अवसर भी उवलब्ध होंगे। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि आउटर रिंग रोड शहर की आर्थिक स्थिति को भी बेहतर करेगा।
आउटर रिंग रोड के बनने के बाद शहीद पथ का लोड भी कम हो जाएगा। अभी शाम को अक्सर शहीद पथ पर जाम लग जाता है। ट्रकों के गुजरने की वजह से दो तीन घंटे तक लोग जाम में फंसे रहते है। लेकिन अब यह जाम भी नहीं दिखेगा।
शहर के अंदर गाड़ियां नहीं आएगी इसकी वजह से राजधानी की करीब 40 लाख की आबादी को सीधे फायदा मिलेगा। फोर लैन में तैयार यह रिंग रोड देश के बड़े रिंग रोड में एक है। दावा किया जा रहा है कि पूरे उप्र भारत में इतना बड़ा आउटर रिंग रोड अभी नहीं बना है।
सबसे ज्यादा जो काम अधूरा बचा है वह फ्लाई ओवर वाले है। सुल्तानपुर रोड पर ही सड़क निर्माण हो गया है लेकिन मिट्टी भरने और फ्लाईओवर का काम अभी अधूरा है। यहां निर्माण कर रहे अधिकारियों का कहना है कि तीन से चार महीने में यह काम पूरा कर लिया जाएगा। बीच में बारिश की वजह से काम की रफ्तार थोड़ी कम हो गई है।