BHU में बड़े डॉक्टर नहीं रहे मौजूद, इटावा में बिना PPE किट के मॉक ड्रिल, UP के अस्पतालों में कोरोना से निपटने की हकीकत

कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच आज पूरे UP के कोविड सेंटर्स पर मॉक ड्रिल हुई। डिप्टी CM और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक मॉक ड्रिल के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा लेने लखनऊ के बलरामपुर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने अस्पताल के अधिकारियों से बातचीत की। ऑक्सीजन सप्लाई और वेंटिलेटर को लेकर की गई तैयारियों को देखा।
उधर, आगरा के जिला अस्पताल में मॉक ड्रिल केवल औपचारिकता तक ही सीमित रही। मॉक ड्रिल को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण का रूप देकर निपटा दिया। वाराणसी के BHU जैसे बड़े अस्पताल में मॉक ड्रिल के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। यहां पर न तो कोई बड़े डॉक्टर मौजूद थे और न ही वेंटिलेटर बेड या ऑक्सीजन की व्यवस्था परखी गई।
सहारनपुर में स्ट्रेचर से पीकू वार्ड तक ले जाने में मरीज का स्ट्रेचर 3 बार गेट में फंसा। आगरा के जिला अस्पताल की बात करें तो वहां मॉक ड्रिक हुई ही नहीं, सिर्फ निरीक्षण कर अधिकारी चले गए।
बलरामपुर अस्पताल में कोरोना के लिए बनाए गए डेडिकेटेड ICU वार्ड में जब डिप्टी CM ब्रजेश पाठक पहुंचे तो खुद अपने हाथों से ऑक्सीजन फ्लो को चेक किया। इस दौरान वेंटिलेटर समेत तमाम इक्यिपमेंट्स के रख-रखाव और वर्किंग को भी परखा। अस्पताल में लगे ऑक्सीजन प्लांट का भी गहनता से निरीक्षण किया। ऑक्सीजन प्यूरिटी और उसके तमाम पैरामीटर और वर्किंग को भी जाना।
बलरामपुर अस्पताल के SSB ब्लॉक में जाते ही ब्रजेश पाठक हॉल नंबर-311 के सामने बनवारी नाम के मरीज को ठंड से कांपते देखा। डिप्टी CM ने अपनी सदरी उतार कर खुद उसे पहना दी। पास खड़े अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. जीपी गुप्ता को मरीज का सही से इलाज करने के निर्देश दिया।

फिर खुद शॉल ओढ़ कर आगे बढ़ गए। अस्पताल के निदेशक डॉ. रमेश गोयल ने बताया कि खुर्दही बाजार के मरीज को करीब एक सप्ताह पहले SSB ब्लॉक के रूम 21-A में माइनर ऑपरेशन के बाद भर्ती किया गया था। उसकी ड्रेसिंग होनी थी। वहां बैठकर वो इंतजार कर रहा था। तभी डिप्टी CM ने उससे मिलकर हालचाल लिया।BHU अस्पताल में कोविड मॉक ड्रिल के दौरान डमी मरीज को 1 मिनट में ही इमरजेंसी में राहत दी गई। बीपी, पल्स और ऑक्सीजन को चेक किया गया।
डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टॉफ को अलर्ट रहने के निर्देश
ब्रजेश पाठक ने कोरोना को लेकर अस्पताल में सभी तैयारियां पूरी करने के साथ ही सभी को अलर्ट मोड में आने की बात कही। उन्होंने कहा कि खतरा टला नही हैं। इसीलिए लापरवाही न बरतें और किसी भी गंभीर परिस्थितियों का सामना करने के लिए सभी को तैयार रहना होगा। अस्पताल में दवाइयों की उपलब्धता भी दुरुस्त रखने के निर्देश दिए।
सहारनपुर के जिला महिला अस्पताल में सुबह करीब साढ़े दस बजे एंबुलेंस डमी के रूप में कोरोना मरीज को लेकर पहुंची। मरीज को स्ट्रेचर पर लेटाकर तुरंत पीकू वार्ड की ओर ले जाया गया। मरीज को ले जाते समय स्ट्रेचर तीन बार गेट में फंस गया। मरीज को पांच मिनट के भीतर कोरोना के लिए बनाए गए पीकू वार्ड में भर्ती कराया गया।
CMS डॉ. रतनपाल सिंह सुमन ने बताया कि मरीज के रूप में रविकांत को कोरोना संक्रमित बनाया गया। मरीज को प्राथमिक उपचार पंकज कुमार ने दिया। मरीज का बीपी, ऑक्सीजन लेवल, हार्ट बीट आदि की जांच की गई। जिला महिला अस्पताल के साथ जिले के 14 स्वास्थ्य केंद्रों पर भी मॉक ड्रिल की गई।
आगरा के जिला अस्पताल में भी मॉक ड्रिल होनी थी। मगर, मॉक ड्रिल केवल औपचारिकता तक ही सीमित रही। मॉक ड्रिल को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण का रूप देकर निपटा दिया। कोरोना के खतरे को देखते हुए सभी अस्पतालों में डमी कोविड मरीज को भर्ती करने से लेकर इलाज मुहैया कराने तक की मॉक ड्रिल किए जाने के निर्देश थे।
मॉक ड्रिल के जरिए ये देखना था कि किस स्तर पर परेशानी आ रही है। आगरा के जिला अस्पताल में 40 बेड का कोविड वार्ड है। यहां पर सुबह नोडल अधिकारी शशिबाला, सीएमओ डॉ. अरुण श्रीवास्तव, सीएमएस डॉ. एके अग्रवाल सहित तमाम डॉक्टर पहुंचे। मगर, यहां पर कोई डमी मरीज के जरिए उसको इलाज मुहैया कराने का परीक्षण नहीं किया गया। बस निरीक्षण कर सभी चले गए। (आगरा में सिर्फ निरीक्षण, पढ़ें पूरी खबर…)
वाराणसी में आज कोविड-19 की तैयारियों की मॉक ड्रिल हुई। जिले की PHC-CHC और बड़े कोविड अस्पतालों सहित कुल 11 यूनिटों में यह पूर्वाभ्यास किया गया। हालांकि, BHU जैसे बड़े अस्पतालों में मॉक ड्रिल के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई। यहां पर न तो कोई बड़े डॉक्टर मौजूद थे और न ही वेंटिलेटर बेड या ऑक्सीजन की व्यवस्था परखी गई। यहां पर स्वास्थ्य विभाग का कोई अधिकारी भी नजर नहीं आया। जबकि, कोविड के गंभीर और सामान्य हर तरह के मरीजों के लिए BHU अस्पताल को प्राथमिकता दी जाती है। यहीं पर सबसे ज्यादा मरीजों की तादाद रहती है
इटावा जिला अस्पताल में कोरोना वायरस बचाव को लेकर एक मॉक ड्रिल की गई। बिना PPE किट पहने कोविड की तैयारियां जांची और परखी गई। डीएम अवनीश राय ने मॉक ड्रिल के समय स्वास्थ्य कर्मचारियों को कैसे कोविड-19 मरीजों अटेंड करना है और उनको कैसे इलाज मुहैया करना है