लखन का रोल हो या मिस्टर इंडिया का, अनिल कपूर ने बेहद खूबसूरती से इन सभी किरदार को पर्दे पर उकेरा है। 1956 में जन्मे अनिल लुक और पर्सनैलिटी में आज के हीरो को भी मात देते हैं। 66 के हो चुके अनिल आज भी 2 घंटे जिम में पसीना बहाते हैं और साइकिलिंग से लेकर जॉगिंग, मॉर्निंग वॉक से खुद को फिट भी रखते हैं।
अनिल ने अपने करियर में कई हिट फिल्में दी हैं, लेकिन उनका बचपन बहुत खूबसूरत नहीं था। उनके पापा सुरिंदर कपूर पृथ्वीराज थिएटर में काम करते थे। पैसे उतने नहीं थे इसलिए पूरा परिवार एक कमरे में रहता था। आमदनी कम थी, लेकिन पिता ने सभी भाई-बहनों की जरूरतों को पूरा किया। हालांकि उनके पिता आगे चलकर फेमस डायरेक्टर बने।
पिता बीमार पड़े तो अनिल ने काम किया और पहली नौकरी रही स्पॉटब्वॉय की। उन्होंने तेलुगु फिल्म से बतौर लीड एक्टर करियर की शुरुआत की। कभी फिल्मों के लिए मूंछें हटाईं तो कभी हिट फिल्में करने के बाद भी काम के लिए सिफारिश करनी पड़ी और खुद को साबित करना पड़ा, लेकिन अनिल कपूर ने हार नहीं मानी और कठिन परिश्रम से उन्होंने बाॅलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक का सफर तय किया। जहां उनकी पहली फीस 201 रुपए थी, वहीं आज वो 134 करोड़ के मालिक हैं।
आज अनिल कपूर के बर्थडे के मौके पर जानते हैं उनकी लाइफ से जुड़े कुछ अनकहे किस्से, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि क्या है अनिल की फिटनेस का राज-
24 दिसंबर 1956 को अनिल कपूर का जन्म एक पंजाबी खत्री परिवार में चैंबूर में हुआ था। उनकी मां का नाम निर्मला कपूर था और उनके पापा का नाम सुरिंदर कपूर था जो आगे चलकर फेमस फिल्म प्रोड्यूसर बने। चैंबूर के तिलक नगर में एक बड़ी बिल्डिंग में एक कमरे का मकान था जिसमें उनका पूरा परिवार रहता था। अलग से बाथरूम भी नहीं था, सिर्फ एक कॉमन बाथरूम था। हालांकि इतनी तंगहाली में रहने के बावजूद उनके पापा ने सभी की जरूरतों को बखूबी पूरा किया। अनिल कपूर के पिता सुरिंदर कपूर राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर के कजिन हैं। इसी वजह से पृथ्वीराज थिएटर से उनके पापा जुड़े रहे। अनिल कपूर के दो भाई बोनी कपूर और संजीव कपूर हैं। तीनों की एक बहन भी है। अनिल सभी भाई- बहनों में दूसरे नंबर पर हैं।
पढ़ाई पूरी करने के बाद अनिल कोई नौकरी नहीं करते थे। इसी दौरान एक दिन उनके पापा काम से वापस घर लौटे, लेकिन उनकी तबीयत ठीक नहीं थी। डॉक्टर को दिखाया गया तो पता चला कि उनको दिल की बीमारी है। जब ये बात परिवार समेत अनिल को पता चली तो उन्होंने फैसला किया कि वो अब घर को फाइनेंशियली तौर पर मदद करने के लिए कोई ना कोई नौकरी जरूर करेंगे। उस समय अनिल की उम्र केवल 17-18 साल थी।
इस घटना के बाद अनिल कपूर ने फिल्मी सेट पर काम किया। वहां पर उनका काम होता था एक्टर्स को नींद से उठाना, उन्हें एयरपोर्ट पर लेने जाना, लोकेशन पर उन्हें छोड़ना। फिल्मी सितारों के लिए स्नैक्स और चाय लेकर आना, ये सभी काम अनिल कपूर ने किए। बाद में वो कास्टिंग डायरेक्टर बन गए।
फिल्म हम पांच के लिए अनिल ने पहली बार कास्टिंग डायरेक्टर का काम किया था। इसके बाद उन्होंने एक्टिंग की पढ़ाई भी की थी।
अनिल ने बतौर लीड एक्टर 1980 में तेलुगु फिल्म ‘वामसा वृक्षम’ से डेब्यू किया था। हालांकि इससे पहले वे 1979 में डायरेक्टर उमेश मेहरा की फिल्म ‘हमारे-तुम्हारे’ में कैमियो में नजर आए थे। उन्होंने 1979 से 1982 तक बॉलीवुड की चार फिल्मों हमारे तुम्हारे (1979), एक बार कहो (1980), हम पांच (1980) और शक्ति (1982) में बतौर सपोर्टिंग एक्टर काम किया। 1983 में फिल्म ‘वो सात दिन’ के जरिए उन्होंने बतौर लीड एक्टर बॉलीवुड में कदम रखा। कम ही लोग जानते होंगे कि यह मूवी तमिल फिल्म ‘Andha Ezhu Naatkal’ का रीमेक थी।
अनिल कपूर की जोड़ी सबसे ज्यादा जैकी श्रॉफ के साथ पसंद की गई थी। 1989 में फिल्म परिंदा रिलीज हुई जो बॉक्स ऑफिस पर हिट भी रही। इस फिल्म में बड़े भाई के रोल में नजर आए जैकी श्रॉफ को छोटे भाई अनिल कपूर को थप्पड़ मारने वाला सीन फिल्माया जाना था। पहले ही शाॅट में ये सीन सबको पसंद आया और सभी ने ओके कर दिया, लेकिन अनिल अपने एक्सप्रेशन से खुश नहीं थे। इसके बाद सीन को दोबारा शूट किया गया, पर इस बार भी अनिल अपने एक्सप्रेशन से संतुष्ट नहीं हुए। फिर से सीन का रीटेक हुआ और ऐसा करते-करते जैकी श्रॉफ ने अनिल कपूर को 17 बार थप्पड़ मारा।
दोनों ने राम-लखन, त्रिमूर्ति, युद्ध, रूप की रानी चोरों का राजा और कभी ना कभी जैसी कई फिल्में में एक साथ काम किया हैं। जैकी ने इन फिल्मों में ज्यादातर अनिल के बड़े भाई का किरदार निभाया है।
फिल्म मिस्टर इंडिया के लिए अनिल कपूर को बहुत सराहा गया था, लेकिन इस फिल्म के लिए शेखर कपूर की पहली पसंद थे अमिताभ बच्चन। हालांकि बाद में कुछ वजहों से फिल्म में अनिल कपूर को कास्ट किया गया
फिल्म मिस्टर इंडिया की सक्सेस के बाद अनिल कपूर काफी बिजी हो गए थे, लेकिन फिल्म तेजाब के लिए मेकर्स उन्हीं को कास्ट करना चाहते थे। आखिरकार यही फैसला लिया गया कि अनिल जहां भी फ्री होंगे, फिल्म तेजाब की शूटिंग वहीं हो जाएगी।
इसी फिल्म के एक गाने ‘सो गया ये जहां’ से जुड़ा एक किस्सा है। इस गाने को 17 दिन और तीन अलग-अलग शहरों में शूट किया गया। इस गाने को फिल्माने के लिए एक्टर्स को थोड़ा घायल दिखाया गया था। एक रात जब गाने की शूटिंग खत्म हुई तो खाने को कुछ नहीं था और सभी लोग भूख से परेशान थे। भूख इतनी ज्यादा थी कि वो लोग बिना मेकअप उतारे ही पास के एक होटल में खाना खाने चले गए।
होटल की लॉबी में घायल एक्टर्स को देखकर वहां मौजूद लोग डर गए। कुछ समय बाद तो लोग ये पहचान पाए कि इन लोगों में अनिल कपूर और चंकी पांडे भी शामिल हैं। जब पता चला कि ये एक्टर्स लोग हैं तो लोगों ने डॉक्टर और पुलिस को फोन लगा दिया। हालांकि बाद में उन लोगों को समझाया गया कि वो लोग फिल्म की शूटिंग से बिना मेकअप उतारे सीधे यहीं आ गए हैं। साथ ही वो चोट नहीं बल्कि मेकअप है।
फिल्म लम्हे के लिए यश चोपड़ा ने अनिल की फोटो देखने के बाद उन्हें मिलने के लिए बुलाया था। मिलने के बाद यश ने कहा कि वो रोल के हिसाब से काफी बड़े दिखाई देंगे, लेकिन अनिल हर कीमत पर फिल्म को करना चाहते थे। वो बार-बार यही कह रहे थे कि वो इस फिल्म के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं। तभी अचानक यश ने कहा, क्या तुम अपनी मूंछें हटवा सकते हो। थोड़ी देर सोचने के बाद अनिल कपूर ने कहा- हां बिल्कुल। उनके इस फैसले के बाद यश ने उन्हें अगले दिन फोटोशूट के लिए बुलाया। बिना मूंछों के अनिल कपूर के साथ श्रीदेवी की जोड़ी उन्हें बहुत पसंद आई, जिसके बाद ये फिल्म बनी।
कई हिट फिल्में देने के बाद भी अनिल कपूर को फिल्मों के ऑफर के लिए स्ट्रगल करना पड़ा था। उन्होंने अपने कई करियर में कई ऐसी फिल्मों में काम किया है जो उनसे पहले किसी और एक्टर को ऑफर हुई, लेकिन बाद में किसी वजह से वो उनकी झोली में जाकर गिरी। ठीक ऐसे ही फिल्म ताल भी उन्हें मिली।
अनिल कपूर ने एक इंटरव्यू में फिल्म स्लमडॉग मिलेनियर से जुड़ा किस्सा साझा किया था। उन्होंने कहा था- यह फिल्म मेरे लिए बहुत भाग्यशाली साबित हुई। ताल में मेरे रोल को देखने के बाद ही डैनी बॉयल ने मुझे ऑस्कर विनिंग स्लमडॉग मिलेनियर में काम करने का मौका दिया था।
अनिल कपूर और सुनीता की जोड़ी बॉलीवुड की सफल जोड़ियों में से एक है। दोनों की लव स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। दोनों ने करीब 11 साल तक डेट किया था, उसके बाद शादी की। अनिल ने प्रैंक कॉल पर सुनीता की आवाज सुनी थी जिसे सुनकर ही उन्हें प्यार हो गया था। दरअसल, अनिल के एक दोस्त ने उन्हें परेशान करने के लिए उनका नंबर सुनीता को दे दिया था। सुनीता ने उन्हें कॉल किया और उनकी आवाज सुनते ही अनिल उनके दीवाने हो गए। इसके कुछ दिन बाद दोनों एक पार्टी में मिले और बात शुरू हुई।
देखते ही देखते दोनों दोस्त बन गए। जिस समय अनिल सुनीता को डेट कर रहे थे उस समय उनके पास इतने पैसे नहीं होते थे कि सुनीता से मिलने टैक्सी या कैब से जा सकें, इसलिए वो बस से उनसे मिलने जाते थे। अनिल ने कभी सुनीता से नहीं कहा था कि वो उनकी गर्लफ्रेंड बन जाएं, लेकिन कुछ समय बाद दोनों को एहसास हो गया था कि ये सिर्फ दोस्ती नहीं है। इसके बाद दोनों 11 साल तक एक साथ रहे।
अनिल को फिल्म जंग मिली जिसके बाद उन्होंने फैसला लिया कि वो अब घर भी खरीद सकते हैं और घर बसा भी सकते हैं। उन्होंने सुनीता को कॉल किया और कहा, चलो शादी कर लेते हैं क्योंकि कल नहीं तो कभी नहीं। अगले ही दिन 19 मई 1984 को दोनों ने शादी कर ली। इनकी शादी में सिर्फ 10 लोग ही शामिल हुए।