विदेशों में तेजी से बढ़ रहे कोरोना के मामलों ने अब एक्सपर्ट्स की भी चिंताए बढ़ा दी हैं। BF.7 वेरिएंट को सुपर स्प्रेडर करार देते हुए इसे फैलने से रोकने के लिए पहले से ही सभी तैयारी पूरी करने की बात कही जा रही हैं।
इस बीच एक्टिव सर्विलांस और टेस्टिंग को लेकर हो रही लापरवाही पर भी कुछ एक्सपर्ट्स ने सवाल खड़े किए हैं। वही एडवाइजरी में सर्विलांस पर ज्यादा जोर देने की बात भी कही जा रही हैं एयरपोर्ट में स्क्रीनिंग नही शुरु कर पाए हैं। ऐसे हालात में कोरोना के इस वेरिएंट को फैलते देर नही लगेगी।
- नए वेरिएंट से पैनिक होने की नहीं है,बल्कि पूर्ण सजगता और तत्परता बरतने पर जोर।2. टेस्टिंग यानी जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जाने की बात कही गई हैं। रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर सैंपल के जीनोम सीक्वेंसिंग करने के निर्देश हैं। इसके लिए व्यवस्था दुरुस्त रखने के साथ KGMU लखनऊ और GIMS नोएडा को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए तैयार होने की बात कही गई हैं।
- सभी प्रधानाचार्य या निदेशकों को कहां गया हैं कि कोविड प्रोटोकॉल के तहत डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ, मरीज और तीमारदार के लिये पहले किये जा रहे व्यवहार का अनुपालन तत्काल प्रभाव से फिर से किया जाए। इसके लिए संस्थान स्तर पर ही जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जाए।
- कोविड पॉजिटिव मरीजों के लिए अलग से कोविड वार्ड रिजर्व कर लिया जाए।
- E-ICU को फिर से शुरू किया जाए और पहले की तरह चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा शिक्षा विभाग के लोग जो टेलीमोड में ट्रेनिंग करते थे, उसे भी शुरू कराया जाए।
- स्थायी या आउटसोर्सिंग हेल्थ वर्कर को वैक्सीनेशन की बूस्टर डोज नहीं लगी है, उनका वैक्सीनेशन कराया जाए।
- हेल्थ वर्कर की कमियों को पूरा किया जाए।
- 60 वर्ष से अधिक और कोमॉर्बिड मरीजों का रखें विशेष ध्यान।
9.कोविड 19 की 3rd के समय पीडियाट्रिक ICU और सामान्य ICU का मॉकड्रिल कराया गया था। अगले 2 दिनों में मॉक ड्रिल करा लिया जाए। - वैंटिलेटर एक्टिव मोड़ में काम कर रहें यह चेक कर लिया जाए।
- कोविड-19 के नये वेरिएंट से निपटने के लिए प्रोक्योरमेण्ट पूरा कर लिया जाए।
12.जिला अस्पताल से अपडेट किए गए मेडिकल कॉलेजों को डेडीकेटेड कोविड अस्पताल किये जाने के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से समन्वय स्थापित किया जाए।
SGPGI के निदेशक डॉ. आरके धीमन ने गुरुवार को मरीज, तीमारदार, डॉक्टर, कर्मचारी सभी को कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने का आदेश जारी कर दिया। उन्होंने कोविड के लक्षण वाले मरीजों व तीमारदारों की जांच के साथ कोविड हेल्प डेस्क स्थापित करने का भी निर्देश दिया। उधर, रेलवे के अस्पताल भी अलर्ट हो गए हैं। इसके साथ ही बूस्टर डोज न लगवाने वाले रेलकर्मियों की सूची तैयार की जाने लगी है।
SGPGI में बने कोविड अस्पताल में गुरुवार को मॉक ड्रिल कर व्यवस्थाएं जांची गई हैं। यहां आईसीयू, आइसोलेशन वार्ड और सामान्य वार्ड को कोविड मरीजों के लिए तैयार कर दिया गया है। अभी 20 बेड का वार्ड मरीजों के लिए खोला गया है। जरूरत पर वार्ड
गुरुवार को आई रिपोर्ट में राज्य में 62 एक्टिव कोविड केस हैं। दिसंबर में प्रदेश में कोविड पॉजिटिविटी रेट 0.01% हैं। एक दिन में करीब 27 हजार टेस्ट हुए हैं। वही 33 लोग कोरोना से रिकवर भी हुए। राज्य में जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए फिलहाल 2 सेंटर तय किये गए हैं। जिनमें पहला KGMU लखनऊ और दूसरा GIMS नोएडा हैं।