मशहूर एक्टर गोविंदा को इंग्लिश न बोलने की वजह से नौकरी न मिली, आइये जानते हैं उनके जन्मदिन पर कुछ खास

अपने बेहतरीन डांस के लिए अलग पहचान रखने वाले बॉलीवुड के हीरो नंबर 1 गोविंदा आज 59 के हो चुके हैं। करीब 165 हिंदी फिल्मों में नजर आए गोविंदा को इंडस्ट्री में आते ही पहले साल 49 फिल्में ऑफर हुई थीं। लेकिन एक समय ऐसा भी रहा जब गोविंदा कैसेट बेचना का काम किया करते थे। फिल्मी परिवार से ताल्लुक होने के बावजूद जब गोविंदा ने फिल्मों में आना चाहा तो माता-पिता का सपोर्ट नहीं मिला। गोविंदा के पिता अरुण एक्टर थे और मां सिंगर, लेकिन गोविंदा के जन्म से कुछ समय पहले ही मां-बाप के बीच दूरियां बढ़ गईं, जिसका कारण पिता गोविंदा को समझते थे। इसका नतीजा ये हुआ कि जब गोविंदा पैदा हुए तो उन्हें पिता ने गोद तक नहीं लिया।
तमाम संघर्षों के बावजूद गोविंदा फिल्मों में आए और छा गए। आज गोविंदा एक्टर ऑफ डीकेट का दर्जा रखते हैं। चीची के जन्मदिन के खास मौके पर आइए जानते हैं इनकी जिंदगी के संघर्षों और कामयाबी से जुड़े कुछ खास किस्से-
गोविंदा का जन्म 21 दिसंबर 1963 में मुंबई में हुआ था। इनके पिता अरुण एक्टर थे जिन्हें महबूब खान की फिल्म औरत (1940) से पहचाना जाता है और मां निर्मला देवी जानी-मानी सिंगर। गोविंदा के जन्म से कुछ महीनों पहले इनकी मां साध्वी बन गई थीं। इनके माता-पिता साथ जरूर रहते थे, लेकिन साध्वी बनने के बाद मां ने उनसे दूरी बना ली थी। इस बात से गोविंदा के पिता को नाराजगी थी, जो गोविंदा पर उतरी। जब गोविंदा का जन्म हुआ तो पिता ने उन्हें गोद लेने से इनकार कर दिया। उन्हें लगता था कि गर्भवती होने के कारण ही उन्होंने साध्वी बनने का फैसला किया।
कुछ समय बाद जब परिवार ने समझाया तो पिता ने सभी गिले-शिकवे दूर कर दिए। गोविंदा का परिवार पहले मुंबई सबर्ब में एक आलीशान बंगले में रहता था, लेकिन जब उनके पिता अरुण को फिल्मों में पैसे लगाकर नुकसान हुआ तो उन्हें बंगला बेचकर विरार के एक छोटे से घर में रहना पड़ा। यहीं गोविंदा का जन्म हुआ था। गोविंदा 6 भाई-बहनों में सबसे छोटे थे, जिन्हें घरवाले प्यार से चीची बुलाते थे, जिसका अंग्रेजी में अर्थ है लिटिल फिंगर।
वसई के बर्तक कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री लेने के बाद गोविंदा के पास नौकरी नहीं थी। कुछ समय बाद उन्होंने होटल ताज में निकली मैनेजर की पोस्ट के लिए आवेदन दिया। जब इंटरव्यू हुआ तो गोविंदा अग्रेंजी नहीं बोल पाए, लेकिन उन्हें फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने वाला लड़का चाहिए था। जाहिर है कि गोविंदा को वो नौकरी नहीं मिली।
महज 13-14 साल की उम्र से ही गोविंदा फिल्मों में आना चाहते थे, लेकिन उनकी मां इसके खिलाफ थीं। वो नहीं चाहती थीं कि गोविंदा फिल्मों में आएं क्योंकि उनके पिता को इस इंडस्ट्री में आर्थिक तंगी झेलनी पड़ी थी। गोविंदा मां को बिना बताए फिल्म स्टूडियो के चक्कर काटा करते थे। उनके मां-बाप को इंडस्ट्री छोड़े सालों हो चुके थे, ऐसे में कोई उनसे बात करने के लिए भी राजी नहीं होता था।
गोविंदा को हमेशा से ही डांस में दिलचस्पी थी। जब 1983 में मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म डिस्को डांसर आई तो गोविंदा ने उसके गानों पर घंटों लगाकर डांस सीखा और अपना डांस रिकॉर्ड किया उसका VHS हर स्टूडियो में बांटा। उस रिकॉर्डिंग की बदौलत गोविंदा को पहली एड फिल्म मिली।
गोविंदा ने माइथोलॉजिकल ड्रामा शो महाभारत में अभिमन्यु के रोल के लिए ऑडिशन दिया था, लेकिन इस शो से पहले ही उन्हें पहली फिल्म तन बदन (1986) मिल गई
गोविंदा कई फिल्मों के लिए ऑडीशन देते थे, लेकिन उस समय नए हीरो के साथ कोई फिल्ममेकर रिस्क लेने के लिए राजी नहीं था। एक दिन गोविंदा ने अपने मामाजी को अपने डांस और एक्शन सीन के कैसेट भेजे। गोविंदा के टैलेंट से मामा आनंद इतने खुश हुए कि उन्होंने अपनी फिल्म का सब्जेक्ट बदलकर उन्हें अपनी फिल्म में लेने का फैसला किया। जब एक मुलाकात में आनंद ने गोविंदा को अपनी स्क्रिप्ट दिखाई तो उन्होंने पूछा कि इस फिल्म का हीरो कौन है। मामा ने गोविंदा से कहा आंखें बंद करो फिर बताऊंगा। जैसे ही गोविंदा ने आंखें बंद कीं तो मामा आनंद ने उन्हें जोरदार थप्पड़ मारा और कहा कि तुम ही इस फिल्म के हीरो हो।
फिल्मों में कामयाबी हासिल करने से पहले बेहद गरीब हुआ करते थे। एक बार गोविंदा अपनी मां को छोड़ने रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। भीड़ इतनी थी कि गोविंदा मां को ट्रेन में बैठा नहीं पा रहे थे। देखते-ही-देखते सामने से 5 ट्रेन गुजर गईं। मां को इंतजार करवाना गोविंदा को इतना बुरा लगा कि उन्होंने तुरंत रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए और मां के लिए फर्स्ट क्लास टिकट लेकर उन्हें ट्रेन में बैठाया।
जब गोविंदा को पहली तनख्वाह साढ़े चार हजार रुपए मिली थी। इन पैसों से वो मां के लिए साड़ियां और मिठाइयां लेकर घर आए थे। गोविंदा आज तक अपनी मां के जन्मदिन पर पैर धोकर उस पानी को पीते हैं। गोविंदा अपनी मां को इस कदर मानते हैं कि जब शादी से पहले वो पत्नी सुनीता के बर्थडे पर डिनर करने ताज होटल गए थे तब शैंपेन पीने से पहले उन्होंने मां को कॉल कर पहले इजाजत ली थी।
तन बदन गोविंदा की पहली फिल्म थी, लेकिन इससे पहले ही इल्जाम रिलीज हुई जो उनकी डेब्यू फिल्म बनी। कल्ट क्लासिक आवारगी और महा-संग्राम जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम कर गोविंदा स्टार बन गए। फिल्मों में आने के पहले साल ही गोविंदा को 49 फिल्मों में काम मिला।
1989 की जंगबाज में गोविंदा राजकुमार के साथ नजर आए थे। इस शूटिंग के दौरान सीनियर कलाकार ने न्यूकमर गोविंदा की खूब बेइज्जती की थी। गोविंदा शूटिंग के दौरान एक नई शर्ट पहनकर पहुंचे थे, जो राजकुमार को बहुत पसंद आई थी। तारीफ सुनते ही गोविंदा वैनिटी में गए और शर्ट निकालकर तुरंत राजकुमार को भेंट कर दी। कुछ समय बाद जब गोविंदा सेट पर आए तो उन्होंने देखा कि राजकुमार उनकी दी हुई शर्ट के टुकड़े से नाक पोंछ रहे हैं। गोविंदा को ये बेहद अपमानजनक लगा था।
दो कैदी और फर्ज की जंग जैसी फिल्मों में गोविंदा और अमरीश पुरी साथ नजर आए। एक फिल्म के दौरान दोनों की बीच इतनी बहस बढ़ गई कि अमरीश ने गोविंदा को थप्पड़ मार दिया। एक दिन सुबह 9 बजे के शूटिंग शेड्यूल में गोविंदा शाम को 6 बजे पहुंचे। वहीं अमरीश पुरी सुबह 9 बजे से बैठे इंतजार कर रहे थे। जैसे ही गोविंदा आए तो अमरीश ने उन्हें खूब सुनाया। बहस इतनी बढ़ गई कि अमरीश ने गोविंदा को जोरदार थप्पड़ मार दिया। इसके बाद से ही गोविंदा ने कभी उनके साथ काम नहीं किया।
5 जनवरी 1994 को गोविंदा की कार का दूसरी कार से जोरदार एक्सीडेंट हुआ था। इस एक्सीडेंट में गोविंदा के सिर में गहरी चोट आई थी और खूब खून बहा था। गोविंदा खुद्दार फिल्म के लिए घर से निकले थे। गंभीर चोट आने के बावजूद गोविंदा ने शूटिंग कैंसिल नहीं की और डॉक्टर से इलाज करवाने के ठीक बाद सीधे सेट पर पहुंच गए। उसी दिन गोविंदा ने आधी रात तक शूटिंग की थी।
पहली ही फिल्म तन बदन की शूटिंग के दौरान गोविंदा की मुलाकात मामा आनंद सिंह की साली सुनीता से हुई। आनंद उनकी फिल्म के डायरेक्टर थे। दोनों को प्यार हुआ और दोनों ने 11 मार्च 1987 को शादी कर ली। क्योंकि गोविंदा इंडस्ट्री में नए आए थे, तो उन्हें लगा कि अगर शादी की बात सामने आई तो उनके करियर पर इसका बुरा असर पड़ेगा। ऐसे में उन्होंने 4 सालों तक अपनी शादी को राज रखा। सिर्फ गोविंदा के चंद दोस्त और रिश्तेदार ही इनकी शादी के बारे में जानते थे। कपल के दो बच्चे टीना और यशवर्धन हैं। जब बेटी का जन्मदिन मनाने के लिए 1991 में गोविंदा ने शानदार पार्टी रखी। पार्टी की तस्वीरें देखकर हर कोई उनकी शादी और बच्चों की खबर सुनकर हैरान रह गया।
साल 2008 में मनी है तो हनी है की शूटिंग करते हुए फिल्मिस्तान स्टूडियो में गोविंदा ने संतोष राय नाम के एक जूनियर आर्टिस्ट को थप्पड़ मारा था। 5 फरवरी 2009 में संतोष ने गोविंदा के खिलाफ शोषण का आरोप लगाया था। 2013 में कोर्ट ने संतोष के आरोपों को खारिज कर दिया था, लेकिन वो नहीं मानें। 2014 में संतोष राय ने सुप्रीम कोर्ट में मामला दर्ज करवाया और कहा कि वो मुंबई हीरो बनने आए थे, लेकिन गोविंदा ने थप्पड़ मारकर उनके सम्मान को ठेस पहुंचाया है। राय ने इस बेबुनियाद केस पर 5-6 लाख रुपए खर्च किए थे। उनका कहना था कि गोविंदा ने उनसे माफी तक नहीं मांगी, जो उनके लिए ज्यादा अपमानजनक था। 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने गोविंदा को माफी मांगने और कोर्ट के बाहर सेटलमेंट करने के आदेश दिए