लखनऊ के PGI कोतवाली में एक महिला ने रियल एस्टेट कंपनी संचालकों के खिलाफ प्लॉट देने का दावा कर 43 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने का मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं, दूसरी ओर आवास विकास परिषद के सहायक अभियंता ने श्री हरि रियल एस्टेट संचालक के खिलाफ बिना कम्पलीशन प्रमाण पत्र के फ्लैट पर कब्जा देने का मुकदमा दर्ज कराया है।
वृंदावन कॉलोनी निवासी हर्षिता तिवारी के पिता ओम प्रकाश तिवारी ने वर्ष 2015 में तुलसियानी कंस्ट्रक्शन के निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में 24 लाख रुपये देकर प्लॉट बुक कराया था। तुलसियानी कंस्ट्रक्शन ने प्रोजेक्ट शुरू न होने पर लवनेस्ट में श्रीहरि रियल एस्टेट के प्रोजेक्ट में फ्लैट आवंटित कर दिया। हर्षिता के मुताबिक उन्हें फ्लैट पर कब्जा दिया गया था, लेकिन रजिस्ट्री नहीं की गई थी।
इसी बीच पता चला कि 20 अक्टूबर 2022 में शशांक गुप्ता, पंकज ठाकुर और बृजेश सिंह ने हर्षिता के पिता को आवंटित फ्लैट की रजिस्ट्री रुपल अग्रवाल को कर दी। इंस्पेक्टर पीजीआई राणा राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर छानबीन की जा रही है।
सहायक अभियंता आवास विकास मनोज कुमार के मुताबिक श्रीहरि रियल एस्टेट के संचालक शशांक गुप्ता ने वृंदावन योजन सेक्टर-11 में अपार्टमेंट का निर्माण कराया है। जिसके लिए विभाग से कम्पलीशन सर्टिफिकेट जारी नहीं हुआ है। इसके बाद भी शशांक गुप्ता ने आवंटियों को फ्लैट पर कब्जा देना शुरू कर दिया है। इंस्पेक्टर के मुताबिक आरोपों की जांच की जा रही है।