अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल पर हमले की घटना को लेकर जांच पैनल ने ट्रम्प के खिलाफ तीन क्रिमिनल केस दर्ज करने की तैयारी की है। पैनल जल्द ही सार्वजनिक तौर पर ऐसा करने की सिफारिश कर सकता है। पैनल किन आरोपों को आधार बनाकर न्याय विभाग के पास सिफारिश भेजेगा, यह नहीं बताया गया है।
ट्रम्प पर विद्रोह, सरकारी कार्यवाही में बाधा और संघीय सरकार को धोखा देने की साजिश का आरोप है। इसी के साथ उनके टैक्स से जुड़े मामले छिपाने को लेकर अमेरिकी हाउस कमेटी 20 दिसंबर को फैसला कर सकती है। सदन की समिति के इस पर मतदान करने की उम्मीद है कि क्या पूर्व राष्ट्रपति के 2015-2020 तक के टैक्स रिकॉर्ड सार्वजनिक किए जाएं।
डोनाल्ड ट्रम्प को अरबों कमाकर देने वाली उनकी खानदानी रिएल एस्टेट कंपनी द ट्रम्प ऑर्गेनाइजेशन को टैक्स फ्रॉड समेत कई अपराधों का दोषी पाया गया है। कोर्ट ने अपनी जजमेंट में बताया कि कंपनी ने कई अधिकारियों को मिले लग्जरी अपार्टमेंट, मर्सीडीज बेंज और क्रिसमस के लिए एक्सट्रा कैश का टैक्स चोरी कराने में मदद की है।
द ट्रम्प ऑर्गेनाइजेशन को सभी 17 मामलों में दोषी ठहराने के बाद मैनहेटन के एटॉर्नी ने मीडिया से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कहा, यह केस झूठ बोलने, चीट करने और कई लोगों और कंपनियों को टैक्स चोरी करने में मदद कराने के बारे में था। वहीं इस जजमेंट की आलोचना करते हुए ट्रम्प की कंपनी की तरफ से भी बयान जारी किया गया है। कंपनी ने अपने बचाव में कहा कि कर्मचारी ने यह सब काम अपने पर्सनल फायदे के लिए किए ऐसे में कंपनी को ही गुनहगार ठहराना बेहूदा है।कंपनी की सुनवाई के नतीजों को ट्रम्प से दूर रखने की उनके वकील ने पूरी कोशिश की। उन्होंने कहा कि सभी गवाहों ने बार-बार दोहराया है कि ट्रम्प और उनके परिवार को इन अपराधों की कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने सुनवाई कर रही ज्यूरी को भी कहा कि यह मुकदमा ट्रम्प पर कोई रेफरेंडम नहीं है। इसलिए इस मामले को खुले दिमाग से देखा जाना चाहिए। हालांकि कोर्ट में ऐसे डॉक्यूमेंट भी पेश किए गए जिसमें अधिकारियों को गिफ्ट किए गए अपार्टमेंट के पेपर पर ट्रम्प के साइन थे।
अमेरिका में 6 जनवरी 2021 को कैपिटल हिल (अमेरिकी संसद) पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों के हमले को लेकर सुनवाई कर रही अमेरिकी कांग्रेस कमेटी ने हिंसा के लिए पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को जिम्मेदार माना है।
समिति के चेयरमैन बेनी थॉम्पसन ने कहा- ट्रम्प एक्शन लेने में विफल नहीं रहे, बल्कि उन्होंने ने हिंसा के दौरान कार्रवाई नहीं करने का फैसला किया। उन्होंने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों को पलटने के लिए अराजकता और भ्रष्टाचार का रास्ता चुना। उन्होंने झूठ बोला और अपने पद का गलत इस्तेमाल किया। उन्होंने हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों को तबाह करने की कोशिश की।
हिंसा शुरू होने के 187 मिनट बाद तक ट्रम्प डायनिंग रूम में बैठकर टीवी पर हिंसा देख रहे थे।ट्रम्प ने कानून प्रवर्तन या राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग के प्रमुखों से हिंसा को रोकने के लिए मदद नहीं मांगी।
कैपिटल हिल दंगे में कम से कम 138 पुलिसकर्मी घायल हुए थे। जवाबी फायरिंग में 5 से ज्यादा उपद्रवियों की मौत हुई थी।
ट्रम्प ये मानने तैयार नहीं थे कि चुनाव खत्म हो गया है और वे हार गए हैं। हिंसा के एक दिन बाद सामने आए वीडियो में उन्होंने इस बात का जिक्र किया था।
ट्रम्प ने यह कहने से भी इंकार कर दिया कि भीड़ ने कानून तोड़ा है। उन्होंने भीड़ को देशभक्त बताया। उन्होंने लोगों से कहा कि वे इस दिन को हमेशा याद रखें। ट्रम्प को इस बात का कोई पछतावा नहीं है।
पिछली सुनवाई में बताया गया था कि एक ग्रुप ट्रम्प से हिंसा रोकने के लिए कह रहा था। इस ग्रुप में उनकी बेटी इवांका ट्रम्प शामिल थीं। दूसरे ग्रुप में ट्रम्प के कुछ एडवाइजर थे। वो मामले को लेकर न्यूट्रल थे। वो जानते थे कि एक्शन लिया जाना चाहिए, लेकिन ट्रम्प तुरंत कार्रवाई नहीं करेंगे। तीसरा ग्रुप डिफ्लेक्टिंग-ब्लेम कैटेगरी का था। इसमें वाइट हाउस के पूर्व चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मीडोज शामिल थे। इस ग्रुप का कहना था कि जो हिंसा कर रहे थे वो ट्रम्प समर्थक नहीं थे।