प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से फोन पर बात की है। इस दौरान पीएम मोदी ने एक बार फिर से पुतिन को बातचीत और डिप्लोमेसी के जरिए यूक्रेन जंग का समाधान करने की बात कही । दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच व्यापार, ऊर्जा, डिफेंस के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने को लेकर चर्चा की है।
फोन पर हुई बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुतिन को जी 20 के लिए अपनी प्राथमिकताएं बताई। उन्होंने कहा कि शंघाई कॉरपोरेशन के अध्यक्ष के तौर पर भी भारत रूस के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद कर रहा है।
भारत-रूस का साल 2000 से सालाना शिखर सम्मेलन हो रहा है। जिसमें दोनों देशों के नेता आपस में मिलते हैं। लेकिन, इस बार PM मोदी व्लादिमिर पुतिन के साथ व्यक्तिगत मुलाकात नहीं करेंगे। रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन युद्ध में रूस के परमाणू हथियार इस्तेमाल करने की धमकी से भारत नाराज है। जिसके चलते पीएम मोदी ने पुतिन से नहीं मिलने का फैसला लिया था। भारत-रूस शिखर सम्मेलन दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के लिए सर्वोच्च मंच है। अब तक इस मंच की 21 बैठकें हो चुकी हैं।
उज्बेकिस्तान के समरकंद में SCO की मीटिंग से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की मुलाकात हुई थी। दोनों के बीच करीब 50 मिनट तक हुई बातचीत में मोदी ने पुतिन से यूक्रेन युद्ध को खत्म करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि यह युग युद्ध का नहीं है।
9 और 10 सितंबर 2023 में दिल्ली में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन हिस्सा लेंगे। G20 की रूसी शेरपा स्वेतलाना लुकाश ने यह जानकारी दी है। रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत ने लगातार दोनों देशों के बीच एक राजनयिक संतुलन बनाए रखने पर जोर दिया है। भारत इस मुद्दे का बातचीत से समाधान निकालने का सुझाव देता रहा है।