निकाय चुनाव को लेकर आयोग ने अध्यक्ष और सभासद पद के प्रत्याशियों के लिए खर्च सीमा तय कर दी है। इसमें नगर पालिका और नगर पंचायत की अलग-अलग खर्च सीमा तय की गई है। इसमें अनारक्षित और आरक्षित सीट के लिए अलग-अलग धनराशि तय की गई है।
निकाय चुनाव के लिए आयु की सीमा तय होने के बाद अब नामांकन से लेकर प्रचार तक में खर्च होने वाली धनराशि को भी तय कर दिया गया है। आयोग से मिले निर्देशों के तहत इस बार नगर पालिका में अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी नौ लाख से अधिक खर्च नहीं कर सकेंगे, जबकि नगर पंचायत में यह राशि 2.50 लाख रुपये रखी गई है। इसी तरह से सभासद के प्रत्याशी नगर पालिका क्षेत्र में दो लाख तो नगर पंचायत में 50 हजार रुपये से अधिक खर्च नहीं कर सकेंगे। इसके साथ ही नामांकन को लेकर धनराशि को भी तय किया गया है। इसमें नगर पालिका अध्यक्ष के लिए 500 रुपये नामांकन पत्र का मूल्य रखा गया है। आरक्षित श्रेणी के लिए यह राशि 250 रुपये है। नगर पंचायत में 250 रुपये सामान्य तो 125 रुपये आरक्षित वर्ग के उम्मीदवारों के लिए रखे गए हैं।
निकाय चुनाव में नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष पद के लिए जमानत राशि 8 हजार रुपये रखी गई है जबकि नगर पंचायत के लिए यह राशि 5 हजार रुपये है। इसी तरह से नगर पालिका परिषद के सभासद प्रत्याशी की जमानत राशि 2 हजार रुपये है। इतनी ही राशि नगर पंचायत के लिए तय की गई है। नगर पंचायत में सदस्यों के लिए नाम निर्देशन पत्रों का मूल्य सौ रुपये है।
निकाय चुनाव लड़ने वाले आरक्षित श्रेणी के लोगों के लिए अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र की कीमत 250 रुपये है और जमानत राशि चार हजार रुपये है। सदस्य पद के लिए सौ रुपये का नामांकन पत्र और जमानत राशि एक हजार रुपये रखी गई है। नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए यही राशि क्रमश: 125 रुपये और जमानत राशि 2500 रुपये रखी गई है। सदस्य पद के लिए यही राशि क्रमश: 50 और जमानत राशि एक हजार रुपये रखी गई है।