यूपी में स्तन कैंसर के तेजी से बढ़ रहे मामलों के पीछे जागरूकता की भारी कमी हैं। स्वास्थ्य केंद्र के स्तर पर जांच की सुविधा मिलने से इसकी अवेयरनेस को बढ़ाया जा सकता हैं। शुक्रवार को KGMU के शताब्दी फेज-2 सभागार में आयुष्मान भारत से जुड़ी वर्कशॉप में हैं।
उत्तर प्रदेश में अब तक 16 लाख से अधिक लोगों का इस योजना के तहत उपचार हो चुका हैं। स्टेट एजेंसी फॉर कम्प्रेहेंसिव हेल्थ एंड इंटिग्रेटेड सर्विसेज में ट्रेनिंग- वर्कशॉप के जरिए मुहिम चलाने की जिम्मेदारी दी हैं।
KGMU के कुलपति ले. जन. बिपिन पुरी ने कहा कि पश्चिमी देशों की तुलना में भारत में स्तन कैंसर के मामले कम हैं लेकिन देश में मृत्यु दर अधिक है। इसका प्रमुख कारण समय से कैंसर की स्क्रीनिंग का न हो पाना है।
उन्होंने कहा कि कैंसर स्क्रीनिंग को जमीनी स्तर पर अभी और बढ़ाने की जरूरत है। यदि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर कैंसर के शुरूआती लक्षणों की पहचान हो जाए तो देश-प्रदेश में कैंसर पर काबू पाने में सफल हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि कैंसर का मरीज शारीरिक कष्ट के साथ ही मानसिक और आर्थिक कष्ट का भी सामना कर रहा होता हैं। ऐसे में मरीज को यदि घर पर ही परामर्श और देखभाल की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाए तो उनकी बड़ी मदद हो सकेगी।
साचीज की CEO संगीता सिंह ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत देश में पहली बार इतने बड़े पैमाने कैंसर विशेषज्ञों की वर्कशॉप की जा रही है। इससे कैंसर के बेहतरीन इलाज देने में बड़ी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत प्रदेश में पिछले चार साल में 16 लाख से अधिक लोगों ने चिकित्सा का लाभ उठाया है। उन्होंने कैंसर की स्क्रीनिंग बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि योजना के शुरू होने से पहले महिलाओं को स्तन कैंसर का समुचित इलाज नहीं मिल पाता था। अब सर्जरी कराने की उनकी क्षमता नहीं होती थी। अब आयुष्मान योजना के तहत बिना किसी खर्च के सर्जरी की सुविधा उपलब्ध है।