उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू होगा। तीन दिन तक चलेगा। इसमें राज्य सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पहला अनुपूरक बजट 50 हजार करोड़़ रुपए से अधिक का पेश करेगी। इसके साथ ही राज्य सरकार कुछ विधायी कार्य कर सकती है और राज्य विधानमंडल के मानसून सत्र के बाद प्रख्यापित अध्यादेशों को भी पेश कर सकती है।
यूपी विधानमंडल के तीन दिवसीय बजट सत्र की शुरुआत से पहले सोमवार सुबह योगी आदित्यनाथ के आवास पर कैबिनेट की बैठक होगी। कैबिनेट में सदन चलाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक में मंथन किया जाएगा। निकाय चुनाव की आचार संहिता लगने से ठीक पहले शुरू हुए तीन दिवसीय विधानमंडल दल का बजट चुनावी भी होगा। मुख्यमंत्री, दोनों डिप्टी CM समेत योगी सरकार की पूरी कैबिनेट मौजूद रहेगी।
कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि सत्र के पहले दिन निधन पर शोक और 5-6 दिसंबर को सदस्यों के जन्मदिन की बधाई देने के साथ सत्र शुरू होगा। बैठक में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सभी दलीय नेताओं को आश्वस्त किया कि सरकार पूरी गंभीरता के साथ विकास को नई गति देने और उसे आगे बढ़ाने के लिए काम करेगी। सरकार सभी मुद्दों पर सकारात्मक कार्यवाही के लिए प्रतिबद्ध है।
शीतकालीन सत्र को लेकर विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में रविवार को सर्वदलीय बैठक हुई। इसमें उन्होंने सभी दलों के नेताओं से सत्र चलाने में पूरा सहयोग देने की बात कही थी। इस पर सभी दलीय नेताओं ने भी सदन चलाने में सहयोग देने का आश्वासन दिया।
सतीश महाना ने कहा कि संसदीय व्यवस्था में संवाद और सकारात्मक चर्चा-परिचर्चा के माध्यम से लोकतंत्र मजबूत होता है। यह देश की सबसे बड़ी विधानसभा है। इस अवसर पर सभी दलीय नेताओं ने विधानसभा अध्यक्ष की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा कि आपके दिशा-निर्देश में विधानसभा में कुछ नया देखने को मिल रहा है। उम्मीद है कि भविष्य में भी नए प्रयोग के साथ विधानसभा में परिवर्तन देखने को मिलेगा।
रविवार को सर्वदलीय बैठक में समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव की जगह पर मनोज पांडेय शामिल हुए। उन्होंने सत्र के पहले दिन पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित करने का अनुरोध किया। इस पर सभी दलों के नेताओं ने अपनी सहमति जताई।
बैठक में राष्ट्रीय लोक दल के नेता प्रदीप‚ अपना दल (सोनेलाल) के नेता राम निवास वर्मा‚ निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल के नेता संजय निषाद और अनिल कुमार त्रिपाठी‚ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता ओमप्रकाश राजभर‚ कांग्रेस पार्टी की नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’‚ जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के नेता रघुराज प्रताप सिंह ‘राजा भइया’‚ बहुजन समाज पार्टी के नेता उमाशंकर सिंह ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए और सदन की कार्यवाही को व्यवस्थित ढंग से चलाने में हर तरह का सहयोग देने का आश्वासन दिया।